ETV Bharat / bharat

सामाजिक एकता और सौहार्द के खिलाफ है CAA-NRC : शरद पवार - सौहार्द के खिलाफ CAA

CAA-NRC के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहा है. इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) जैसे मुद्दों से देश की सामाजिक एकता और सौहार्द प्रभावित हो सकती है. जानें, उन्होंने और क्या कहा...

ETV BHARAT
शरद पवार
author img

By

Published : Dec 21, 2019, 12:52 PM IST

Updated : Dec 21, 2019, 4:20 PM IST

पुणे : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि सीएए और एनआरसी देश के सामने मौजूद गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने के प्रयास हैं. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक ही नहीं, जो कोई भी देश की एकता एवं प्रगति के बारे में सोचता है, वह सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहा है.

बकौल शरद पवार, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) देश की धार्मिक, सामाजिक एकता और सौहार्द को बिगाड़ेगा तथा उसे आहत करेगा.

मीडिया से बात करते शरद पवार.
उन्होंने सीएए के प्रावधानों पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, इसके तहत केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को ही क्यों शामिल किया गया और श्रीलंका के तमिलों को क्यों नहीं.

पवार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बिहार समेत राजग के शासन वाले आठ राज्यों ने कानून को लागू करने से इनकार कर दिया है और महाराष्ट्र का भी रुख यही रहना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- CAA के खिलाफ बिहार बंद, UP में 8 की मौत, चेन्नई में भी विरोध शुरू

उन्होंने पूछा, 'सीएए भले ही केंद्रीय कानून हो, लेकिन इसे लागू राज्यों को करना है. लेकिन क्या राज्यों के पास ऐसा करने के लिए संसाधन एवं तंत्र हैं.'

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एल्गार परिषद मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस की कार्रवाई की भी एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुआई में एसआईटी जांच कराने की मांग की.

पुणे : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि सीएए और एनआरसी देश के सामने मौजूद गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने के प्रयास हैं. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक ही नहीं, जो कोई भी देश की एकता एवं प्रगति के बारे में सोचता है, वह सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहा है.

बकौल शरद पवार, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) देश की धार्मिक, सामाजिक एकता और सौहार्द को बिगाड़ेगा तथा उसे आहत करेगा.

मीडिया से बात करते शरद पवार.
उन्होंने सीएए के प्रावधानों पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, इसके तहत केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को ही क्यों शामिल किया गया और श्रीलंका के तमिलों को क्यों नहीं.

पवार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बिहार समेत राजग के शासन वाले आठ राज्यों ने कानून को लागू करने से इनकार कर दिया है और महाराष्ट्र का भी रुख यही रहना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- CAA के खिलाफ बिहार बंद, UP में 8 की मौत, चेन्नई में भी विरोध शुरू

उन्होंने पूछा, 'सीएए भले ही केंद्रीय कानून हो, लेकिन इसे लागू राज्यों को करना है. लेकिन क्या राज्यों के पास ऐसा करने के लिए संसाधन एवं तंत्र हैं.'

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एल्गार परिषद मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस की कार्रवाई की भी एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुआई में एसआईटी जांच कराने की मांग की.

Intro:Body:

summary

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) जैसे मुद्दों से देश की सामाजिक एकता और सौहार्द प्रभावित हो सकती है. जानें उन्होंने और क्या कहा...



पुणे : शरद पवार ने कहा है कि सीएए और एनआरसी देश के सामने मौजूद गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने के प्रयास हैं. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक ही नहीं, जो कोई भी देश की एकता एवं प्रगति के बारे में सोचता है वह सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहा है .

बकौल शरद पवार, नागरिकता संशोधन कानून सीएए देश की धार्मिक, सामाजिक एकता और सौहार्द को बिगाड़ेगा तथा उसे आहत करेगा.

उन्होंने सीएए के प्रावधानों पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, इसके तहत केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को ही क्यों शामिल किया गया और श्रीलंका के तमिलों को क्यों नहीं.


Conclusion:
Last Updated : Dec 21, 2019, 4:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.