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जानें, कोरोना महामारी के बीच कैसे हैं भारत-पाक सरहद के हालात... - संघर्ष विराम उल्लंघन

पाकिस्तान की ओर से पांच अप्रैल को की गई गोलाबारी में हमारे विशेष बल के पांच पैरा कमांडर शहीद हो गए थे. भारतीय सेना ने इसकी जवाबी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को एलओसी के दूसरी तरफ दुश्मन को धूल चटाते हुए काफी नुकसान पहुंचाया. इस विषय पर पढ़ें हमारी यह खास पेशकश...

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Published : Apr 14, 2020, 12:00 AM IST

हैदराबाद : पाकिस्तान की ओर से पांच अप्रैल को की गई गोलाबारी में हमारे विशेष बल के पांच पैरा कमांडर शहीद हो गए थे. भारतीय सेना ने इसकी जवाबी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को एलओसी के दूसरी तरफ दुश्मन को धूल चटाते हुए काफी नुकसान पहुंचाया.

एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने बताया कि दूसरी तरफ सेना ने काफी तबाही की है. दो आतंकी लॉन्च पैड उड़ाए गए हैं. इसके साथ ही दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाते हुए 35 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिसमें पाकिस्तानी सेना के जवान भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों के हताहत होने की संख्या अधिक है.

इस बीच दक्षिण एशिया और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के महानिदेशक जाहिद हफीज चौधरी ने इस्लामाबाद में भारतीय उप-उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया को तलब किया. यहां उन्होंने भारतीय सैनिकों द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन और निर्दोष नागरिकों को टारगेट करने के लिए पाकिस्तान का कड़ा विरोध किया.

वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जारी है. इसके बावजूद भारत-पाकिस्तान के बीच एलओसी पर तनाव पसरा हुआ है. अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद जम्मू और कश्मीर में यह पहली गर्मी है. इसकी शुरूआत के साथ ही दोनों देशों के बीच सरहद पर तनाव बढ़ गया है.

इस संबंध में एक सेवारत कर्नल ने ईटीवी भारत को बताया कि हमने अपने पांच जवानों को खो दिया है. यह अब केवल समय का सवाल है. हम अपने इरादे को और मजबूत और विनाशकारी रूप से स्पष्ट करेंगे.

इसके बाद 10 अप्रैल को भारतीय सेना ने नीलम घाटी में 81 एमएम मोर्टार, 120 एमएम की बंदूकें और छोटे हथियारों से गोलीबारी की.

अधिक क्षति की संभावना आमतौर पर नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी पक्ष में होती है क्योंकि वहां अधिक भीड़ होती है. पाकिस्तान के कई गांव नियंत्रण रेखा से महज 100 से 200 मीटर की दूरी पर स्थित हैं. वहीं भारत के गांव एलओसी से दूर बसे हुए हैं.

पाकिस्तानी सेना की जनसंपर्क शाखा इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (डीजी आईएसपीआर) ने भारत पर धुदनियाल, राखचिकरी, चिरिकोट और बरोह सेक्टर में संघर्ष विराम उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.

पाक ने धुदनियाल सेक्टर में दो साल के मुहम्मद हसीब की मौत का दावा किया है. उसने बताया कि चार महिलाएं और 72 वर्षीय एक वरिष्ठ नागरिक बरोह, राखचिकरी और चिरिकोट सेक्टर में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.

इधर, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर ने ट्वीट कर दावा किया कि भारतीय सेना की गोलीबारी नागरिक हताहतों का कारण बन रही थी.

इससे हमारे क्षेत्र में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए गए प्रयासों को नुकसान पहुंचा है.

दूसरी ओर पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन (सीएफवी) जनवरी 2020 से मार्च 2020 तक 1,140 से अधिक बार किया गया है. जबकि साल 2018 की इसी अवधि के दौरान 627 से अधिक और साल 2019 में 685 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया था.

गौरतलब है कि सर्दियों की बर्फ तेजी से पिघलने के कारण पाकिस्तानी सेना की चौकियों के बहुत निकट स्थानों पर रहने वाले आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश करते हैं. इस दौरान पाक आतंकियों को कवर फायर देकर उनकी मदद करता है.

हैदराबाद : पाकिस्तान की ओर से पांच अप्रैल को की गई गोलाबारी में हमारे विशेष बल के पांच पैरा कमांडर शहीद हो गए थे. भारतीय सेना ने इसकी जवाबी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को एलओसी के दूसरी तरफ दुश्मन को धूल चटाते हुए काफी नुकसान पहुंचाया.

एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने बताया कि दूसरी तरफ सेना ने काफी तबाही की है. दो आतंकी लॉन्च पैड उड़ाए गए हैं. इसके साथ ही दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाते हुए 35 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिसमें पाकिस्तानी सेना के जवान भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों के हताहत होने की संख्या अधिक है.

इस बीच दक्षिण एशिया और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के महानिदेशक जाहिद हफीज चौधरी ने इस्लामाबाद में भारतीय उप-उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया को तलब किया. यहां उन्होंने भारतीय सैनिकों द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन और निर्दोष नागरिकों को टारगेट करने के लिए पाकिस्तान का कड़ा विरोध किया.

वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जारी है. इसके बावजूद भारत-पाकिस्तान के बीच एलओसी पर तनाव पसरा हुआ है. अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद जम्मू और कश्मीर में यह पहली गर्मी है. इसकी शुरूआत के साथ ही दोनों देशों के बीच सरहद पर तनाव बढ़ गया है.

इस संबंध में एक सेवारत कर्नल ने ईटीवी भारत को बताया कि हमने अपने पांच जवानों को खो दिया है. यह अब केवल समय का सवाल है. हम अपने इरादे को और मजबूत और विनाशकारी रूप से स्पष्ट करेंगे.

इसके बाद 10 अप्रैल को भारतीय सेना ने नीलम घाटी में 81 एमएम मोर्टार, 120 एमएम की बंदूकें और छोटे हथियारों से गोलीबारी की.

अधिक क्षति की संभावना आमतौर पर नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी पक्ष में होती है क्योंकि वहां अधिक भीड़ होती है. पाकिस्तान के कई गांव नियंत्रण रेखा से महज 100 से 200 मीटर की दूरी पर स्थित हैं. वहीं भारत के गांव एलओसी से दूर बसे हुए हैं.

पाकिस्तानी सेना की जनसंपर्क शाखा इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (डीजी आईएसपीआर) ने भारत पर धुदनियाल, राखचिकरी, चिरिकोट और बरोह सेक्टर में संघर्ष विराम उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.

पाक ने धुदनियाल सेक्टर में दो साल के मुहम्मद हसीब की मौत का दावा किया है. उसने बताया कि चार महिलाएं और 72 वर्षीय एक वरिष्ठ नागरिक बरोह, राखचिकरी और चिरिकोट सेक्टर में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.

इधर, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर ने ट्वीट कर दावा किया कि भारतीय सेना की गोलीबारी नागरिक हताहतों का कारण बन रही थी.

इससे हमारे क्षेत्र में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए गए प्रयासों को नुकसान पहुंचा है.

दूसरी ओर पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन (सीएफवी) जनवरी 2020 से मार्च 2020 तक 1,140 से अधिक बार किया गया है. जबकि साल 2018 की इसी अवधि के दौरान 627 से अधिक और साल 2019 में 685 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया था.

गौरतलब है कि सर्दियों की बर्फ तेजी से पिघलने के कारण पाकिस्तानी सेना की चौकियों के बहुत निकट स्थानों पर रहने वाले आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश करते हैं. इस दौरान पाक आतंकियों को कवर फायर देकर उनकी मदद करता है.

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