भुवनेश्वर : ओडिशा सरकार श्री जगन्नाथ मंदिर के समीप सौंदर्यीकरण का काम रही है, जिसके लिए सिखों के सदियों पुराने मंगू मठ को तोड़ा जाना था. मामले को लेकर पंजाब के दो विधायकों समेत सिख समुदाय ने पुरी में मठ को तोड़े जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया.
गौरतलब है कि हाथों में तख्तियां और बैनर लिये एवं नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने खारवेल नगर गुरद्वारे से मास्टर कैंटीन चौराहे तक मार्च निकाला और मंगू मठ को तोड़ने के फैसले को लेकर ओडिशा सरकार की निंदा की.
पुरी में 12वीं सदी के इस मंदिर के आस-पास धरोहर गलियारा विकसित करने की राज्य सरकार की योजना के अनुसार मंगू मठ को तोड़ा जा रहा है.
दो महीने पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ओडिशा के अपने समकक्ष नवीन पटनायक से गुरु नानक देव से जुड़े मंगू मठ को नहीं ढहाने की अपील की थी.
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प्रदर्शनकारियों ने ओडिशा सरकार से पुरी के सौंदर्यीकरण के सिलसिले में पंजाबी मठ और बौली मठ को नहीं ढहाने की अपील की.
भुवनेश्वर में रह रहे सिखों ने मंगू मठ को ढहाने के आदेश को वापस लेने की मांग पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन किया, जिसमें पंजाब के दो विधायकों ने भी हिस्सा लिया.
पंजाब के विधायकों - सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह ने भी नाखुशी प्रकट की क्योंकि उन्हें इस विषय पर चर्चा करने के लिए पटनायक से मिलने का समय नहीं दिया गया.