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भारत में प्राकृतिक आपदाओं के वक्त NDRF जैसे बलों की खास जरूरत

राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने शनिवारको अपना 15वां स्थापना दिवस. इस मौके पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने NDRF के आधुनिकीकरण पर बल दिया. इस अवसर पर एनडीआरएफ के महानिदेशक एस.एन. प्रधान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.देखें पूरी खबर...

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NDRF टीम
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Published : Jan 18, 2020, 10:52 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 11:46 PM IST

नई दिल्ली : गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) के आधुनिकरण पर बहुत ही अधिक ध्यान दे रही है. वह एनडीआरएफ के 15वें स्थापना दिवस पर शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे.

नित्यानंद ने एनडीआरफ के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा 2006 में स्थापना के बाद से ही इस संगठन ने कई उपलब्धियां अर्जित की हैं.

नित्यानंद राय (वीडियो)

आपको बता दें कि प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदा से लड़ने के लिए एनडीआरएफ का गठन किया गया था.

इस मौके पर एनडीआरएफ के महानिदेशक एस.एन. प्रधान ने भी संगठन कार्यों और चुनौतियों की चर्चा की और कहा कि चक्रवाती तूफान 'फानी' हामारे संगठन के लिए सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण कार्य था.

एनडीआरएफ के महानिदेशक एस.एन. प्रधान से ईटीवी भारत की बातचीत.

स्थापना समारोह के मौके पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रधान ने कहा कि केरल बाढ़, चेन्नई शहरी बाढ़ और महालक्ष्मी एक्सप्रेस जैसे संकट एनडीआरएफ लिए बड़ी चुनौतियां थीं.

प्रधान ने कहा, 'जहां तक मेरा मानना है, पिछले 15 सालों में फानी तूफान एनडीआरएफ के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. केरल व,चेन्नई की बाढ़ और महालक्ष्मी एक्सप्रेस संकट जैसे कुछ चुनौतियां हामारे सामने आए, जिनका हमारे एनडीएफ के बलों ने बहादुरी से सामना किया.'

यह भी पढ़ें-- बिना ट्रेनिंग दिए NDRF की टीम लौटी, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल देने आई थी ट्रेनिंग

आपको बता दें कि 2019 चक्रवाती तूफान भारत के तट से टकराया था. इस तूफान ने ज्यादातर भारत के पूर्वी हिस्से और बांग्लादेश को प्रभावित किया था. आकड़ों के मुताबिक इस तूफान में लगभग 72 लोगों की जान चली गई थी और बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. ऐसे ही 2018 का केरल की बाढ़ थी, जिसमें 500 लोगों की जान चली गई थी और 140 लोग लापता हो गए थे, केरल इस बाढ़ की वजह से महीनों प्रभावित रहा था.

2015 में चेन्नई में भारी बारिश की वजह से बाढ़ आ गई थी, जिसमें 400 से ज्यादा लोग मारे गए थे. ऐसा ही महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन संकट के दौरान एनडीआरएफ की टीम ने अपने ऑपरेशन के दौरान 1,050 लोगों को बचाया गया था.

एनडीआरएफ की उपलब्धियों के बारे में प्रधान ने कहा, 'हमारा प्रयास अंतरराष्ट्रीय मानकों पर अपने संगठन को खरा उतारना है.'

देश के अंदर एनडीआरएफ के महत्व की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में जहां कई तरह की प्राकृतिक आपदाएं आती रहती है, ऐसे बलों की खास जरूरत है.

प्रधान ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम सभी जिलों में तकरीबन 10,000 से अधिक नेहरू युवा केंद्रों के सदस्यों को प्रशिक्षित कर रहे है, ताकि जब भी कोई आपदा आती है, तब हम इनका बेहतर इस्तेमाल कर सकें.'

नई दिल्ली : गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) के आधुनिकरण पर बहुत ही अधिक ध्यान दे रही है. वह एनडीआरएफ के 15वें स्थापना दिवस पर शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे.

नित्यानंद ने एनडीआरफ के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा 2006 में स्थापना के बाद से ही इस संगठन ने कई उपलब्धियां अर्जित की हैं.

नित्यानंद राय (वीडियो)

आपको बता दें कि प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदा से लड़ने के लिए एनडीआरएफ का गठन किया गया था.

इस मौके पर एनडीआरएफ के महानिदेशक एस.एन. प्रधान ने भी संगठन कार्यों और चुनौतियों की चर्चा की और कहा कि चक्रवाती तूफान 'फानी' हामारे संगठन के लिए सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण कार्य था.

एनडीआरएफ के महानिदेशक एस.एन. प्रधान से ईटीवी भारत की बातचीत.

स्थापना समारोह के मौके पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रधान ने कहा कि केरल बाढ़, चेन्नई शहरी बाढ़ और महालक्ष्मी एक्सप्रेस जैसे संकट एनडीआरएफ लिए बड़ी चुनौतियां थीं.

प्रधान ने कहा, 'जहां तक मेरा मानना है, पिछले 15 सालों में फानी तूफान एनडीआरएफ के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. केरल व,चेन्नई की बाढ़ और महालक्ष्मी एक्सप्रेस संकट जैसे कुछ चुनौतियां हामारे सामने आए, जिनका हमारे एनडीएफ के बलों ने बहादुरी से सामना किया.'

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आपको बता दें कि 2019 चक्रवाती तूफान भारत के तट से टकराया था. इस तूफान ने ज्यादातर भारत के पूर्वी हिस्से और बांग्लादेश को प्रभावित किया था. आकड़ों के मुताबिक इस तूफान में लगभग 72 लोगों की जान चली गई थी और बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. ऐसे ही 2018 का केरल की बाढ़ थी, जिसमें 500 लोगों की जान चली गई थी और 140 लोग लापता हो गए थे, केरल इस बाढ़ की वजह से महीनों प्रभावित रहा था.

2015 में चेन्नई में भारी बारिश की वजह से बाढ़ आ गई थी, जिसमें 400 से ज्यादा लोग मारे गए थे. ऐसा ही महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन संकट के दौरान एनडीआरएफ की टीम ने अपने ऑपरेशन के दौरान 1,050 लोगों को बचाया गया था.

एनडीआरएफ की उपलब्धियों के बारे में प्रधान ने कहा, 'हमारा प्रयास अंतरराष्ट्रीय मानकों पर अपने संगठन को खरा उतारना है.'

देश के अंदर एनडीआरएफ के महत्व की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में जहां कई तरह की प्राकृतिक आपदाएं आती रहती है, ऐसे बलों की खास जरूरत है.

प्रधान ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम सभी जिलों में तकरीबन 10,000 से अधिक नेहरू युवा केंद्रों के सदस्यों को प्रशिक्षित कर रहे है, ताकि जब भी कोई आपदा आती है, तब हम इनका बेहतर इस्तेमाल कर सकें.'

Intro:New Delhi: Director General of National Disaster Response Force (NDRF) SN Pradhan on Saturday said that cyclonic storm Fani was the most challenging task for the organisation ever since it was a formed in 2006.


Body:Talking to ETV Bharat in an exclusive interview, Pradhan said that other disaster like Kerala flood, Chennai urban flooding, Mahalaxmi Express crisis were also other major challenges for the organisation.

"As far as I believe, in the last 15 years Fani was a biggest challenge for NDRF...added with it other incidents like Chennai flooding, Kerala flood and Mahalaxmi Express crisis were few other challenges the force had to confront with," said Pradhan.

It was in 2019 Cyclonic storm Fani had created ripples in India. Fani had mostly affected eastern Indian and Bangladesh too. As per records, Fani killed 72 people and caused major damages. Odisha and parts of Bengal were mostly affected by Fani. More than 64 people have died due to Faninin Odisha.

Similarly, in Kerala flood in 2018, nearly 500 people have died and more than 140 went missing. Several districts of Kerala were badly affected.

In the 2015 Chennai urban flood that was resulted due to heavy rainfall, more than 400 people were killed. It had affected some parts of Andhra Pradesh also.

Similarly, the Mahalaxmi Express crisis also created headlines in July last year. More than 1,050 passengers were rescued in the operation. The Mumbai to Kolhapur Mahalaxmi Express was stuck in the swirling waters of Ulhas river on the outskirts of Mumbai.

Talking about the achievement of the Force, Pradhan said that it's legacy has resulted working at an "international standard".

"For a country like India which is vulnerable to multiple disaster dereseve a force like NDRF," said Pradhan.

Pradhan said that his organisation has also taken an initiative to train volunteers at a bigger level.



Conclusion:"We are training more than 10,000 Nehru Yuva Kendra members in all districts so that they could come forward as a first responder of any disaster," said Pradhan.

He also said that NDRF is on a mission to develop its technology gadgets too.

"We are making maximum use of technology...we are using artificial intelligence as well in our work," said Pradhan.

Being the only dedicated force in India to fight against every kind of natural and man-made disaster, NDRF was engaged with thousands of such cases since 2006.

end.
Last Updated : Jan 18, 2020, 11:46 PM IST
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