हैदराबाद : फायर सेफ्टी कन्सलटेंट के रूप में काम कर रहे श्रीनिवास वल्लुरी साल 2016 में एनबीसी बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता तिरुपल रेड्डी के साथ खास बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जब भी आग लगने की घटनाएं होती हैं तो आम धारणा है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी है. उन्होंने बताया कि हादसों से बचने के लिए यह जरूरी है कि इलेक्ट्रिक सप्लाई में किसी भी तरह की लीकेज नहीं होनी चाहिए. ओवरलोड से भी बचना चाहिए. ऐसा करने पर हम देशभर में आग लगने की घटनाओं में लगभग 60 फीसदी तक की कमी ला सकते हैं.
दरअसल, विजयवाड़ा के कोविड-19 केयर सेंटर में लगी आग के बाद एक बार फिर उन मानकों की अनदेखी पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं, जिनका भवन निर्माण के दौरान अनिवार्य रूप से पालन किया जाना चाहिए.
भवन निर्माण मानकों और सिस्टम ठीक से काम कर रहा है या नहीं इसे कैसे सुनिश्चित किया जाए? इस सवाल पर श्रीनिवास वल्लुरी ने बताया कि फायर अलार्म और स्मोक डिटेक्शन सिस्टम जैसे विकल्पों को आजमा कर हम हादसों के पहले ही सचेत हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि दूसरी सबसे अहम चीज है जान की सुरक्षा.
उन्होंने बताया कि जान की सुरक्षा के लिए भवन से बाहर निकलने के पर्याप्त इंतजाम जैसे आपातकालीन निकास, निर्बाध सीढ़ियां जैसे होने चाहिए. वल्लुरी ने बताया कि निर्माण के दौरान कंपार्टमेंटेशन और जिस स्थान पर लोग शरण ले सकें (रिफ्यूज एरिया) जैसी चीजों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.
पढ़ेंः आंध्र प्रदेश : कोविड केयर सेंटर में आग लगने से 10 लोगों की मौत
वल्लुरी ने बताया कि आम तौर से भवन निर्माण होने के बाद बिना अनुमति लिए और निर्माण (ऑक्यूपेंसी चेंज) कराए जाते हैं, यह घातक है. उन्होंने बताया कि आम तौर से स्थानीय निकायों से जरूरी निर्माण अनुमति लेने के बाद वास्तविक निर्माण में अंतर होता है. ऐसा करने से खतरा बढ़ जाता है. वार्षिक और द्विवार्षिक जांच के दौरान भी विस्तृत रूप से जांच किए जाने की जरूरत है.
आम जनता को सुझाव के सवाल पर वल्लुरी ने कहा कि आम लोगों को आग बुझाने के उपकरण चलाने का अभ्यास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाहर निकलने के रास्तों के बारे में पर्याप्त जानकारी रखना भी हादसों को कम कर सकता है. उन्होंने कहा कि मॉल, मल्टीप्लेक्स, अस्पताल जैसी जगहों पर सभी लोगों को पता होना चाहिए कि आग लगने के समय कैसा व्यवहार करना है, ऐसा करने से हादसों से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि इन सबमें सबसे अहम है नियमों का पालन. ऐसा करने से हादसे टाले जा सकते हैं.