नई दिल्ली : केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष को एक नोटिस नियम 374 के तहत एक नोटिस सौंपा है. इस नोटिस में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ कथित खराब बर्ताव करने के लिए दो कांग्रेस सांसदों के खिलाफ सदन में कार्रवाई करने की मांग की है.
लोकसभा में उन्नाव बलात्कार मामले पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के कुछ सदस्यों के साथ तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि वह इस घटना 'स्तब्ध' हैं. उन्होंने अब देखना है कि विपक्ष उन्हें महिला के पक्ष में बोलने की क्या सजा देता है.
लोकसभा के घटनाक्रम पर स्मृति ईरानी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, 'बांह चढ़ाकर मारने की भावमुद्रा के साथ एक पुरुष सांसद मेरी तरफ आए, जिसके बाद एक युवा सांसद ने कहा कि मैं बोली ही क्यों मैं इससे स्तब्ध हूं.'
उन्होंने कहा, 'मैं भाजपा की कार्यकर्ता हूं और मैं देखना चाहूंगी कि सदन में सोमवार को महिला के पक्ष में बोलने की विपक्ष मुझे और क्या सजा देने वाला है.'
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस के दो सांसदों को माफी मांगनी चाहिए या उन्हें निलंबित किया जाना चाहित तो स्मृति ने कहा, 'अगर कोई सांसद बांह चढ़ाकर मेरी तरफ मारने के लिए आता है तो उसके खिलाफ क्या करना चाहिए?'
गौरतलब है कि उन्नाव में बलात्कार पीड़िता को जलाये जाने की घटना पर चर्चा के दौरान शुक्रवार को लोकसभा में कांग्रेस के कुछ सदस्यों और स्मृति ईरानी के बीच तीखी नोंकझोक हो गई.
सरकार ने कांग्रेस सदस्यों के 'धमकी भरे लहजे' पर गहरी आपत्ति व्यक्त करते हुए दो सदस्यों टी एन प्रतापन एवं डीन कुरियाकोस के माफी मांगने की मांग की .'
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लोकसभा में इस नोकझोंक की शुरुआत उस वक्त हुई जब शून्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता अधीररंजन चौधरी ने उन्नाव की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि आज हम एक तरफ राम मंदिर बनाने वाले हैं दूसरी तरफ देश में ‘सीताएं जलाई जा रही हैं.
इस पर पलटवार करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बलात्कार जैसी घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.