ETV Bharat / bharat

बार्बी डॉल बनाती हैं आंध्र प्रदेश की शारदा, गिनीज बुक में मिली जगह - गुड़िया ने दिलाए कई अवार्डस

बचपन में गुड़ियों से खेलने का शौक हर किसी को होता है. आंध्र प्रदेश की शारदा मणि ने बार्बी गुड़ियों को पारंपरिक परिधान में तैयार किया है. इसके लिए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके है.

बार्बी गुड़िया
बार्बी गुड़िया
author img

By

Published : Oct 9, 2020, 11:11 PM IST

Updated : Oct 10, 2020, 9:56 AM IST

अमरावती : बच्चों को बार्बी डॉल बहुत पसंद होते हैं. बचपन में गुड़िया से हर किसी ने खेला होगा. आंध्र प्रदेश की शारदा मणि ने बार्बी डॉल को भारतीय परंपरिक परिधान में तैयार किया है. वह गुड़िया का पूरा श्रृंगार भारतीय परंपरा के अनुसार और देवी देवताओं के स्वरूप में करती हैं.

शारदा मणि को इसके लिए छह अतंरराष्ट्रीय और कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके है. उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड, गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड, वंडर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुके हैं.

शारदा मणि वैसे तो गृहणी हैं, लेकिन इस शौक के बारे में वह कहती हैं कि बच्चों को हमारी परंपरा का पता चले इसलिए मैंने अपनी भारतीय परंपरा में आधुनिक गुड़िया को बनाने की सोची.

गुड़िया ने दिलाए कई अवार्डस

उनके इस कला को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है. वह इस कला को अनाथालय में भी सिखा रही हैं ताकि, वहां के लोगों को इसके माध्यम से आत्मनिर्भर बन सके.

आंध्र प्रदेश में इस प्रकार की गुड़िया बहुत कम बनाई जाती. तमिलनाडु और कर्नाटक में इन गुड़ियों की बहुत मांग है इसलिए उन्होंने इसे व्यवसाय के रूप में चुना.

पढ़ें-एआई कैरेक्टर्स के साथ देखें वीआर फिल्म और गेम

वह इन गुड़ियों को 550 से 800 रुपये में बेच रही हैं तो, वहीं अमेरिका में इसकी कीमत 25 अमेरिकी डॉलर है.

शारदा शुरू से ही कुछ नया करने की महत्वाकांक्षी रही हैं. उन्होंने कहा कि 2016 से 3 डी क्विलिंग पेपर उपलब्ध था. मैं उससे हाथ से बने ईयर रिंग्स और ज्वेलरी बनाने का काम करती थी. बाद में मुझे एक ही क्विलिंग पेपर के साथ इन डॉल्स को बनाने का विचार आया.

अब तक मैंने लगभग 380 गुड़िया बनाईं है. तेलगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में मुझे मेरे काम के लिए पहली बार पहचान दिलाई. मुझे इस व्यवसाय के कारण कई जगह सम्मान मिला है.

अमरावती : बच्चों को बार्बी डॉल बहुत पसंद होते हैं. बचपन में गुड़िया से हर किसी ने खेला होगा. आंध्र प्रदेश की शारदा मणि ने बार्बी डॉल को भारतीय परंपरिक परिधान में तैयार किया है. वह गुड़िया का पूरा श्रृंगार भारतीय परंपरा के अनुसार और देवी देवताओं के स्वरूप में करती हैं.

शारदा मणि को इसके लिए छह अतंरराष्ट्रीय और कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके है. उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड, गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड, वंडर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुके हैं.

शारदा मणि वैसे तो गृहणी हैं, लेकिन इस शौक के बारे में वह कहती हैं कि बच्चों को हमारी परंपरा का पता चले इसलिए मैंने अपनी भारतीय परंपरा में आधुनिक गुड़िया को बनाने की सोची.

गुड़िया ने दिलाए कई अवार्डस

उनके इस कला को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है. वह इस कला को अनाथालय में भी सिखा रही हैं ताकि, वहां के लोगों को इसके माध्यम से आत्मनिर्भर बन सके.

आंध्र प्रदेश में इस प्रकार की गुड़िया बहुत कम बनाई जाती. तमिलनाडु और कर्नाटक में इन गुड़ियों की बहुत मांग है इसलिए उन्होंने इसे व्यवसाय के रूप में चुना.

पढ़ें-एआई कैरेक्टर्स के साथ देखें वीआर फिल्म और गेम

वह इन गुड़ियों को 550 से 800 रुपये में बेच रही हैं तो, वहीं अमेरिका में इसकी कीमत 25 अमेरिकी डॉलर है.

शारदा शुरू से ही कुछ नया करने की महत्वाकांक्षी रही हैं. उन्होंने कहा कि 2016 से 3 डी क्विलिंग पेपर उपलब्ध था. मैं उससे हाथ से बने ईयर रिंग्स और ज्वेलरी बनाने का काम करती थी. बाद में मुझे एक ही क्विलिंग पेपर के साथ इन डॉल्स को बनाने का विचार आया.

अब तक मैंने लगभग 380 गुड़िया बनाईं है. तेलगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में मुझे मेरे काम के लिए पहली बार पहचान दिलाई. मुझे इस व्यवसाय के कारण कई जगह सम्मान मिला है.

Last Updated : Oct 10, 2020, 9:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.