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जम्मू-कश्मीर में सामान्य हो रहे हैं हालात, स्कूलों में पहुंचे करीब 50 फीसदी कर्मचारी

जम्मू-कश्मीर के हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों के खुलने के बाद 30-50 प्रतिशत कर्मचारी स्कूलों में मौजूद रहे. जानें पूरा विवरण

प्रेस वार्ता में अधिकारी
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Published : Aug 19, 2019, 6:28 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 1:28 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की सूचना और जनसंपर्क निदेशक सैयद शहरीश असगर ने कहा है कि प्रदेश में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं. उन्होंने सेंट्रल कश्मीर के डीआईजी वीके बिरदी और स्कूली शिक्षा निदेशक युनूस मलिक के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता की.

सहरीश असगर ने पत्रकारों को बताया कि जम्मू क्षेत्र में कानून-व्यवस्था उल्लंघन की कोई घटना दर्ज नहीं की गई है. कश्मीर में लागू प्रतिबंधों में ढील के बाद स्कूल दोबारा खोल दिए गए हैं और शिक्षक काम पर लौट आए हैं, लेकिन छात्रों की उपस्थिति अधिक नहीं रही.

उन्होंने कहा, 'रविवार को कुछ तत्वों ने अफवाह फैलाई. सरकार लोगों से आग्रह कर रही है कि वे निहित स्वार्थों के लिए फैलाई जा रही किसी अफवाह पर भरोसा नहीं करें.असगर ने कहा, 'पूरी घाटी में कानून-व्यवस्था उल्लंघन की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है. लोग आमतौर पर सहयोगात्मक रुख अपना रहे हैं.

प्रेस वार्ता में जानकारी देतीं सैयद शहरीश असगर

छात्र-छात्राओं की संख्या कम
जनसंपर्क निदेशक सैयद शहरीश असगर ने बताया कि कल रविवार को जारी आदेश के बाद खोले गए 190 स्कूलों में 166 श्रीनगर में हैं. उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में 30-50 प्रतिशत कर्मचारी उपस्थित रहे. सभी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति कम रही. उन्होंने कहा कि घाटी के अन्य जिलों में भी ऐसे ही हालात रहे.

ओवरऑल हालात सामान्य
सेंट्रल कश्मीर के डीआईजी वीके बिर्दी ने बताया कि पत्थरबाजी की कुछ घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन उनसे कानूनी प्रावधानों के तहत निपटा गया. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में ओवरऑल हालात सामान्य हैं.

सेंट्रल कश्मीर के डीआईजी का बयान

बिर्दी ने बताया कि हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है और स्थिति धीरे-धीरे समान्य हो रही है. कुल मिलाकर कानून व्यवस्था उल्लंघन की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. इससे पहले प्रतिबंधों में ढील के बाद कश्मीर के कई स्कूलों के शिक्षक काम पर लौट आए, हालांकि, छात्रों की उपस्थिति कम रही.

पढ़ें: 'बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद युद्ध के लिए तैयार थी भारतीय सेना'

स्कूली शिक्षा निदेशक युनुस मलिक ने बताया कि गांदेर बल में 216 स्कूलों में 30-40 प्रतिशत कर्मचारी हाजिर हुए. उन्होंने बताया कि छात्रों की 18 प्रतिशत रही.

प्रेस वार्ता में स्कूली शिक्षा निदेशक

बकौल युनुस मलिक पुलवामा के कुछ जोन को ओपन किया गया था. बाथिन, ख्रीयू और नाडिमर्ग जैसे इलाकों में स्थानीय कर्माचारी स्कूल पहुंचे. इन जगहों पर छात्रों की उपस्थिति काफी कम दर्ज की गई.

अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर शहर में 190 प्राथमिक स्कूलों को खोलने के लिए जरूरी इंतजाम किए गए और घाटी के अधिकतर हिस्सों में सुरक्षाबलों की तैनाती पहले जैसी है. हालांकि, श्रीनगर में सोमवार को लगातार 15वें दिन सभी निजी स्कूल बंद रहे.

बारामूला जिले में अधिकारियों ने बताया कि पांच शहरों को छोड़ जिले के बाकी स्कूल खोल दिए गए हैं. उन्होंने कहा,'पट्टन, पहालन, सिंहपोरा, बारामूला और सोपोर में प्रतिबंधों में ढील नहीं दी गई है. जिले के बाकी हिस्सों में प्राथमिक स्कूल खोल दिए गए हैं. हम संबधित स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति से जुड़ी विस्तृत जानकारी एकत्रित कर रहे हैं.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की सूचना और जनसंपर्क निदेशक सैयद शहरीश असगर ने कहा है कि प्रदेश में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं. उन्होंने सेंट्रल कश्मीर के डीआईजी वीके बिरदी और स्कूली शिक्षा निदेशक युनूस मलिक के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता की.

सहरीश असगर ने पत्रकारों को बताया कि जम्मू क्षेत्र में कानून-व्यवस्था उल्लंघन की कोई घटना दर्ज नहीं की गई है. कश्मीर में लागू प्रतिबंधों में ढील के बाद स्कूल दोबारा खोल दिए गए हैं और शिक्षक काम पर लौट आए हैं, लेकिन छात्रों की उपस्थिति अधिक नहीं रही.

उन्होंने कहा, 'रविवार को कुछ तत्वों ने अफवाह फैलाई. सरकार लोगों से आग्रह कर रही है कि वे निहित स्वार्थों के लिए फैलाई जा रही किसी अफवाह पर भरोसा नहीं करें.असगर ने कहा, 'पूरी घाटी में कानून-व्यवस्था उल्लंघन की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है. लोग आमतौर पर सहयोगात्मक रुख अपना रहे हैं.

प्रेस वार्ता में जानकारी देतीं सैयद शहरीश असगर

छात्र-छात्राओं की संख्या कम
जनसंपर्क निदेशक सैयद शहरीश असगर ने बताया कि कल रविवार को जारी आदेश के बाद खोले गए 190 स्कूलों में 166 श्रीनगर में हैं. उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में 30-50 प्रतिशत कर्मचारी उपस्थित रहे. सभी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति कम रही. उन्होंने कहा कि घाटी के अन्य जिलों में भी ऐसे ही हालात रहे.

ओवरऑल हालात सामान्य
सेंट्रल कश्मीर के डीआईजी वीके बिर्दी ने बताया कि पत्थरबाजी की कुछ घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन उनसे कानूनी प्रावधानों के तहत निपटा गया. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में ओवरऑल हालात सामान्य हैं.

सेंट्रल कश्मीर के डीआईजी का बयान

बिर्दी ने बताया कि हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है और स्थिति धीरे-धीरे समान्य हो रही है. कुल मिलाकर कानून व्यवस्था उल्लंघन की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. इससे पहले प्रतिबंधों में ढील के बाद कश्मीर के कई स्कूलों के शिक्षक काम पर लौट आए, हालांकि, छात्रों की उपस्थिति कम रही.

पढ़ें: 'बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद युद्ध के लिए तैयार थी भारतीय सेना'

स्कूली शिक्षा निदेशक युनुस मलिक ने बताया कि गांदेर बल में 216 स्कूलों में 30-40 प्रतिशत कर्मचारी हाजिर हुए. उन्होंने बताया कि छात्रों की 18 प्रतिशत रही.

प्रेस वार्ता में स्कूली शिक्षा निदेशक

बकौल युनुस मलिक पुलवामा के कुछ जोन को ओपन किया गया था. बाथिन, ख्रीयू और नाडिमर्ग जैसे इलाकों में स्थानीय कर्माचारी स्कूल पहुंचे. इन जगहों पर छात्रों की उपस्थिति काफी कम दर्ज की गई.

अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर शहर में 190 प्राथमिक स्कूलों को खोलने के लिए जरूरी इंतजाम किए गए और घाटी के अधिकतर हिस्सों में सुरक्षाबलों की तैनाती पहले जैसी है. हालांकि, श्रीनगर में सोमवार को लगातार 15वें दिन सभी निजी स्कूल बंद रहे.

बारामूला जिले में अधिकारियों ने बताया कि पांच शहरों को छोड़ जिले के बाकी स्कूल खोल दिए गए हैं. उन्होंने कहा,'पट्टन, पहालन, सिंहपोरा, बारामूला और सोपोर में प्रतिबंधों में ढील नहीं दी गई है. जिले के बाकी हिस्सों में प्राथमिक स्कूल खोल दिए गए हैं. हम संबधित स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति से जुड़ी विस्तृत जानकारी एकत्रित कर रहे हैं.

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Last Updated : Sep 27, 2019, 1:28 PM IST
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