नई दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने शुक्रवार को कहा कि वह चुनाव के बाद बीजेपी विरोधी 'धर्मनिरपेक्ष मोर्चा सरकार' बनाएगी. CPM महासचिव सीताराम येचुरी ने ईटीवी भारत सेविशेष बातचीत में ये बात कही. उन्होंने कहा कि सभी समान विचारधारा वाले दलों के साथ इस बात पर कई बार चर्चा भी हुई है.
सीताराम येचुरी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र के अनुसार, चुनाव से पहले कोई राष्ट्रीय स्तर का गठबंधन नहीं होता है. वर्तमान में बीजेपी राज्य स्तर पर 32 सहयोगियों के साथ बैठ रही है. इंदिरा गांधी को आपातकाल के दौरान हराने के बाद जनता पार्टी का गठन हुआ. केंद्र में संयुक्त मोर्चा की सरकार बनी तो देवगौड़ा प्रधानमंत्री बने.
उन्होंने कहा किइंदिरा गांधी को आपातकाल के दौरान हराने के बाद जनता पार्टी का गठन हुआ. केंद्र में संयुक्त मोर्चा की सरकार बनी तो देवगौड़ा प्रधानमंत्री बने. जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने तो चुनाव के बाद NDA का गठन हुआ था, साल 2004 में यूपीए का गठन चुनाव के बाद हुआ और अब 2019 में भी वही होगा.'
येचुरी ने कहा कि यह चुनाव प्रधानमंत्री-बीजेपी और भारत की जनता के बीच का चुनाव है. येचुरी ने कहा, 'बीजेपी विरोधी अधिक से अधिक मतों को खींचकर हम उसे हराएंगे. भारत के लोगों को एक वैकल्पिक पार्टी की जरूरत है, जो भारत में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करे.'
येचुरी ने मोदी सरकार पर जनविरोधी नीतियों को अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, '(बीजेपी) क्रोनी कैपिटलिस्टों का समर्थन कर रही है, इसलिए हम लोगों से बीजेपी को हराने की अपील करते हैं.'
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बालाकोट और मिशन शक्ति को लेकर राजनीतिकरण का भी आरोप लगाया. येचुरी ने कहा, 'प्रधानमंत्री सभी मुद्दों का राजनीतिकरण कर रहे हैं ... बेहतर यही होगाकि वह इन चीजों से दूर रहें.'
बता दें, सीपीएम ने गुरुवार को अपना चुनावी घोषणापत्र तीन मुद्दों के साथ जारी किया है.