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अब मध्यम वर्ग के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारी, NITI आयोग ने बनायी रूपरेखा

भारत के लिए स्वास्थ्य प्रणाली एक बहुत बड़ी समस्या है. इसी के मद्देनजर नीति आयोग ने स्वास्थ्य व्यवस्था की एक रूपरेखा तैयार की है. जानें आयोग द्वारा तैयार इस रूपरेखा का क्या है मकसद...

अब मध्यम वर्ग के लिये स्वास्थ्य व्यवस्था बनाने की तैयारी
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Published : Nov 18, 2019, 9:57 PM IST

Updated : Nov 18, 2019, 11:24 PM IST

नई दिल्ली : सरकार अब मध्यम वर्ग के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था तैयार करने पर विचार कर रही है. यह व्यवस्था उन लोगों के लिए होगी, जो अब तक किसी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के दायरे में नहीं आते. नीति आयोग ने इसकी रूपरेखा जारी करते हुए यह बात कही.

गौरतलब है कि इस नयी स्वास्थ्य प्रणाली में उनको शामिल नहीं किया जाएगा, जो आयुष्मान भारत योजना के दायरे में हैं. हाल में शुरू इस योजना के दायरे में कुल आबादी का 40 प्रतिशत आता है. ये वे गरीब लोग हैं, जो स्वयं से स्वास्थ्य योजना लेने की स्थिति में नहीं हैं.

ब्लाक निर्माण-सुधार
नीति आयोग ने नए भारत के लिये स्वास्थ्य प्रणाली 'ब्लाक निर्माण-सुधार के लिये संभावित मार्ग' शीर्षक से रिपोर्ट जारी करते हुए यह बात कही. यह रिपोर्ट नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने जारी की. इस मौके पर बिल और मेलिन्डा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स भी मौजूद थे.

स्वास्थ्य प्रणाली का खाका तैयार करना है मकसद
इस मौके पर नीति आयोग के सलाहकार (स्वास्थ्य) आलोक कुमार ने कहा कि रिपोर्ट का मकसद मध्यम से दीर्घ अवधि के लिये मध्यम वर्ग से जुड़े लोगों के लिये के स्वास्थ्य प्रणाली का खाका तैयार करना है.

इसमें मध्यम वर्ग पर गौर किया गया है क्योंकि गरीबों के लिये पहले ही आयुष्मान भारत योजना शुरू की जा चुकी है, जबकि जो आर्थिक स्थिति से सबल हैं, वे चिकित्सा खर्च को उठाने में सक्षम हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्था की हो देखभाल
कुमार ने कहा, करीब 50 प्रतिशत आबादी अब भी किसी सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ी नहीं है...उनके लिए उनसे मामूली राशि लेकर ऐसी प्रणाली तैयार करने का विचार है जो मध्यम वर्ग की स्वास्थ्य देखभाल जरूरतों को पूरा कर सके.

उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग में आने वाले लोगों को अगर देश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा व्यवस्था के निर्माण के लिये 200 या 300 रुपये देने पड़ते हैं, तो उन्हें कोई समस्या नहीं होगी. यह योजना व्यवहारिक लग रही है.

भारत का भविष्य उज्जवल
इस मौके पर बिल गेट्स ने कहा कि युवा आबादी के कारण भारत का भविष्य काफी उज्ज्वल है. उन्होंने रेखांकित किया कि किसी भी देश की मानव पूंजी वहां के नागरिकों के स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण पर किये गये कुल निवेश का जोड़ है.

हमारा दृष्टिकोण : स्वस्थ भारत
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, हमारा दृष्टिकोण स्वस्थ्य भारत का है और सभी के लिये गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य के लिये हमें स्वास्थ्य सेवा के हर मोर्चे पर स्वास्थ्य सेवा की डिलिवरी व्यवस्था में निजी एवं सार्वजनिक दोनों स्तरों पर व्यापक बदलाव की जरूरत है.

पढ़ें : प्रजा फाउंडेशन ने 'दिल्ली में स्वास्थ्य की स्थिति' पर रिपोर्ट की जारी

स्वास्थ्य का एजेंडा
इस रिपोर्ट में भविष्य की स्वास्थ्य प्रणाली के पांच मुख्य क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है. जन स्वास्थ्य का अपूर्ण एजेंडा पूरा करना, बड़ी बीमा कंपनियों में निवेश करके व्यक्तिगत स्वास्थ्य व्यय को घटाना, सेवा वितरण को आपस में जोड़ना, स्वास्थ्य सेवा का बेहतर खरीददार बनाने के लिए नागरिकों का सशक्तिकरण करना और डिजिटल स्वास्थ्य की शक्ति का लाभ पाना इनमें शामिल हैं.

5 लाख का बीमा कवर
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत कुल आबादी का 40 प्रतिशत नीचे के तबकों को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है.

नई दिल्ली : सरकार अब मध्यम वर्ग के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था तैयार करने पर विचार कर रही है. यह व्यवस्था उन लोगों के लिए होगी, जो अब तक किसी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के दायरे में नहीं आते. नीति आयोग ने इसकी रूपरेखा जारी करते हुए यह बात कही.

गौरतलब है कि इस नयी स्वास्थ्य प्रणाली में उनको शामिल नहीं किया जाएगा, जो आयुष्मान भारत योजना के दायरे में हैं. हाल में शुरू इस योजना के दायरे में कुल आबादी का 40 प्रतिशत आता है. ये वे गरीब लोग हैं, जो स्वयं से स्वास्थ्य योजना लेने की स्थिति में नहीं हैं.

ब्लाक निर्माण-सुधार
नीति आयोग ने नए भारत के लिये स्वास्थ्य प्रणाली 'ब्लाक निर्माण-सुधार के लिये संभावित मार्ग' शीर्षक से रिपोर्ट जारी करते हुए यह बात कही. यह रिपोर्ट नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने जारी की. इस मौके पर बिल और मेलिन्डा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स भी मौजूद थे.

स्वास्थ्य प्रणाली का खाका तैयार करना है मकसद
इस मौके पर नीति आयोग के सलाहकार (स्वास्थ्य) आलोक कुमार ने कहा कि रिपोर्ट का मकसद मध्यम से दीर्घ अवधि के लिये मध्यम वर्ग से जुड़े लोगों के लिये के स्वास्थ्य प्रणाली का खाका तैयार करना है.

इसमें मध्यम वर्ग पर गौर किया गया है क्योंकि गरीबों के लिये पहले ही आयुष्मान भारत योजना शुरू की जा चुकी है, जबकि जो आर्थिक स्थिति से सबल हैं, वे चिकित्सा खर्च को उठाने में सक्षम हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्था की हो देखभाल
कुमार ने कहा, करीब 50 प्रतिशत आबादी अब भी किसी सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ी नहीं है...उनके लिए उनसे मामूली राशि लेकर ऐसी प्रणाली तैयार करने का विचार है जो मध्यम वर्ग की स्वास्थ्य देखभाल जरूरतों को पूरा कर सके.

उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग में आने वाले लोगों को अगर देश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा व्यवस्था के निर्माण के लिये 200 या 300 रुपये देने पड़ते हैं, तो उन्हें कोई समस्या नहीं होगी. यह योजना व्यवहारिक लग रही है.

भारत का भविष्य उज्जवल
इस मौके पर बिल गेट्स ने कहा कि युवा आबादी के कारण भारत का भविष्य काफी उज्ज्वल है. उन्होंने रेखांकित किया कि किसी भी देश की मानव पूंजी वहां के नागरिकों के स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण पर किये गये कुल निवेश का जोड़ है.

हमारा दृष्टिकोण : स्वस्थ भारत
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, हमारा दृष्टिकोण स्वस्थ्य भारत का है और सभी के लिये गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य के लिये हमें स्वास्थ्य सेवा के हर मोर्चे पर स्वास्थ्य सेवा की डिलिवरी व्यवस्था में निजी एवं सार्वजनिक दोनों स्तरों पर व्यापक बदलाव की जरूरत है.

पढ़ें : प्रजा फाउंडेशन ने 'दिल्ली में स्वास्थ्य की स्थिति' पर रिपोर्ट की जारी

स्वास्थ्य का एजेंडा
इस रिपोर्ट में भविष्य की स्वास्थ्य प्रणाली के पांच मुख्य क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है. जन स्वास्थ्य का अपूर्ण एजेंडा पूरा करना, बड़ी बीमा कंपनियों में निवेश करके व्यक्तिगत स्वास्थ्य व्यय को घटाना, सेवा वितरण को आपस में जोड़ना, स्वास्थ्य सेवा का बेहतर खरीददार बनाने के लिए नागरिकों का सशक्तिकरण करना और डिजिटल स्वास्थ्य की शक्ति का लाभ पाना इनमें शामिल हैं.

5 लाख का बीमा कवर
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत कुल आबादी का 40 प्रतिशत नीचे के तबकों को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है.

Intro:New Delhi: Admitting that India spends roughly 1.13 percent of GDP on health sector, Niti Aayog on Monday released Health System for a New India: Building Blocks-Potential Pathways to Reform, a 15 years vision for an inclusive development of country's health sector.


Body:The 285 page report was released by Niti Aayog vice chairman Dr Rajiv Kumar in he presence of Bill Gates, co-chairman of Bill and Melinda Gates foundation in New Delhi.

The report identified five focus area of future health system, deliver on unfinished public health agenda, change health financing away from out of pocket so spend into large insurers, integrate service delivery vertically and horizontally, empower citizens to become better buyers of health, harness the power of digital health.

In the report, the think tank (Niti Aayog) has admitted that currently the government (Union and states put together) spends roughly 1.13 percent of GDP on health, which is grossly inadequate compared to similar spending by other countries.

"As a result, 62 percent of healthcare spending is financed by households through out of pocket expenditure at the point of care," the report said.

The report has also found that India also suffers from inadequate and fragmented delivery of healthcare services.

"Over 98 percent of healthcare facilities in India are those which employee 10 persons or less. A consequences of the fragmented provider space is that the health record of patients lie buried in manual system or in some cases disparate IT systems with little standardisation with almost no possibility of inter-operatibility, thereby limiting the availability of information that could potentially guide the decision on health policy," said the report.

While highlighting transformation in India's health system in the 21st century, the report said that India's health system is still a work in progress and there remains a large unfinished agenda.

"There are significant interstate and intrastate differentials in health outcomes with socia-economically disadvantaged groups being particularly vulnerableto gaps in access as well as quality of healthcare available to them," the report said.

Through this report, Niti Aayog also tried to involve renowned global experts and their collaborators in India to take a look at the current state of affairs prevalent in the health system.

Admitting that health sector fragmentation, market failures, and governance challenges are the key drivers of an underperforming healthcare system in India, the report said that improving health sector performance will save lives, protect households from poverty, improve the patient interface with the health sector and accelerate economic growth.

The report said that with the implementation of six vital suggestions (As mentioned below) India has a unique opportunity to transform its healthcare system over the next decades or so...

(FGX IN

1. Further develop and deliver on the unfinished agenda pertaining to population and public health.

2. Change health system financing structure away from the predominant undesirable out of pocket spending.

3. Reduce fragmentation of riskpools and health service provision.

4. Empower patients to become better purchaser.

5. Harness the power of digital health.

6. Implement PM-JAY with an eye on its potential to influence the overall healthcare transformation in India, beyond its current explicit mandate.

GFX OUT)

Identifying that Risk pooling-the health system's insurance function-is critical for improving access to health service, the report further said that country's robust macroeconomic performance and vibrant growth of its private sector provide an excellent opportunity for introducing the necessary changes in the health sector.


Conclusion:Talking about vision, the report said that India needs to transform its currently fragmented healthcare delivery system into a more organised, accountable and affordable system aligned with public objectives.

"While there is negative consensus on the broad shortcomings of the service delivery system, a positive consensus on the what and how of reforming organisation and provision remains elusive," the report pointed out.

At the same time, the report also highlighted on promoting whole system governance.

"Establish a multi-stakeholder coordination and oversight governance structure in each state with representatives from government, private sector and civil society. There should be capacity building for performance management and evidence based policy making and implementation monitoring with a focus at the state level," the report suggested.

end
Last Updated : Nov 18, 2019, 11:24 PM IST
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