भोपाल : मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के करीब एक महीने बाद आज मिनी मंत्रिमंडल का गठन हो गया और राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में पांच मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ लेने वाले मंत्रियों में भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, मीना सिंह, तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत शामिल रहे.
मंत्रियों की शपथ के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लगे लॉकडाउन के खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा था. पिछले 29 दिनों से बिना मंत्रिमंडल के वन मैन आर्मी की तरह सीएम अकेले ही मोर्चा संभाले हुए थे. शिवराज बिना मंत्रिमंडल के 29 दिन पूरा करने का एक नया रिकॉर्ड भी बना चुके हैं. जिस तरह की विषम परिस्थितियां इस समय प्रदेश देश में बनी हुई हैं, उसे ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार किए जाने की मांग लगातार हो रही थी. यही वजह है कि आज मिनी कैबिनेट को शपथ दिलाई गई.
बताया जा रहा है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण अभी पांच मंत्री ही बनाए जा रहे हैं. पांचों कैबिनेट मंत्री होंगे. सीएम ने सोमवार देर शाम राज्यपाल लालजी टंडन से भी बातचीत की थी. इसके बाद राजभवन ने तैयारियां शुरू कर दी थीं.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने देर शाम पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री से फोन पर चर्चा कर इन नामों को फाइनल किया. वहीं प्रदेश बीजेपी कार्यालय में भी देर रात तक बैठक की गई, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत, नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह मौजूद रहे.
जरूरी विभागों की ही जिम्मेदारी सौंपी जाएगी
शिवराज फिलहाल मंत्रियों को उन्हीं विभागों की जिम्मेदारी सौंपेंगे, जो जरूरी है. इसमें स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा, गृह राजस्व नगरीय विकास पंचायत, ग्रामीण विकास और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग शामिल हैं.
नरोत्तम मिश्रा
जिन्हें मंत्री बनाया गया है उनमें सबसे पहले नरोत्तम मिश्रा का नाम आता है. क्योंकि नरोत्तम मिश्रा केंद्र की पसंद की है और सरकार के संकटमोचक की भूमिका निभाते रहे हैं. मैनेजमेंट के महारथी और ऑपरेशन लोटस के तहत अपनी अहम भूमिका से इन्होंने अलग जगह बनाई है.
मीना सिंह हुईं शामिल
इसके बाद मीना सिंह का नाम आता है, जो आदिवासी वर्ग की एक बड़ी महिला चेहरा हैं. इसके अलावा सीएम शिवराज सिंह चौहान की बड़ी समर्थक भी हैं. यह पहले भी मंत्री रह चुकी हैं.
कमल पटेल
बीजेपी में पूर्व मंत्री रहे कमल पटेल की एक बार फिर मंत्री पद पर वापसी हुई. कमल पटेल ओबीसी वर्ग का एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं.
तुलसी सिलावट
तुइसीराम सिलावट कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया कैम्प के हैं. वह कमलनाथ सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. सरकार में रहते हुए उन्होंने अपना मंत्री पद छोड़ दिया था. कमलनाथ सरकार को सत्ता से हटाने में इनकी प्रमुख भूमिका रही है. तुलसीराम मालवा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और पूर्व सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का दायित्व संभाल चुके हैं.
गोविंद सिंह राजपूत
सिंधिया समर्थक दूसरे नेता गोविंद सिंह राजपूत का नाम बुंदेलखंड के बड़े नेता के रूप में सामने आता है. उन्होंने भी कमलनाथ सरकार में अपना मंत्री पद छोड़ दिया था और बीजेपी में शामिल हुए.