जबलपुर : श्री राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति के संस्थापक और सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने दावा किया है कि मंदिर निर्माण का हकदार रामालय ट्रस्ट है और रामालय ट्रस्ट में शामिल संतों द्वारा ही राम मंदिर का निर्माण कराया जाना चाहिए. शंकराचार्य ने यह बयान शनिवार को अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के पैसले से पहले दिया.
शंकराचार्य ने मांग रखी कि राम मंदिर का निर्माण गर्भगृह में हो, जिसे सनातन धर्म आचार्य ही बनाएंगे.
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए दावा किया कि राम मंदिर पर निर्माण का पहला हक रामालय ट्रस्ट का है और कोई भी राजनीतिक पार्टी राम मंदिर का निर्माण नहीं कर सकती. उन्होंने मांग रखी कि कंबोडिया के अंकुरबार की तर्ज पर भव्य राम मंदिर बने, जिसमें 100 फीट ऊंचा स्वर्ण मंडित मंदिर बनाया जाए.
वहीं अयोध्या मामले में फैसले को लेकर देश में शांति बनाए रखने के लिए शंकराचार्य ने अपील भी की है. उन्होंने कहा कि वह मुस्लिमों के दुश्मन नहीं हैं बल्कि जैसे मुस्लिमों के लिए मक्का है, वैसे हिन्दुओं के लिए राम जन्मभूमि है.
इसे भी पढ़ें - सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हर अपडेट
शंकराचार्य ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने कहा था कि आरएसएस नहीं बल्कि शंकराचार्य ही हिन्दुओं के प्रतिनिधि होते हैं. आरएसएस के लोग वेद शास्त्र को नहीं मानते, जबकि वेद शास्त्र को मानने वाला ही हिन्दू है.