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भारत में पहली बार स्नो शूइंग खेल, औली में व्यवसायियों के खिले चेहरे

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Published : Dec 22, 2019, 9:27 PM IST

औली अब सिर्फ स्कीइंग ही नहीं बल्कि स्नो शूइंग के लिए भी जाना जाएगा. स्नो शूइंग में बर्फ पर चलने के लिए खास जूतों का इस्तेमाल किया जाता है. इन जूतों की खासियत यह है कि इन्हें पहनकर 5 फीट या इससे अधिक बर्फ पर भी आसानी से चला जा सकता है.

snow shoeing games in india
डिजाइन फोटो

देहरादून : उत्तराखंड में चमोली के विश्वप्रसिद्ध हिमक्रीड़ा स्थल औली में स्नो शूइंग खेलों की शुरुआत हो गई है. इसके साथ ही औली आने वाले पर्यटकों व स्कीइंग खेल प्रेमियों को स्नो शूइंग का मजा लेने का मौका मिलेगा. स्नो शूइंग एक खेल के साथ ही आम पर्यटकों के लिए बर्फ पर चलने का एक साधन भी है.

अब तक स्नो शूइंग खेल अमेरिका और यूरोपीय देशों के बर्फीले स्थानों पर ही होते रहे हैं. स्नो शूइंग खेल की भारत में पहली बार शुरुआत हुई है. यह खेल शुरू होने से स्थानीय लोगों और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों में खासा उत्साह है.

औली में स्नो शूइंग खेल का आयोजन

क्या है स्नो शूइंग
औली अब सिर्फ स्कीइंग ही नहीं बल्कि स्नो शूइंग के लिए भी जाना जाएगा. इसकी खासियत यह है कि स्नो शूइंग के जूते पहनकर 5 फीट या इससे अधिक बर्फ पर भी आसानी से चला जा सकता है. यह बर्फ पर चलने का विदेशी फार्मूला है. औली में इसकी शुरुआत होने के बाद अब इसे व्यावसायिक तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे पर्टन को और बढ़ावा मिलेगा.

पढ़ें-हिंद महासागर में उठे इस साल सर्वाधिक चक्रवाती तूफान, टूटा 125 साल का रिकार्ड

औली में स्नो शूइंग कार्यक्रम का शुभारम्भ जोशीमठ के उपजिलाधिकारी अनिल चन्याल ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्नो शूइंग खेल का भारत में पहली बार औली में आयोजन किया जा रहा है. इससे पर्यटन में इजाफा होने की काफी उम्मीद है.

देहरादून : उत्तराखंड में चमोली के विश्वप्रसिद्ध हिमक्रीड़ा स्थल औली में स्नो शूइंग खेलों की शुरुआत हो गई है. इसके साथ ही औली आने वाले पर्यटकों व स्कीइंग खेल प्रेमियों को स्नो शूइंग का मजा लेने का मौका मिलेगा. स्नो शूइंग एक खेल के साथ ही आम पर्यटकों के लिए बर्फ पर चलने का एक साधन भी है.

अब तक स्नो शूइंग खेल अमेरिका और यूरोपीय देशों के बर्फीले स्थानों पर ही होते रहे हैं. स्नो शूइंग खेल की भारत में पहली बार शुरुआत हुई है. यह खेल शुरू होने से स्थानीय लोगों और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों में खासा उत्साह है.

औली में स्नो शूइंग खेल का आयोजन

क्या है स्नो शूइंग
औली अब सिर्फ स्कीइंग ही नहीं बल्कि स्नो शूइंग के लिए भी जाना जाएगा. इसकी खासियत यह है कि स्नो शूइंग के जूते पहनकर 5 फीट या इससे अधिक बर्फ पर भी आसानी से चला जा सकता है. यह बर्फ पर चलने का विदेशी फार्मूला है. औली में इसकी शुरुआत होने के बाद अब इसे व्यावसायिक तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे पर्टन को और बढ़ावा मिलेगा.

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औली में स्नो शूइंग कार्यक्रम का शुभारम्भ जोशीमठ के उपजिलाधिकारी अनिल चन्याल ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्नो शूइंग खेल का भारत में पहली बार औली में आयोजन किया जा रहा है. इससे पर्यटन में इजाफा होने की काफी उम्मीद है.

Intro:विश्वप्रशिद्ध हिमक्रीड़ा स्थल औली में स्नोसुइंग खेल की शुरुवात हो गई है। जिसके साथ अब औली आने वाले पर्यटकों व स्कीइंग खेल प्रेमियों सहित हर किसी को औली में स्नोसुइंग का मजा लेने को मिलेगा।स्नोसुइंग एक खेल भी है और आम पर्यटकों के लिए बर्फ में चलने के लिए एक संसाधन भी है।स्नोवसुइंग आज तक अमेरिका और यूरोप के देशों में बर्फीली जगह पर ही होते रहे है। लेकिन भारत में पहली बार उत्तराखंड के औली में 5 फीट बर्फ के बीच स्नोसुइंग खेल शुरू किया गया है। स्थानीय लोगो और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों द्वारा प्रशासन के साथ मिलकर स्नोवसुइंग खेल को शुरू किया गया।

रेडी टू एयर पैकेज वीडियो मेल पर भेजा है।


Body:विश्व प्रसिद्ध हीम क्रीड़ा स्थल औली अब सिर्फ स्कीइंग ही नहीं बल्कि स्नोवसुइंग के लिए भी जाना जाएगा। स्नोवसुइंग की खासियत यह है कि इनको पहनकर आप 5 फीट या इससे अधिक बर्फ के ऊपर आराम से पैदल चल सकते हैं।यह बर्फ में चलने का विदेशी फार्मूला है ।और औली में शुरुवात होने के बाद अब स्नोसुइंग भारत में भी कमर्शियल उपयोग के लिए पहली बार लांच हुई है।जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।


Conclusion:औली में स्नोवसुइंग कार्यक्रम का सुभारम्भ करने पहुंचे उपजिलाधिकारी जोशीमठ अनिल चन्याल ने कहा कि स्नोसुइंग खेल को भारत मे पहली बार जोशीमठ स्थित हिमक्रीड़ा स्थल में शुरू किया जा रहा है।जिससे कि पर्यटन में इजाफा होने की उम्मीद है ,साथ ही अमेरिकी और यूरोपीय देशों में स्नोवसुइंग खेलो का आयोजन किया जाता रहता है।

बाईट-अजय भट्ट-स्नोसुइंग कोच।

बाईट-अनिल चन्याल् -उपजिलाधिकारी जोशीमठ।

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