नई दिल्ली : गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) के आधुनिकरण पर बहुत ही अधिक ध्यान दे रही है. वह एनडीआरएफ के 15वें स्थापना दिवस पर शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे.
नित्यानंद ने एनडीआरफ के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा 2006 में स्थापना के बाद से ही इस संगठन ने कई उपलब्धियां अर्जित की हैं.
आपको बता दें कि प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदा से लड़ने के लिए एनडीआरएफ का गठन किया गया था.
इस मौके पर एनडीआरएफ के महानिदेशक एस.एन. प्रधान ने भी संगठन कार्यों और चुनौतियों की चर्चा की और कहा कि चक्रवाती तूफान 'फानी' हामारे संगठन के लिए सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण कार्य था.
स्थापना समारोह के मौके पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रधान ने कहा कि केरल बाढ़, चेन्नई शहरी बाढ़ और महालक्ष्मी एक्सप्रेस जैसे संकट एनडीआरएफ लिए बड़ी चुनौतियां थीं.
प्रधान ने कहा, 'जहां तक मेरा मानना है, पिछले 15 सालों में फानी तूफान एनडीआरएफ के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. केरल व,चेन्नई की बाढ़ और महालक्ष्मी एक्सप्रेस संकट जैसे कुछ चुनौतियां हामारे सामने आए, जिनका हमारे एनडीएफ के बलों ने बहादुरी से सामना किया.'
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आपको बता दें कि 2019 चक्रवाती तूफान भारत के तट से टकराया था. इस तूफान ने ज्यादातर भारत के पूर्वी हिस्से और बांग्लादेश को प्रभावित किया था. आकड़ों के मुताबिक इस तूफान में लगभग 72 लोगों की जान चली गई थी और बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. ऐसे ही 2018 का केरल की बाढ़ थी, जिसमें 500 लोगों की जान चली गई थी और 140 लोग लापता हो गए थे, केरल इस बाढ़ की वजह से महीनों प्रभावित रहा था.
2015 में चेन्नई में भारी बारिश की वजह से बाढ़ आ गई थी, जिसमें 400 से ज्यादा लोग मारे गए थे. ऐसा ही महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन संकट के दौरान एनडीआरएफ की टीम ने अपने ऑपरेशन के दौरान 1,050 लोगों को बचाया गया था.
एनडीआरएफ की उपलब्धियों के बारे में प्रधान ने कहा, 'हमारा प्रयास अंतरराष्ट्रीय मानकों पर अपने संगठन को खरा उतारना है.'
देश के अंदर एनडीआरएफ के महत्व की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में जहां कई तरह की प्राकृतिक आपदाएं आती रहती है, ऐसे बलों की खास जरूरत है.
प्रधान ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम सभी जिलों में तकरीबन 10,000 से अधिक नेहरू युवा केंद्रों के सदस्यों को प्रशिक्षित कर रहे है, ताकि जब भी कोई आपदा आती है, तब हम इनका बेहतर इस्तेमाल कर सकें.'