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अयोध्या मामले का फैसला आने से पहले मुंबई में सुरक्षा बढ़ाई गई

अयोध्या मामले की उच्चतम न्यायालय ने 40 दिनों तक मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया है. 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई फैसला सुना सकते हैं. फैसला आने के बाद महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Nov 6, 2019, 1:42 PM IST

मुंबई : राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले मुंबई पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. खासकर शहर के संवेदनशील इलाकों में ज्यादा कर दी गई है. इसके साथ शहर में फैसले का जश्न मनाने के लिए किसी कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि निषेधाज्ञा पहले से ही लागू है और शहर में फैसले का जश्न मनाने या इस पर दुख प्रकट करने के लिए किसी तरह के कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी. दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद शहर में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से पहले इस मामले में फैसला सुना सकते हैं.

मुंबई पुलिस आयुक्त संजय बर्वे ने पत्रकारों एवं धर्म गुरुओं समेत मुस्लिम समुदाय के कुछ प्रमुख सदस्यों के साथ एक बैठक की और उनसे शीर्ष अदालत के फैसले को स्वीकार करने की अपील की.

अधिकारी ने कहा, 'संवेदनशील इलाकों में ज्यादा एहतियात के साथ सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. शीर्ष अदालत का जो भी फैसला आए, प्रत्येक व्यक्ति को इसे किसी समुदाय के सदस्य की तरह नहीं बल्कि देश के एक नागरिक के तौर पर स्वीकार करना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपायों के तहत पुलिस ने चार से 18 नवंबर तक निषेधाज्ञा लागू कर दी है जो लोगों के गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने को प्रतिबंधित करता है.

पढ़ें : अयोध्या भूमि विवाद : SC के फैसले से पहले भोपाल में अलर्ट, दो माह के लिए धारा 144

उन्होंने कहा, 'फैसले के बाद शहर में किसी भी समुदाय या समूह को जश्न या दुख मनाने की अनुमति नहीं होगी.'

अधिकारी ने कहा कि शहर पुलिस का सोशल मीडिया निगरानी प्रकोष्ठ एवं साइबर सेल फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और इस तरह के अन्य मंचों पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखेगा.'

उन्होंने कहा, 'किसी समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाली आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.'

अधिकारी ने कहा कि नागरिकों से अफवाहों में यकीन न करने की अपील की गई है और इस तरह की कोई भी बात सामने आने पर पुलिस को सूचित करने को कहा गया है.

पढ़ें : क्या है अयोध्या टाइटल सूट विवाद, वीडियो के जरिए समझें पूरा मामला

उन्होंने कहा, 'लोगों को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना देनी चाहिए और शहर को सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करना चाहिए.'

मुंबई : राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले मुंबई पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. खासकर शहर के संवेदनशील इलाकों में ज्यादा कर दी गई है. इसके साथ शहर में फैसले का जश्न मनाने के लिए किसी कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि निषेधाज्ञा पहले से ही लागू है और शहर में फैसले का जश्न मनाने या इस पर दुख प्रकट करने के लिए किसी तरह के कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी. दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद शहर में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से पहले इस मामले में फैसला सुना सकते हैं.

मुंबई पुलिस आयुक्त संजय बर्वे ने पत्रकारों एवं धर्म गुरुओं समेत मुस्लिम समुदाय के कुछ प्रमुख सदस्यों के साथ एक बैठक की और उनसे शीर्ष अदालत के फैसले को स्वीकार करने की अपील की.

अधिकारी ने कहा, 'संवेदनशील इलाकों में ज्यादा एहतियात के साथ सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. शीर्ष अदालत का जो भी फैसला आए, प्रत्येक व्यक्ति को इसे किसी समुदाय के सदस्य की तरह नहीं बल्कि देश के एक नागरिक के तौर पर स्वीकार करना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपायों के तहत पुलिस ने चार से 18 नवंबर तक निषेधाज्ञा लागू कर दी है जो लोगों के गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने को प्रतिबंधित करता है.

पढ़ें : अयोध्या भूमि विवाद : SC के फैसले से पहले भोपाल में अलर्ट, दो माह के लिए धारा 144

उन्होंने कहा, 'फैसले के बाद शहर में किसी भी समुदाय या समूह को जश्न या दुख मनाने की अनुमति नहीं होगी.'

अधिकारी ने कहा कि शहर पुलिस का सोशल मीडिया निगरानी प्रकोष्ठ एवं साइबर सेल फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और इस तरह के अन्य मंचों पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखेगा.'

उन्होंने कहा, 'किसी समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाली आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.'

अधिकारी ने कहा कि नागरिकों से अफवाहों में यकीन न करने की अपील की गई है और इस तरह की कोई भी बात सामने आने पर पुलिस को सूचित करने को कहा गया है.

पढ़ें : क्या है अयोध्या टाइटल सूट विवाद, वीडियो के जरिए समझें पूरा मामला

उन्होंने कहा, 'लोगों को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना देनी चाहिए और शहर को सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करना चाहिए.'

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PRI GEN NAT
.MUMBAI BOM1
MH-AYODHYA-POLICE
Security tightened in Mumbai ahead of Ayodhya case verdict
         Mumbai, Nov 6 (PTI) Mumbai Police have stepped up
security, specially in sensitive areas, and are keeping a
close watch on social media activities ahead of the Supreme
Court's verdict in the Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land
dispute case, a police official said.
         Prohibitory orders are already in place and no
celebration or mourning with respect to the judgement will be
allowed in the city, which witnessed communal riots after the
demolition of the Babri Masjid in December 1992, he said.
         Chief Justice of India Ranjan Gogoi is expected to
deliver the verdict in the case before his retirement on
November 17.
         Mumbai Police Commissioner Sanjay Barve on Monday held
a meeting with some prominent members of the Muslim community,
including journalists and spiritual leaders, and appealed to
them to accept the apex court's verdict.
         "Elaborate security arrangements are being made with
extra precautions in sensitive areas. As this will be the
verdict of the apex court, every person should accept it as a
citizen of the country and not as any community member," the
official said on Tuesday.
         As part of the security measures, the police have
imposed prohibitory orders from November 4 to 18, restricting
any unlawful assembly of people, he said.
         "No celebration or mourning by any community or group
will be allowed in the city after the judgement," he said.
         The city police's social media monitoring cell and
cyber cell will monitor activities on Facebook, Twitter,
WhatsApp, Instagram and other such platforms, he said.
         "Strict action will be taken against those who post
objectionable content, hurting sentiments of any community,"
the official said.
         Citizens have also been urged not to believe in
rumours and alert the police if they come across any such kind
of talks, he said.
         "People should report any suspicious person or
activity and help the police in keeping the city safe and
peaceful," he added. PTI DC
GK
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