मुंबई : वैक्सीन की दिग्गज कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (सीआईआई) के एक निमार्णाधीन भवन में गुरुवार दोपहर भीषण आग लगने की घटना में कम से कम पांच लोगों की दम घुटने से मौत हो गई. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पीड़ितों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया है. इसके अलावा महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति जायजा लिया है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. पवार ने कहा, 'मैंने पुणे नगर निगम से घटना के बारे में जानकारी ली है और इस घटना की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया गया है.'
कंपनी ने 25 लाख रुपये मुआवजे का एलान किया
एसआईआई के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक साइरस पूनावाला ने कहा कि प्रत्येक मृतक के परिवार को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने एक बयान में कहा, 'सीरम इंस्टिट्यूट में आज का दिन हम सभी के लिये बेहद दुखद है. मंजरी में विशेष आर्थिक जोन में स्थित हमारे एक निर्माणाधीन केन्द्र में आग लगने से दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से लोगों की जानें चली गई हैं. '
उन्होंने कहा, 'हम बहुत दुखी हैं और मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. हम प्रत्येक मृतक के परिवार को नियमों के अनुसार तय धनराशि के अलावा 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देंगे.'
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) में आग लगने की घटना एक दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक हादसा है. उन्होंने दुर्घटना में हुई पांच लोगों की मौत पर दुख प्रकट किया.
पवार ने ट्वीट किया, 'पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में आग लगने का समाचार बेहद दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है.' उन्होंने कहा, 'मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.'
हादसे के संबंध में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि आग हादसे में एक महिला सहित पांच व्यक्तियों की मौत हो गई और उनके शव को आग बुझाने के दौरान बरामद किया गया.
ईटीवी भारत की रिपोर्ट
इससे पहले घटनास्थल पर मौजूद ईटीवी भारत संवाददाता ने बताया कि मरने वाले लोगों में कॉन्ट्रैक्ट पर लेबर का काम करने वाले लोग शामिल हैं. इनमें पांच लोगों में से दो उत्तर प्रदेश, एक बिहार का जबकि दो पुणे के ही रहने वाले थे.
आग की चपेट में आने से अन्य चार व्यक्तियों को बचाया गया, जो कि भवन की दो ऊपरी मंजिलों पर लगी. इसे बीसीजी वैक्सीन प्लांट के लिए तैयार किया जा रहा था. इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बिजली संबंधी खामी के चलते आग लगी.
ठाकरे से जब इस घटना के पीछे षड़यंत्र होने के दावों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि उन्हें (दावे करने वालों को) संयम का टीका लगाए जाने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि ठाकरे ने अदार पूनावाला से घटना के संबंध में बात की है और वह शुक्रवार को भवन का दौरा करेंगे.
सीरम के सीईओ पूनावाला का बयान
कंपनी द्वारा निर्मित किए जा रहे कोविड-19 टीकों पर चिंता जताते हुए, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जबकि सीआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने आश्वासन के लिए एक व्यक्तिगत बयान जारी किया. पूनावाला ने कहा कि मैं सरकार और जनता को आश्वस्त करना चाहूंगा कि बहुद्देश्यीय उत्पादन इमारतों की वजह से कोविशील्ड के उत्पादन में कोई कमी नहीं आएगी, जिसे मैं एसआईआई में ऐसी दुर्घटनाओं से निपटने के लिए रिजर्व रखता हूं.
शीर्ष अधिकारियों के साथ बात करने के बाद, ठाकरे ने कहा कि उन्होंने स्थिति की समीक्षा की है और उन्हें सूचित किया गया है कि कोविड-19 वैक्सीन उत्पादन किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हुआ है, और प्राथमिकता आग को नियंत्रण में लाना और लोगों को बचाना है
दर्जनभर फायर टेंडर की कड़ी मशक्कत
केंद्रीय मंत्री सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, स्वास्थ्य मंत्री टोपे और अन्य लोगों ने खुद सही जानकारी का पता लगाने के लिए सीआईआई के शीर्ष अधिकारियों से बातचीत की. दोपहर करीब 2.15 बजे लगी आग को तीन घंटे के भीतर दमकल की एक टीम और करीब एक दर्जन फायर टेंडरों ने काबू में कर लिया.
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घटना स्थल पर पहुंचे पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने कहा कि प्रभावित इमारत में बीसीजी वैक्सीन का निर्माण शुरू होने वाला था. गुप्ता ने मीडिया से कहा कि कंपनी ने हमें सूचित किया है कि कोविड-19 वैक्सीन सुविधा कम से कम एक किमी दूर है, और चिंता का कोई कारण नहीं है.
पहले भी हो चुके हैं हादसे
बता दें कि इससे पहले भी भारत के कई शहरों में फार्मा कंपनियों में आग लगने के कारण बड़े हादसे हो चुके हैं.