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मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर बरसे शिवराज, कहा- 'एक-एक का हिसाब किया जाएगा' - shivraj warns kamalnath

मध्यप्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखा है. भाजपा नेताओं ने कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार को अल्पमत की सरकार करार दिया है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार को चेतावनी भी दी है.

shivraj warns kamalnath
कमलनाथ पर बरसे शिवराज
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Published : Mar 17, 2020, 7:58 PM IST

Updated : Mar 17, 2020, 8:41 PM IST

भोपाल : मध्य प्रदेश के भाजपा नेताओं ने राज्यपाल लालजी टंडन से अनुरोध किया है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को महत्वपूर्ण नियुक्ति या स्थानान्तरण के अधिकार का दुरुपयोग करने से रोका जाए.

भाजपा नेताओं ने पिछले तीन दिनों में कमलनाथ सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों पर रोक लगाने की भी मांग की है. वरिष्ठ भाजपा नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार को पता है कि इनके पास अब बहुमत नहीं है.

मंगलवार को शिवराज सिंह ने कहा कि बहुमत में न होने पर भी कमलनाथ सरकार लगातार संवैधानिक पदों पर नियुक्ति कर रही है.

उन्होंने कहा, 'कुछ अधिकारी इनके कहने पर काम कर रहे हैं, मैं आज उनको चेतावनी देना चाहता हूं एक-एक की सूची बना रहा हूं, उनसे निपटा जाएगा, एक-एक का हिसाब किया जाएगा.'

इससे पहले बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल लालजी टंडन से मिला. इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा सहित अन्य नेता शामिल थे.

शिवराज ने कहा, 'बागी विधायकों ने यह बात साफ कर दी है कि उन्हें बंधक बनाकर नहीं रखा गया है, वे अपनी मर्जी से यहां आए हैं. इससे कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे आरोप झूठे साबित होते हैं. वहीं विधायकों ने यह भी कहा कि वे वर्तमान कांग्रेस सरकार के खिलाफ हैं.'

उन्होंने कहा, 'वर्तमान सरकार अल्पमत में है, उसके बाद भी संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं. महिला आयोग अध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष जैसे पदों पर नियुक्तियां कर दी गई हैं. दागी अफसर को मुख्य सचिव बना दिया गया है. इसी तरह विद्युत नियामक आयोग में नियुक्ति की कोशिश हो रही है.'

पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कमल नाथ पर तंज कसते हुए कहा, 'कमल नाथ अब इधर-उधर की बात न कर फ्लोर टेस्ट कराएं, इसके जरिए दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, अगर सरकार बहुमत में है तो वह बताएं. फ्लोर टेस्ट से डरते क्यों हैं? यह उनकी ओर से सिर्फ समय आगे बढ़ाने की कोशिश हो रही है.'

शिवराज ने कहा, 'वर्तमान सरकार किसी तरह अपने को बचाने की कोशिश कर रही है, मगर यह बचने वाली नहीं है, भाजपा के विधायकों ने राज्यपाल के सामने परेड की है. संख्या का गणित स्पष्ट है. यह सरकार बहुमत खो चुकी है और भाजपा को आज उपलब्ध विधानसभा सदस्यों की संख्या के आधार पर बहुमत है, इन स्थितियों में सिर्फ फ्लोर टेस्ट एकमात्र तरीका है.'

भाजपा की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि कांग्रेस के 22 विधायक अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. इसके चलते राज्य की कमल नाथ सरकार अल्पमत में आ गई है. बीते तीन दिनों में राज्यपाल लालजी टंडन की ओर से दो पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कमल नाथ को फ्लोर टेस्ट के लिए कहा गया, मगर उस पर अमल नहीं हुआ.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

भोपाल : मध्य प्रदेश के भाजपा नेताओं ने राज्यपाल लालजी टंडन से अनुरोध किया है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को महत्वपूर्ण नियुक्ति या स्थानान्तरण के अधिकार का दुरुपयोग करने से रोका जाए.

भाजपा नेताओं ने पिछले तीन दिनों में कमलनाथ सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों पर रोक लगाने की भी मांग की है. वरिष्ठ भाजपा नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार को पता है कि इनके पास अब बहुमत नहीं है.

मंगलवार को शिवराज सिंह ने कहा कि बहुमत में न होने पर भी कमलनाथ सरकार लगातार संवैधानिक पदों पर नियुक्ति कर रही है.

उन्होंने कहा, 'कुछ अधिकारी इनके कहने पर काम कर रहे हैं, मैं आज उनको चेतावनी देना चाहता हूं एक-एक की सूची बना रहा हूं, उनसे निपटा जाएगा, एक-एक का हिसाब किया जाएगा.'

इससे पहले बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल लालजी टंडन से मिला. इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा सहित अन्य नेता शामिल थे.

शिवराज ने कहा, 'बागी विधायकों ने यह बात साफ कर दी है कि उन्हें बंधक बनाकर नहीं रखा गया है, वे अपनी मर्जी से यहां आए हैं. इससे कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे आरोप झूठे साबित होते हैं. वहीं विधायकों ने यह भी कहा कि वे वर्तमान कांग्रेस सरकार के खिलाफ हैं.'

उन्होंने कहा, 'वर्तमान सरकार अल्पमत में है, उसके बाद भी संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं. महिला आयोग अध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष जैसे पदों पर नियुक्तियां कर दी गई हैं. दागी अफसर को मुख्य सचिव बना दिया गया है. इसी तरह विद्युत नियामक आयोग में नियुक्ति की कोशिश हो रही है.'

पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कमल नाथ पर तंज कसते हुए कहा, 'कमल नाथ अब इधर-उधर की बात न कर फ्लोर टेस्ट कराएं, इसके जरिए दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, अगर सरकार बहुमत में है तो वह बताएं. फ्लोर टेस्ट से डरते क्यों हैं? यह उनकी ओर से सिर्फ समय आगे बढ़ाने की कोशिश हो रही है.'

शिवराज ने कहा, 'वर्तमान सरकार किसी तरह अपने को बचाने की कोशिश कर रही है, मगर यह बचने वाली नहीं है, भाजपा के विधायकों ने राज्यपाल के सामने परेड की है. संख्या का गणित स्पष्ट है. यह सरकार बहुमत खो चुकी है और भाजपा को आज उपलब्ध विधानसभा सदस्यों की संख्या के आधार पर बहुमत है, इन स्थितियों में सिर्फ फ्लोर टेस्ट एकमात्र तरीका है.'

भाजपा की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि कांग्रेस के 22 विधायक अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. इसके चलते राज्य की कमल नाथ सरकार अल्पमत में आ गई है. बीते तीन दिनों में राज्यपाल लालजी टंडन की ओर से दो पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कमल नाथ को फ्लोर टेस्ट के लिए कहा गया, मगर उस पर अमल नहीं हुआ.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Last Updated : Mar 17, 2020, 8:41 PM IST
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