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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी न दे भाजपा : शिवसेना - राष्ट्रपति किसी की जेब में नहीं हैं

महाराष्ट्र में भाजपा द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाने की टिप्पणी पर शिवसेना ने कहा है कि भाजपा ऐसे धमकी देना बंद करे क्योंकि राष्ट्रपति किसी की जेब में नहीं हैं.

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Published : Nov 2, 2019, 8:07 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 9:02 PM IST

मुंबई : शिवसेना ने राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की राष्ट्रपति शासन वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भाजपा, शिवसेना को राष्ट्रपति शासन की धमकी न दे क्योंकि राष्ट्रपति 'किसी की जेब में' नहीं हैं.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' की सम्पादकीय में मुनगंटीवार के 'धमकी भरे बयान' को 'असंवैधानिक' और 'लोकतंत्र के खिलाफ' करार दिया और भाजपा की तुलना 'मुगलों' से की है.

शिवसेना ने कहा, 'भाजपा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी न दें. हम कानून, संविधान और संसदीय परंपराओं से अवगत हैं. राष्ट्रपति सर्वोच्च संविधान संस्थान है. वह किसी की जेब में नहीं है.

सम्पादकीय में कहा गया - 'संविधान किसी का गुलाम नहीं है और महाराष्ट्र में सराकर बनाने में असफल रही भाजपा द्वारा राष्ट्रपति शासन की धमकी देना मुगल तनाशाही की तरह है. जनता भी जानती है कि हम महाराष्ट्र की राजनैतिक स्थिति के जिम्मेदार नहीं हैं.'

शिवसेना ने कहा कि भाजपा के नेता मुनगंटीवार के बयान से उनकी गंदी मानसिकता साफ नजर आ रही है. उनके बयान से ऐसा लगता है कि जैसे कि राष्ट्रपति की मुहर भाजपा कार्यालय में रखी हो और वो जब चाहें इसे इस्तेमाल कर सकते हैं.

पढ़े : 'तो क्या शिवसेना मुस्लिम लीग से समर्थन लेगी ?'

मुनगंटीवार ने शुक्रवार को कहा था कि अगर 7 नवम्बर से पहले सरकार नहीं बनती तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है. महाराष्ट्र सरकार का वर्तमान कार्यकाल 8 नवम्बर को समाप्त हो रहा है.

वहीं भाजपा और शिवसेना आपस में समान शक्ति बंटवारे को लेकर अड़े हुए हैं. शिवसेना की मांग है कि महाराष्ट्र में 2.5 साल भाजपा का मुख्यमंत्री रहेगा, उसके बाद शिवसेना का.

लेकिन चुनाव में 105 सीटों के साथ उभरी सबसे बड़ी पार्टी भजपा ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है.

मुंबई : शिवसेना ने राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की राष्ट्रपति शासन वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भाजपा, शिवसेना को राष्ट्रपति शासन की धमकी न दे क्योंकि राष्ट्रपति 'किसी की जेब में' नहीं हैं.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' की सम्पादकीय में मुनगंटीवार के 'धमकी भरे बयान' को 'असंवैधानिक' और 'लोकतंत्र के खिलाफ' करार दिया और भाजपा की तुलना 'मुगलों' से की है.

शिवसेना ने कहा, 'भाजपा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी न दें. हम कानून, संविधान और संसदीय परंपराओं से अवगत हैं. राष्ट्रपति सर्वोच्च संविधान संस्थान है. वह किसी की जेब में नहीं है.

सम्पादकीय में कहा गया - 'संविधान किसी का गुलाम नहीं है और महाराष्ट्र में सराकर बनाने में असफल रही भाजपा द्वारा राष्ट्रपति शासन की धमकी देना मुगल तनाशाही की तरह है. जनता भी जानती है कि हम महाराष्ट्र की राजनैतिक स्थिति के जिम्मेदार नहीं हैं.'

शिवसेना ने कहा कि भाजपा के नेता मुनगंटीवार के बयान से उनकी गंदी मानसिकता साफ नजर आ रही है. उनके बयान से ऐसा लगता है कि जैसे कि राष्ट्रपति की मुहर भाजपा कार्यालय में रखी हो और वो जब चाहें इसे इस्तेमाल कर सकते हैं.

पढ़े : 'तो क्या शिवसेना मुस्लिम लीग से समर्थन लेगी ?'

मुनगंटीवार ने शुक्रवार को कहा था कि अगर 7 नवम्बर से पहले सरकार नहीं बनती तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है. महाराष्ट्र सरकार का वर्तमान कार्यकाल 8 नवम्बर को समाप्त हो रहा है.

वहीं भाजपा और शिवसेना आपस में समान शक्ति बंटवारे को लेकर अड़े हुए हैं. शिवसेना की मांग है कि महाराष्ट्र में 2.5 साल भाजपा का मुख्यमंत्री रहेगा, उसके बाद शिवसेना का.

लेकिन चुनाव में 105 सीटों के साथ उभरी सबसे बड़ी पार्टी भजपा ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है.

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Last Updated : Nov 2, 2019, 9:02 PM IST
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