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अयोध्या राम मंदिर शिलान्यास के लिए महाकाल मंदिर से भेजी जाएगी भस्मी - आस्था का केंद्र अयोध्या राम मंदिर

करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र अयोध्या राम मंदिर के शिलान्यास के लिए महाकाल मंदिर उज्जैन से भस्मी और मिट्टी भेजी जाएगी. 5 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी मंदिर का शिलान्यास करेंगे.

महाकाल मंदिर
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Published : Jul 24, 2020, 12:38 PM IST

भोपाल : भारत देश के करोड़ों लोगों की आस्था का मुख्य केंद्र रहा अयोध्या का राम मंदिर, जिसके नींव पूजन के लिए पांच अगस्त की तारीख तय कर दी गई है. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. उज्जैन के महाकाल वन से मिट्टी और विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से भस्मी भी पूजा के लिए अयोध्या पहुंचाई जाएगी.

मान्यता है कि भगवान राम उज्जैन आए थे और उन्होंने शिप्रा नदी के तट पर पूजा अर्चना की थी, जिसके बाद से ही शिप्रा नदी के एक घाट का नाम राम घाट पड़ गया. अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर बनने की शुरुआत होने जा रही है, जिसके लिए 5 अगस्त की तारीख नींव पूजन की रखी गई है.

जानकारी देते आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर.

इसके लिए उज्जैन के महाकाल वन से मिट्टी और 12 ज्योतिर्लिंगों से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में चढ़ने वाली भस्मी और बेल पत्र भी अयोध्या के राम मंदिर में पूजन के लिए पहुंचाया जाएगा.

आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक सदस्य महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने बताया कि, संभवतः 2 से 3 तारीख को उज्जैन के शिप्रा नदी में स्नान, ध्यान, पूजन, अर्चन के बाद महाकाल वन से मिट्टी और महाकाल मंदिर से भस्म लेकर अयोध्या रवाना होंगे.

भोपाल : भारत देश के करोड़ों लोगों की आस्था का मुख्य केंद्र रहा अयोध्या का राम मंदिर, जिसके नींव पूजन के लिए पांच अगस्त की तारीख तय कर दी गई है. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. उज्जैन के महाकाल वन से मिट्टी और विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से भस्मी भी पूजा के लिए अयोध्या पहुंचाई जाएगी.

मान्यता है कि भगवान राम उज्जैन आए थे और उन्होंने शिप्रा नदी के तट पर पूजा अर्चना की थी, जिसके बाद से ही शिप्रा नदी के एक घाट का नाम राम घाट पड़ गया. अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर बनने की शुरुआत होने जा रही है, जिसके लिए 5 अगस्त की तारीख नींव पूजन की रखी गई है.

जानकारी देते आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर.

इसके लिए उज्जैन के महाकाल वन से मिट्टी और 12 ज्योतिर्लिंगों से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में चढ़ने वाली भस्मी और बेल पत्र भी अयोध्या के राम मंदिर में पूजन के लिए पहुंचाया जाएगा.

आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक सदस्य महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने बताया कि, संभवतः 2 से 3 तारीख को उज्जैन के शिप्रा नदी में स्नान, ध्यान, पूजन, अर्चन के बाद महाकाल वन से मिट्टी और महाकाल मंदिर से भस्म लेकर अयोध्या रवाना होंगे.

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