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भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट ने भरी उड़ान - डोर्नियर उड़ान

बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली और भारतीय नौ सेना की उप-लेफ्टिनेंट शिवांगी पहली महिला पायलट हैं. शिवांगी ने 2018 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी, जयपुर में एमटेक छात्र के रूप में अपनी पढ़ाई छोड़ दी और भारतीय नौसेना में शामिल हो गईं. महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की स्थितियों में शिवांगी जैसी महिलाओं की सफलता की कहानी एक प्रेरणा प्रदान करती है. जानें विस्तार से...

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भारतीय नौ-सेना की पहली महिला पायलट ने भरी उड़ान
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Published : Dec 3, 2019, 10:21 PM IST

Updated : Dec 3, 2019, 11:50 PM IST

एर्नाकुलम : भारतीय नौसेना की उप-लेफ्टिनेंट शिवांगी देश की पहली महिला पायलट हैं. उन्होंने अपनी उपलब्धियों के माध्यम से दिखाया है कि आशाएं और सपने असीमित होते हैं, लेकिन उन्हें परिश्रम की पराकाष्ठा से प्राप्त किया जा सकता है.

मूलत: बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी शिवांगी ने हाल ही में दक्षिणी नौसेना मुख्यालय में 'डोर्नियर कनवर्जन' का पाठ्यक्रम पूरा किया है. शिवांगी ने 2018 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर में एमटेक छात्र के रूप में अपनी पढ़ाई छोड़ दी और भारतीय नौसेना में शामिल हो गई थीं.

पहली नेवी महिला पायलट ने भरी उड़ान...

पायलट बनने की शिवांगी की इच्छा उनके मन में तब आई, जब उन्होंने मुजफ्फरपुर के एक स्कूल में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मंत्री को हेलीकॉप्टर में उड़ते देखा.

इसे भी पढ़ें- आदिवासी क्षेत्र से पहली महिला कॉमर्शियल पायलट बनीं अनुप्रिया

शिवांगी के इस सपने ने उन्हें भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट बनने का खिताब दिया है. शिवांगी ने प्रशिक्षण के पहले चरण I और II को पूरा कर लिया है. छुट्टी से लौटकर वह 14 जनवरी से शुरू होने वाली डोर्नियर उड़ान पर अतिरिक्त प्रशिक्षण लेगी. शिवांगी ने 140 घंटे तक उड़ान भरी. शिवांगी कहती है कि वह किसी भी कार्य को करने के लिए तैयार हैं.

दरअसल महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की स्थितियों में शिवांगी जैसी महिलाओं की सफलता की कहानी एक प्रेरणा प्रदान करती है.

एर्नाकुलम : भारतीय नौसेना की उप-लेफ्टिनेंट शिवांगी देश की पहली महिला पायलट हैं. उन्होंने अपनी उपलब्धियों के माध्यम से दिखाया है कि आशाएं और सपने असीमित होते हैं, लेकिन उन्हें परिश्रम की पराकाष्ठा से प्राप्त किया जा सकता है.

मूलत: बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी शिवांगी ने हाल ही में दक्षिणी नौसेना मुख्यालय में 'डोर्नियर कनवर्जन' का पाठ्यक्रम पूरा किया है. शिवांगी ने 2018 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर में एमटेक छात्र के रूप में अपनी पढ़ाई छोड़ दी और भारतीय नौसेना में शामिल हो गई थीं.

पहली नेवी महिला पायलट ने भरी उड़ान...

पायलट बनने की शिवांगी की इच्छा उनके मन में तब आई, जब उन्होंने मुजफ्फरपुर के एक स्कूल में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मंत्री को हेलीकॉप्टर में उड़ते देखा.

इसे भी पढ़ें- आदिवासी क्षेत्र से पहली महिला कॉमर्शियल पायलट बनीं अनुप्रिया

शिवांगी के इस सपने ने उन्हें भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट बनने का खिताब दिया है. शिवांगी ने प्रशिक्षण के पहले चरण I और II को पूरा कर लिया है. छुट्टी से लौटकर वह 14 जनवरी से शुरू होने वाली डोर्नियर उड़ान पर अतिरिक्त प्रशिक्षण लेगी. शिवांगी ने 140 घंटे तक उड़ान भरी. शिवांगी कहती है कि वह किसी भी कार्य को करने के लिए तैयार हैं.

दरअसल महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की स्थितियों में शिवांगी जैसी महिलाओं की सफलता की कहानी एक प्रेरणा प्रदान करती है.

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Ernakulam: Sub-Lieutenant Shivangi, the first pilot of the Indian Navy, has shown through her accomplishments that hopes and dreams are unlimited. A native of Bihar's Muzaffarpur, Shivangi completed the 'Dornier conversion' course at the Southern Naval Headquarters yesterday. Shivangi left her studies as a Mtech student at the National Institute of Technology, Jaipur in 2018 and join the Indian Navy. Shivangi's desire to become a pilot came to her mind when he saw the minister flying in a helicopter to attend an event at a school in Muzaffarpur. Later videos about the navy emerged among those who were introduced to the armed forces in college also paved her way. 



Shivangi dream has gifted her the title of becoming he first woman pilot of the Indian Navy. Shivangi has already completed Phase I and II of the training. Returning from vacation, she will undergo additional training on the Dornier flight starting January 14. Shivangi flew for 140 hours. Shivangi says she is ready to undertake any task. The success story of women like Shivangi is a driving force behind in a circumstance of increasing violence against women.


Conclusion:
Last Updated : Dec 3, 2019, 11:50 PM IST
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