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अयोध्या के सीता-राम मंदिर में इफ्तार

आयोध्या में हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल देखने को मिली. यहां सीता-राम मंदिर में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया. इस दौरान मुस्लिम समुदाय सहित साधु-संत और सिख समाज भी कार्यक्रम में शामिल हुआ. पढ़ें पूरी खबर.

मंदिर परिसर में इफ्तार करते लोग
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Published : May 21, 2019, 1:42 PM IST

नई दिल्ली: रमजान के पाक महीने में अयोध्या के श्रीसीताराम मंदिर में इफ्तार का इंतजाम किया गया. हिंदू-मुस्लिम एकता और सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल पेश करते हुए मंदिर परिसर में सभी लोगों ने एक साथ इफ्तार किया.

इस बारे में मंदिर के पुजारी युगल किशोर ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया, 'यह तीसरी बार है, जब मंदिर में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है. मैं भविष्य में भी रमजान के दौरान ऐसे लगातार इफ्तार करता रहूंगा. हमें हर त्योहार को बड़े उत्साह के साथ मनाना चाहिए.'

वहीं रोजा इफ्तार में शामिल हुए मुजम्मिल फिजा ने बताया कि वह इस तरह की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, हर साल अपने हिंदू भाइयों के साथ नवरात्रि भी मनाते हैं.

उन्होंने कहा कि एक एजेंडा वाले लोग नहीं चाहते हैं कि हम सभी समुदाय एक साथ आए और इस तरह का आयोजन करें. उन्होंने आगे कहा, 'देश में जो लोग धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं, वहीं किशोर जैसे लोग प्रेम का संदेश देते हैं.'

पढ़ें: सुषमा स्वराज का किर्गिस्तान दौरा, करेंगी शंघाई सहयोग संगठन में भारत का प्रतिनिधित्व

आपको बता दें, श्री सीता राम मंदिर आयोध्या के विवादित स्थल के करीब ही है. इस दौरान इफ्तार में मुस्लिम समुदाय के अलावा वहां रहने वाले कई साधु-संतों और सिख समाज के लोगों ने भी हिस्सा लिया. इफ्तार के बाद मंदिर के पास बने एक अहाते में मगरिब की नमाज भी अदा की गई.

गौरतलब है, पांच मई से रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है और ये चार जून तक चलेगा. रमजान के पाक महीने के दौरान मुस्लिम समुदाय 30 दिनों तक रोजा रखते हैं और उसके बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है.

रोजे के वक्त मुस्लिम समुदाय सेहरी भी करते हैं और फिर इसके बाद पूरा दिन बिना कुछ खाए-पीए रहते हैं. आपको बता दें, पूरे महीने रोजे रखने के बाद जो ईद होती है, उसे ईद-उल-फितर कहते हैं. इसे मीठी ईद भी कहा जाता है.

नई दिल्ली: रमजान के पाक महीने में अयोध्या के श्रीसीताराम मंदिर में इफ्तार का इंतजाम किया गया. हिंदू-मुस्लिम एकता और सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल पेश करते हुए मंदिर परिसर में सभी लोगों ने एक साथ इफ्तार किया.

इस बारे में मंदिर के पुजारी युगल किशोर ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया, 'यह तीसरी बार है, जब मंदिर में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है. मैं भविष्य में भी रमजान के दौरान ऐसे लगातार इफ्तार करता रहूंगा. हमें हर त्योहार को बड़े उत्साह के साथ मनाना चाहिए.'

वहीं रोजा इफ्तार में शामिल हुए मुजम्मिल फिजा ने बताया कि वह इस तरह की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, हर साल अपने हिंदू भाइयों के साथ नवरात्रि भी मनाते हैं.

उन्होंने कहा कि एक एजेंडा वाले लोग नहीं चाहते हैं कि हम सभी समुदाय एक साथ आए और इस तरह का आयोजन करें. उन्होंने आगे कहा, 'देश में जो लोग धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं, वहीं किशोर जैसे लोग प्रेम का संदेश देते हैं.'

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आपको बता दें, श्री सीता राम मंदिर आयोध्या के विवादित स्थल के करीब ही है. इस दौरान इफ्तार में मुस्लिम समुदाय के अलावा वहां रहने वाले कई साधु-संतों और सिख समाज के लोगों ने भी हिस्सा लिया. इफ्तार के बाद मंदिर के पास बने एक अहाते में मगरिब की नमाज भी अदा की गई.

गौरतलब है, पांच मई से रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है और ये चार जून तक चलेगा. रमजान के पाक महीने के दौरान मुस्लिम समुदाय 30 दिनों तक रोजा रखते हैं और उसके बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है.

रोजे के वक्त मुस्लिम समुदाय सेहरी भी करते हैं और फिर इसके बाद पूरा दिन बिना कुछ खाए-पीए रहते हैं. आपको बता दें, पूरे महीने रोजे रखने के बाद जो ईद होती है, उसे ईद-उल-फितर कहते हैं. इसे मीठी ईद भी कहा जाता है.

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