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जानें, ग्रामीण भारत में अपर्याप्त बैंकिंग सेवाओं की वजहें

वाणिज्यिक बैंक शहरों और महानगरों में तो अपनी शाखाएं ज्यादा से ज्यादा खोलना चाहते हैं, लेकिन ग्रामीण स्तर पर या कह लें देहाती इलाकों में बैंक अपनी शाखाएं कम से कम खोलना चाहते हैं. इस वजह से वहां के लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ती है. गांव-देहात में कम शाखाएं होने की भी अपनी वजहें हैं, जिस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए.

ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं का बुरा हाल
ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं का बुरा हाल
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Published : Jun 18, 2020, 6:37 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 6:46 PM IST

हैदराबाद : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें 60 साल की महिला अपनी 100 साल की बूढ़ी मां को खाट पर खींचते हुए बैंक पहुंचती है. जन धन खाते से पैसे निकालने के लिए उसे इतनी मशक्कत करनी पड़ी थी.

ओडिशा में नुआपाड़ा जिले के बड़ागांव गांव की यह घटना ग्रामीण भारत में बैंकिंग सेवाओं के निराशाजनक प्रदर्शन की एक बानगी दर्शाने के लिए पर्याप्त है.

भारत के राज्यों में काम कर रहे वाणिज्यिक बैंकों के दफ्तरों की संख्या

राज्यदिसंबर 2019
ग्रामीणअर्ध शहरीशहरीमहानगरकुल
अंडमान और निकोबार241237 73
आंध्र प्रदेश2,4362,1931,8559037,387
अरुणाचल प्रदेश8094 174
असम1,399848737 2,984
बिहार3,3512,3411,2285937,513
चंडीगढ़116454 471
छत्तीसगढ़1,1277815793592,846
दादरा नगर हवेली, दमन 1794 111
गोवा276433 709
गुजरात2,5732,1111,4922,5888,764
हरियाणा1,6661,2412,0892975,293
हिमाचाल प्रदेश1,223350103 1,676
जम्मू-कश्मीर8904003131941,797
झारखंड1,3688444955163,223
कर्नाटक3,5592,5092,3422,53910,949
केरल3674,7961,704 6,867
लद्दाख3238 70
लक्षद्वीप68 14
मध्य प्रदेश2,3582,1401,2601,5457,303
महाराष्ट्र3,1993,1501,7185,86113,928
मणिपुर945068 212
मेघालय17790106 373
मिजोरम666181 208
नागालैंड558346 184
दिल्ली84122423,6513,899
ओडिशा2,6521,4171,212 5,281
पुद्दुचेरी5578139 272
पंजाब2,5682,0771,3368436,824
राजस्थान2,9352,1671,4691,2257,796
सिक्किम832258 163
तमिलनाडु3,0304,3051,7782,90412,017
तेलंगाना1,5491,1816932,0935,516
त्रिपुरा255195127 577
उत्तराखंड965559693 2,217
उत्तर प्रदेश7,9083,9653,2313,08718,191
पश्चिम बंगाल3,7481,7161,9991,8669,329
कुल52,18642,47729,48431,064155,211

स्रोत : RBI के आंकड़े

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार भारत के कुल वाणिज्यिक बैंकों की संख्या 1,55,211 है. इनमें से केवल 52,186 बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, जो भारत में कुल बैंक शाखाओं का 33.62% है.

प्रमुख समस्याएं

  • ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाएं खोलने के लिए कई बैंकों की उदासीनता.
  • ग्रामीण भारत की बढ़ती मांगों को संभालने के लिए स्टाफ की कमी.

नाबार्ड की रिसर्च
वाणिज्यिक बैंक अपनी शाखाएं शहरों में ही ज्यादा से ज्यादा खोलना चाहते हैं. एसबीआई, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय विदेशी बैंक, बैंक ऑफ इंडिया को छोड़कर अन्य बैंकों के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत कम कार्यालय हैं और जिन बैंकों की शाखाओं की अच्छी संख्या हैं, वे मजबूत वित्तीय स्थिति में नहीं हैं.

  • 987 बैंक शाखाओं में से 786 ग्रामीण, 156 अर्ध शहरी और 45 शहरी क्षेत्रों में मिले. दो क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक आरआरबी के थे.
  • 2018-19 के दौरान दोनों बैंकों को नुकसान हुआ. 31 मार्च, 2018 को उनका शुद्ध घाटा 216.2 करोड़ रुपये से बढ़कर 596.82 करोड़ रुपये हो गया.

हैदराबाद : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें 60 साल की महिला अपनी 100 साल की बूढ़ी मां को खाट पर खींचते हुए बैंक पहुंचती है. जन धन खाते से पैसे निकालने के लिए उसे इतनी मशक्कत करनी पड़ी थी.

ओडिशा में नुआपाड़ा जिले के बड़ागांव गांव की यह घटना ग्रामीण भारत में बैंकिंग सेवाओं के निराशाजनक प्रदर्शन की एक बानगी दर्शाने के लिए पर्याप्त है.

भारत के राज्यों में काम कर रहे वाणिज्यिक बैंकों के दफ्तरों की संख्या

राज्यदिसंबर 2019
ग्रामीणअर्ध शहरीशहरीमहानगरकुल
अंडमान और निकोबार241237 73
आंध्र प्रदेश2,4362,1931,8559037,387
अरुणाचल प्रदेश8094 174
असम1,399848737 2,984
बिहार3,3512,3411,2285937,513
चंडीगढ़116454 471
छत्तीसगढ़1,1277815793592,846
दादरा नगर हवेली, दमन 1794 111
गोवा276433 709
गुजरात2,5732,1111,4922,5888,764
हरियाणा1,6661,2412,0892975,293
हिमाचाल प्रदेश1,223350103 1,676
जम्मू-कश्मीर8904003131941,797
झारखंड1,3688444955163,223
कर्नाटक3,5592,5092,3422,53910,949
केरल3674,7961,704 6,867
लद्दाख3238 70
लक्षद्वीप68 14
मध्य प्रदेश2,3582,1401,2601,5457,303
महाराष्ट्र3,1993,1501,7185,86113,928
मणिपुर945068 212
मेघालय17790106 373
मिजोरम666181 208
नागालैंड558346 184
दिल्ली84122423,6513,899
ओडिशा2,6521,4171,212 5,281
पुद्दुचेरी5578139 272
पंजाब2,5682,0771,3368436,824
राजस्थान2,9352,1671,4691,2257,796
सिक्किम832258 163
तमिलनाडु3,0304,3051,7782,90412,017
तेलंगाना1,5491,1816932,0935,516
त्रिपुरा255195127 577
उत्तराखंड965559693 2,217
उत्तर प्रदेश7,9083,9653,2313,08718,191
पश्चिम बंगाल3,7481,7161,9991,8669,329
कुल52,18642,47729,48431,064155,211

स्रोत : RBI के आंकड़े

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार भारत के कुल वाणिज्यिक बैंकों की संख्या 1,55,211 है. इनमें से केवल 52,186 बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, जो भारत में कुल बैंक शाखाओं का 33.62% है.

प्रमुख समस्याएं

  • ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाएं खोलने के लिए कई बैंकों की उदासीनता.
  • ग्रामीण भारत की बढ़ती मांगों को संभालने के लिए स्टाफ की कमी.

नाबार्ड की रिसर्च
वाणिज्यिक बैंक अपनी शाखाएं शहरों में ही ज्यादा से ज्यादा खोलना चाहते हैं. एसबीआई, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय विदेशी बैंक, बैंक ऑफ इंडिया को छोड़कर अन्य बैंकों के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत कम कार्यालय हैं और जिन बैंकों की शाखाओं की अच्छी संख्या हैं, वे मजबूत वित्तीय स्थिति में नहीं हैं.

  • 987 बैंक शाखाओं में से 786 ग्रामीण, 156 अर्ध शहरी और 45 शहरी क्षेत्रों में मिले. दो क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक आरआरबी के थे.
  • 2018-19 के दौरान दोनों बैंकों को नुकसान हुआ. 31 मार्च, 2018 को उनका शुद्ध घाटा 216.2 करोड़ रुपये से बढ़कर 596.82 करोड़ रुपये हो गया.
Last Updated : Jun 18, 2020, 6:46 PM IST
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