'मैं आपके सामने एक नया ब्राजील प्रस्तुत करता हूं, जो समाजवाद के कगार पर होने के बाद पुनरुत्थानवादी है. ब्राजील अपने लोगों की आकांक्षाओं और आदर्शों पर फिर से अपना रास्ता बना रहा है. मेरी सरकार में, ब्राजील विश्व के विश्वास को फिर से जोड़ने के लिए काम कर रहा है. बेरोजगारी और हिंसा को कम करने का प्रयास हो रहा है. व्यापार को नौकरशाही के चंगुल से मुक्त किया जा रहा है. यह कथन ब्राजील के राष्ट्रपति जायर मेसियस बोलसोनारो का है, जब वे संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74 वें सत्र को संबोधित कर रहे थे.
उदारवादी प्रतिष्ठान द्वारा लाए गए नैतिक और बहुसांस्कृतिक गिरावट से ब्राजील को बचाने के लिए 2018 में सत्ता में आने वाले समाजवादियों के एक बड़े प्रतिद्वंद्वी, बोलसनोरो ने आगे कहा, 'मेरा देश समाजवाद के बेहद करीब रहा है, जिसने हमें एक स्थिति में डाल दिया है, जिसकी वजह से भ्रष्टाचार बढ़ा, गंभीर आर्थिक मंदी आई, अपराध के दर बढ़ गए, और परिवारिक और धार्मिक मूल्यों निर्बाध हमले होते रहे, जिससे हमारी परंपरा बनती है.'
दक्षिण अमेरिका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक (1.8 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर) के राष्ट्रपति के विचारों में उत्तर के नेता (ट्रंप की जीत) के साथ समानताएं हैं, जिन्होंने नवंबर 2016 में चुनावी जीत हासिल की थी. इसे ब्लैक स्वान (असामान्य) घटना बताया गया. लूला डिसिल्वा की न्यायिक अयोग्यता के बाद बोलसोनारो की राह आसान हो गई. दोनों नेता स्थापना विरोधी आधार पर लड़े. दक्षिणपंथी लोकलुभावन वैचारिक मान्यताओं को साझा करते हैं. विवादों को तूल देते हैं. सोशल मीडिया पर उग्र रहते हैं. दोनों ही नेता जलवायु परिवर्तन को संदेह की नजर से देखते हैं. आव्रजन और अल्पसंख्यकों के दोनों ही प्रशंसक नहीं हैं. दोनों ने वित्तीय विरासत को दागदार किया है. तब कोई आश्चर्य नहीं कि जब बोलसोनारो को ट्रम्प ऑफ ट्रॉपिक्स के रूप में संदर्भित किया जाता है. पूर्व अमेरिकी एनएसए जॉन बोल्टन ने एक बार चुटकी ली कि डोनाल्ड ट्रम्प को उत्तरी अमेरिका के बोल्नसोरो के रूप में संदर्भित किया जा सकता है.
राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान बोलसोनारो ने कहा था कि ट्रम्प ने उन्हीं हमलों का सामना किया, जिनका मैं सामना कर रहा हूं. जिस तरह से ट्रंप को फासीवादी, होमोफोब, नस्लवादी, नाजी बताया गया, फिर भी वे विजयी हुई. उसी तरह से मैं भी लड़ रहा हूं, और ब्राजील को फिर से महान बनाना चाहता हूं.
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के डीन प्रोफेसर श्रीराम चुलिया ने अपनी किताब 'ट्रंप्ड इमर्जिंग पावर्स इन ए पोस्ट अमेरिकन वर्ल्ड' में लिखा है कि एक वैकल्पिक राष्ट्रवादी विश्व व्यवस्था की दृष्टि जो उदार अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को दफन करती है, उनके लिए यह मजबूर फैक्टर है. जिसका मूल्य उस नई दिशा में कम नहीं आंका जा सकता है. जैसा कि अभी यूएस-ब्राजील के बीच है.
ब्राजील पर अपने अध्याय में, चुलिया ने बताया कि कैसे अमेरिका और ब्राजील के बीच अभूतपूर्व गठबंधन बन गया है. यह बिल्कुल ही शीत युद्ध के दौरान के समय को याद दिलाता है. प्रतिद्वंद्विता से स्वच्छंद साझेदारी की ओर बढ़ गए. बोलसोनारो के पूर्ववर्ती लूला या कार्डसो या गॉलार्ट इनके ठीक विपरीत थे.
प्रारंभिक जीवन
1955 में एक दंत चिकित्सक पिता के पास जन्मे, जिन्होंने कथित तौर पर बिना डिग्री के ही प्रैक्टिस किया करते थे और बाद में प्रोस्थेटिक्स में स्थानांतरित हो गए. बोलासनोरो छोटे से शहर एल्डोराडो में पैदा हुआ. वे पांच भाई-बहनों के साथ बड़े हुए. उन्होंने 1977 में अगुलहास नेग्रस मिलिट्री अकादमी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. 17 साल तक सेना में सेवा देने के बाद एक कैप्टन के पद तक पहुंचे, जिसमें एक पैराट्रूपर के रूप में एक स्टेंट भी शामिल था. 1986 में उन्होंने लोकप्रिय पत्रिका वेजा के लिए सेना की वेतन प्रणाली के एक लेख को महत्वपूर्ण बताते हुए अपने शुरुआती विवादों को खारिज कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उनके वरिष्ठों और अन्य अधिकारियों और परिवारों के समर्थन से कुछ निंदा हुई. 1988 में सेना छोड़ने के बाद, 1988 में बाद में और बाद में 1990 में रियो डी जनेरियो सिटी काउंसिल में जीती गई सीट के साथ बोलांसोरो की राजनीतिक पारी शुरू हुई.
ब्राजील के संघीय चैंबर ऑफ डेप्युटी में एक सीट जो उन्होंने लगातार सात बार जीती. 2016 में भ्रष्टाचार के आरोपों में आपराधिक दोष सिद्ध होने के बाद लूला के अयोग्य घोषित किए जाने के बाद 2016 में वह एक अतिवादी कानूनविद से सर्वोच्च पद पर आसीन हुए.
विवादों के कई शेड्स
210 मिलियन की आबादी वाले देश के नेता 65 वर्षीय बोलसोनारो ने लंबे समय तक ब्राजील में सैन्य शासन काल की वापसी की वकालत की. विवादों से कभी भी उनका नाम पीछे नहीं छूटा है. बोलसोनारो वामपंथ विरोधी और मुख्य रूप से रूढ़िवादी हैं.
उनकी कई विवादास्पद टिप्पणियों में उनका बयान शामिल है कि वह एक समलैंगिक बेटे से प्यार करने में असमर्थ होंगे. उन्होंने कहा था कि वह चाहेंगे कि इससे बेहतर हो कि उनका बेटा किसी दुर्घटना में मर जाए बजाए किसी मूंछ वाले आदमी के साथ दिखे. हाल ही में जब चैंबर ऑफ डेप्युटीस की एक महिला सदस्य मारिया रोजारियो ने उन्हें बलात्कारी कहा, तो बोलसोनारो ने कहा कि मैं आपका बलात्कार नहीं करूंगा क्योंकि आप इसके लायक नहीं हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने अपने इस बयान का जब स्पष्टीकरण दिया, तो पहले से भी भयानक बयान दे डाला. उन्होंने कहा कि यदि मैं बलात्कारी होता भी, तो आपका नहीं करता, क्योंकि आप मेरे टाइप की नहीं हैं. 2015 में एक अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी संकट के बीच बोलसोनारो ने कहा कि वे लोग पृथ्वी का मैल हैं.
गलत तरीके से कामोत्तेजना और लिंगवाद, ट्रम्प और बोलान्सोरो दोनों के साथ चिपक जाता है. खास कर वे दोनों जिस तरह से इसकी परवाह नहीं करते. ट्रंप ने इस साल घरेलू कार्यक्रम का हवाला देते हुए भारतीय गणतंत्र दिवस पर अतिथि बनने से इनकार कर दिया. इसके बाद पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया. 1996 और 2004 के बाद रिपब्लिकन डे परेड के लिए मुख्य अतिथि होने के लिए बोलसोनारो तीसरे ब्राजील के राज्य प्रमुख हैं. संयोग से 2019 में ब्राजील ने भी बोलसोनारो के तहत एक अभियान का नेतृत्व किया, जिसमें भारत पर अपने गन्ना किसानों को समर्थन देने में डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) नियमों के तहत अनुमेय सीमाओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया.
बोलसोनारो की भारत यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह ने कहा, 'राष्ट्रपति बोलसोनारो एक लोकतांत्रिक देश के एक चुने हुए नेता हैं, ब्राजील इस क्षेत्र में उभरती हुई शक्ति है. यह वह देश है, जिसके साथ हमारे बहुत मजबूत और मजबूत संबंध हैं, भारत और ब्राजील के बीच कन्वरजेंस के कई क्षेत्र हैं. हम ब्राजील और इसके नेताओं के साथ जुड़ाव को आगे बढ़ाने और अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए संलग्न करने के लिए बहुत महत्व देते हैं.'
(स्मिता शर्मा)