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भारत को पाक की मनगढ़ंत बातों पर प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए : पूर्व राजदूत

विभिन्न वैश्विक प्लेटफॉर्मों पर पाकिस्तान की ओर से भारत के मामलों में हस्तक्षेप जारी है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री समेत अन्य नेताओं ने कश्मीर मुद्दे और अयोध्या फैसले को वैश्विक मंच पर उठाया है. इसी संंबंध में ईटीवी भारत ने पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत से खास बातचीत की और जानना चाहा कि आखिर भारत को पाक की इन हरकतों पर कैसा रवैया अपनाना चाहिए. पढ़ें विस्तार से...

अनिल त्रिगुणायत
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Published : Nov 14, 2019, 7:52 PM IST

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत के फैसले के बाद, पाकिस्तान हर मंच पर इस मुद्दे को लगातार उठाता रहा है. यहां तक ​​कि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने इस मुद्दे को बार-बार उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सहित कई वैश्विक प्लेटफार्मों का उपयोग किया है. हाल ही में पाकिस्तान के शिक्षा मंत्री शफकत महमूद ने अयोध्या फैसले और कश्मीर मुद्दे को यूनेस्को के सामान्य सम्मेलन के 40वें सत्र में उठाया, जिसका नई दिल्ली ने समुचित जवाब दिया था.

ईटीवी भारत ने इस मामले को लेकर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत से खास बातचीत की. पाक द्वारा बार-बार भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के सवाल पर त्रिगुणायत ने कहा कि यह इस्लामाबाद की विकट समस्या है. पाकिस्तान की विदेश और सुरक्षा नीतियां पूरी तरह से भारत पर केंद्रित हैं.

पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने की ईटीवी भारत से बातचीत.

पढ़ें : करतारपुर गलियारा : अगर पाक ने गड़बड़ी की तो मुंहतोड़ जवाब देंगे - आर.पी. सिंह

त्रिगुणायत ने जोर देकर कहा कि भारत को पाकिस्तान की बातों पर प्रतिक्रिया देना बंद कर देना चाहिए क्योंकि जब भी पाक को अपने मनगढ़ंत झूठ पर प्रतिक्रिया मिलती है तो उसे और अधिक प्रोत्साहन मिलता है.

उन्होंने दावा किया कि वैश्विक समुदाय में कोई भी पाकिस्तान की बात नहीं सुनता और जो सुनते भी हैं, वे जानते हैं कि इस बात की कोई विश्वसनीयता नहीं है.

गौरतलब है कि बीते दिनों पाक के शिक्षा मंत्री शफकत महमूद ने संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) में बाबरी मस्जिद पर SC के फैसले पर निराशा जाहिर की थी. इसपर भारतीय महिला अधिकारी ने उनकी टिप्पणी की निंदा की थी.

भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा था कि घृणा फैलाने के लिए भारत के आंतरिक मामलों में प्रतिक्रिया व्यक्त करना उसकी विकृत मजबूरी है.

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत के फैसले के बाद, पाकिस्तान हर मंच पर इस मुद्दे को लगातार उठाता रहा है. यहां तक ​​कि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने इस मुद्दे को बार-बार उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सहित कई वैश्विक प्लेटफार्मों का उपयोग किया है. हाल ही में पाकिस्तान के शिक्षा मंत्री शफकत महमूद ने अयोध्या फैसले और कश्मीर मुद्दे को यूनेस्को के सामान्य सम्मेलन के 40वें सत्र में उठाया, जिसका नई दिल्ली ने समुचित जवाब दिया था.

ईटीवी भारत ने इस मामले को लेकर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत से खास बातचीत की. पाक द्वारा बार-बार भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के सवाल पर त्रिगुणायत ने कहा कि यह इस्लामाबाद की विकट समस्या है. पाकिस्तान की विदेश और सुरक्षा नीतियां पूरी तरह से भारत पर केंद्रित हैं.

पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने की ईटीवी भारत से बातचीत.

पढ़ें : करतारपुर गलियारा : अगर पाक ने गड़बड़ी की तो मुंहतोड़ जवाब देंगे - आर.पी. सिंह

त्रिगुणायत ने जोर देकर कहा कि भारत को पाकिस्तान की बातों पर प्रतिक्रिया देना बंद कर देना चाहिए क्योंकि जब भी पाक को अपने मनगढ़ंत झूठ पर प्रतिक्रिया मिलती है तो उसे और अधिक प्रोत्साहन मिलता है.

उन्होंने दावा किया कि वैश्विक समुदाय में कोई भी पाकिस्तान की बात नहीं सुनता और जो सुनते भी हैं, वे जानते हैं कि इस बात की कोई विश्वसनीयता नहीं है.

गौरतलब है कि बीते दिनों पाक के शिक्षा मंत्री शफकत महमूद ने संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) में बाबरी मस्जिद पर SC के फैसले पर निराशा जाहिर की थी. इसपर भारतीय महिला अधिकारी ने उनकी टिप्पणी की निंदा की थी.

भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा था कि घृणा फैलाने के लिए भारत के आंतरिक मामलों में प्रतिक्रिया व्यक्त करना उसकी विकृत मजबूरी है.

Intro:New Delhi: Pakistan's unending obsession with India continues at various global platforms. In the latest, Pakistan's education minister Shafqat Mahmood raised the Ayodhya verdict and Kashmir issues at the 40th session of the General Conference at the UNESCO. For which, it received a befitting response from New Delhi.


Body:Responding to a ETV Bharat query on why Pakistan is so obsessed with India's internal matters, former ambassador Anil Trigunayat reiterated government of India's stand and called it a pathological problem of Islamabad.

'It has become a pathological problem of Pakistan that they comment about everything and anything related to India. They are obsessed with India. Their foreign and security policies are entirely India centric and that to in a negative manner. By making the noise they want to make their relevance felt specially to those who are pro to these things,' former ambassador said.

He asserted that India should stop reacting to whatever Pakistan says as it gets more encouragement when New Delhi reacts on their fabricated lies. He even claimed that nobody in the global community listens to Pakistan as those who listens don't hold any credence for them.



Conclusion:After Pakistan's Education Minister expressed his dismay at the Indian Supreme Court's decision on Babri Mosque, India official in her right to reply condemned his comments. She blamed Pakistan's pathological compulsion to comment on India's internal matters as a bid to spread hatred.

She didn't spare Pakistan on the Kashmir issue saying, 'Union territories of Jammu and Kashmir and Ladakh have always been ours and shall always be an integral part of India and this includes the territory that is currently under the illegal and forcible occupation of Pakistan.'

Post India's decision to abrogate Article 370 which a gave special status to Jammu and Kashmir, Pakistan has been relentlessly raising this issue at every platform. Even Pakistani PM Imran Khan has used several global platforms including the UNGA to raise this issue time and again. Despite Islamabad's numerous attempts, India has always defused its Kashmir bogey at that very platform.
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