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सिकंदराबाद में पारसी फायर टेंपल ने मनाया शताब्दी वर्ष का जश्न - अग्नि की दूसरी सबसे ऊंची श्रेणी

जोरोस्ट्रियन शहंशाह कैलेंडर के अनुसार सिकंदराबाद के पारसी फायर टेंपल ने कोविड-19 महामारी के बीच अपने शताब्दी वर्ष का जश्न मनाया. सिकंदराबाद स्थित खान बहादुर एडुलजी सोहराबजी चेनई अंजुमन डार-ए-मेहर के 14 जुलाई को 100 वर्ष पूरे हो गए.

Parsi fire temple completes 100 years
पारसी अग्नि मंदिर के 100 साल पूरे
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Published : Jul 15, 2020, 2:07 PM IST

हैदराबाद : सिकंदराबाद में पारसी अग्नि मंदिर -खान बहादुर एडुल्जी सोहराबजी चेनई अंजुमन डार-ए-मेहर- ने मंगलवार को कोविड-19 महामारी के बीच अपने 100 साल पूरे होने का जश्न मनाया.

जोरोस्ट्रियन शहंशाह कैलेंडर के अनुसार सिकंदराबाद के खान बहादुर एडुलजी सोहराबजी चेनई अंजुमन डार-ए-मेहर के 14 जुलाई को 100 वर्ष पूरे हुए. हालांकि फायर टेंपल ने कोरोना महामारी के बीच सादगी से समारोह का आयोजन किया.

अंजुमन के ट्रस्टी और समिति के सदस्य जहांगीर बिस्नी ने कहा कि 14 जुलाई को सिकंदराबाद के फायर टेंपल में समारोह मनाया गया. सिकंदराबाद और हैदराबाद के पारसी समुदाय के लगभग 1,000 सदस्य और 430 परिवार रोज फायर टेंपल में दर्शन के लिए आते हैं.

ट्रस्टी ने कहा कि मंदिर की देखरेख प्रबंधन द्वारा की जाती है और फायर टेंपल नियमित रूप से पारसी भक्तों को आकर्षित करता है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण केवल 15 सदस्य, जो प्रबंधन समिति का हिस्सा हैं इस अनुष्ठान में शामिल हुए.

खान बहादुर एडुलजी सोहराबजी चेनाई अंजुमन डार-ए-मेहर एक फायर टेंपल है. यह पवित्र अग्नि की दूसरी सबसे ऊंची श्रेणी है.

पढ़े : महानदी में डूबा 500 साल पुराना मंदिर मिला

यह अग्नि मंदिर 100 वर्षों से हैदराबाद और सिकंदराबाद के जुड़वां शहरों में पारसी और ईरानी पारसी समुदाय की सेवा कर रहा है.

हैदराबाद : सिकंदराबाद में पारसी अग्नि मंदिर -खान बहादुर एडुल्जी सोहराबजी चेनई अंजुमन डार-ए-मेहर- ने मंगलवार को कोविड-19 महामारी के बीच अपने 100 साल पूरे होने का जश्न मनाया.

जोरोस्ट्रियन शहंशाह कैलेंडर के अनुसार सिकंदराबाद के खान बहादुर एडुलजी सोहराबजी चेनई अंजुमन डार-ए-मेहर के 14 जुलाई को 100 वर्ष पूरे हुए. हालांकि फायर टेंपल ने कोरोना महामारी के बीच सादगी से समारोह का आयोजन किया.

अंजुमन के ट्रस्टी और समिति के सदस्य जहांगीर बिस्नी ने कहा कि 14 जुलाई को सिकंदराबाद के फायर टेंपल में समारोह मनाया गया. सिकंदराबाद और हैदराबाद के पारसी समुदाय के लगभग 1,000 सदस्य और 430 परिवार रोज फायर टेंपल में दर्शन के लिए आते हैं.

ट्रस्टी ने कहा कि मंदिर की देखरेख प्रबंधन द्वारा की जाती है और फायर टेंपल नियमित रूप से पारसी भक्तों को आकर्षित करता है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण केवल 15 सदस्य, जो प्रबंधन समिति का हिस्सा हैं इस अनुष्ठान में शामिल हुए.

खान बहादुर एडुलजी सोहराबजी चेनाई अंजुमन डार-ए-मेहर एक फायर टेंपल है. यह पवित्र अग्नि की दूसरी सबसे ऊंची श्रेणी है.

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यह अग्नि मंदिर 100 वर्षों से हैदराबाद और सिकंदराबाद के जुड़वां शहरों में पारसी और ईरानी पारसी समुदाय की सेवा कर रहा है.

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