एर्नाकुलम : भारतीय नौसेना की उप-लेफ्टिनेंट शिवांगी देश की पहली महिला पायलट हैं. उन्होंने अपनी उपलब्धियों के माध्यम से दिखाया है कि आशाएं और सपने असीमित होते हैं, लेकिन उन्हें परिश्रम की पराकाष्ठा से प्राप्त किया जा सकता है.
मूलत: बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी शिवांगी ने हाल ही में दक्षिणी नौसेना मुख्यालय में 'डोर्नियर कनवर्जन' का पाठ्यक्रम पूरा किया है. शिवांगी ने 2018 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर में एमटेक छात्र के रूप में अपनी पढ़ाई छोड़ दी और भारतीय नौसेना में शामिल हो गई थीं.
पायलट बनने की शिवांगी की इच्छा उनके मन में तब आई, जब उन्होंने मुजफ्फरपुर के एक स्कूल में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मंत्री को हेलीकॉप्टर में उड़ते देखा.
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शिवांगी के इस सपने ने उन्हें भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट बनने का खिताब दिया है. शिवांगी ने प्रशिक्षण के पहले चरण I और II को पूरा कर लिया है. छुट्टी से लौटकर वह 14 जनवरी से शुरू होने वाली डोर्नियर उड़ान पर अतिरिक्त प्रशिक्षण लेगी. शिवांगी ने 140 घंटे तक उड़ान भरी. शिवांगी कहती है कि वह किसी भी कार्य को करने के लिए तैयार हैं.
दरअसल महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की स्थितियों में शिवांगी जैसी महिलाओं की सफलता की कहानी एक प्रेरणा प्रदान करती है.