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ये हैं चंद्रयान-2 मिशन के असली नायक

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Published : Sep 7, 2019, 12:04 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 5:36 PM IST

चंद्रयान-2 मिशन आज सफलतापूर्वक पूर्ण हो गया. इस मिशन को सफल बनाने में जिनका सबसे अधिक योगदान रहा वे चंद्रयान 2 के वैज्ञानिक हैं. कौन हैं ये वैज्ञानिक और क्या था इनका किरदार ये जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

चंद्रयान-2

नई दिल्ली:इसरो के चंद्रयान 2 मिशन के असली नायक हैं वे वैज्ञानिक, जिन्होंने दिन-रात कठिन मेहनत कर यह करिश्माई सफलता पाई है. इसरो ने इस वैज्ञानिकों के अलग-अलग संस्थानों से बुलाया और उन्हें मिशन की अलग-अलग जिम्मेवारी सौंपी. उसके बाद आज चंद्रयान 2 मिशन इस मुकाम तक पहुंच सका है. आइए जानते हैं आखिर कौन हैं ये वैज्ञानिक और कैसी रहीं हैं इनकी भूमिकाएं.

मुथैया वनिथा
वह चंद्रयान 2 अभियान की निदेशक हैं.वह डेटा एक्सपर्ट हैं. इससे पहले वह कार्टोसैट-1, ओसिनसैट -2 और मेघा ट्रॉपिक्स टीम की सदस्य रह चुकी हैं. यूआर राव सैटेलाइट सेंटर की मुथैया एक मात्र महिला वैज्ञानिक हैं, जो किसी भी ग्रहीय...प्लानीटेरी मिशन में इतनी बड़ी भूमिका निभा रही हैं.

isro scientists  etv bharat
मुथैया वनिथा, इसरो वैज्ञानिक.

उन्होंने सैटेलाइट संचार पर कई किताबें लिखी हैं. वह डिजीटल सिग्नल प्रोसेसिंग की विशेषज्ञ हैं. 2006 में उन्हें एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ने उत्कृट महिला वैज्ञानिक का अवार्ड दिया था. विज्ञान की पत्रिका नेचर ने इस साल के पांच टॉप साइंटिस्टों में रखा है, जिन पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी.

रितु करिधल
रितु करिधल को चंद्रयान 2 को आर्बिट में स्थापित करने की मुख्य जिम्मेदारी दी गई थी. वह इसकी संयोजक हैं. रितु भी यूआर राव सैटेलाइट सेंटर से हैं. वह मार्स ऑर्बिटर मिशन 2013 की उप निदेशक (ऑपरेशन्स) रह चुकी हैं. उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से एयरोस्पेस में इंजीनियरिंग की डिग्री ली. इसरो ने उन्हें 2007 में यंग साइंटिस्ट का अवार्ड दिया था.

isro scientists  etv bharat
रितु करिधल, इसरो वैज्ञानिक.

के सिवन
कैलासवादिवु सिवन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष हैं. वह चंद्रमा पर चंद्रयान -2 मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं. सिवन ने 2006 में IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी प्राप्त की.

isro scientists  etv bharat
के सिवना, इसरो चीफ.
वह 1982 में इसरो में शामिल हुए और लगभग सभी रॉकेट कार्यक्रमों पर काम किया है. जनवरी 2018 में इसरो के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, वह विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक थे, जो रॉकेट विकसित करता है.क्रायोजेनिक इंजन, पीएसएलवी, जीएसएलवी और पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण वाहन (आरएलवी) कार्यक्रमों के विकास में उनके योगदान के लिए उन्हें इसरो के 'रॉकेट मैन' के रूप में जाना जाता है.22 जुलाई को उन्होंने और उनकी टीम ने श्रीहरिकोटा से मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया.

डॉ. एम अन्नादुरई
डॉ एम अन्नादुरई मिशन के परियोजना निदेशक हैं. वह बेंगलुरु में इसरो उपग्रह केंद्र के पूर्व निदेशक थे.

isro scientists  etv bharat
डॉ. एम अन्नादुरई, इसरो वैज्ञानिक.
अन्नादुराई 2013 में शुरू किए गए मंगल ऑर्बिटर मिशन "मंगलयान" के कार्यक्रम निदेशक भी थे.
isro scientists  etv bharat
चंद्रकांता कुमार, इसरो वैज्ञानिक.

एस. पांडियन
एस. पांडियन ने 30 जून को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक के रूप में पदभार संभाला.

एस राजराजन
मिशन के रवाना होने से पहले उन्हें वीएसएससी के तिरुवनंतपुरम में लॉन्च वाहन केंद्र से बुलाया गया था.

जयप्रकाश
लॉन्चर टीम का नेतृत्व विक्रम साराभाई स्पेस सेंट्रे के जयप्रकाश कर रहे हैं.

एस सोमनाथ
इन्होंने जीएसएलवी मार्क तीन लॉन्चर में मुख्य भूमिका निभाई है. वह भी वीएसएससी से आते हैं.

isro scientists  etv bharat
एस सोमनाथ, इसरो वैज्ञानिक.

पी. कुन्हीकृष्णन
पी. कुन्हीकृष्णन, यूआरएससी के पास अंतरिक्ष यान और लैंडर कार्यों की कुंजी है.

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पी. कुन्हीकृष्णन, इसरो वैज्ञानिक.

वी.वी. श्रीनिवासन
श्रीनिवासन, जिनका ट्रैकिंग केंद्र ISTRAC बेंगलुरु में है, अंतरिक्ष यान के महत्वपूर्ण प्रक्षेपण के बाद के युद्धाभ्यास को संभालेंगे

नई दिल्ली:इसरो के चंद्रयान 2 मिशन के असली नायक हैं वे वैज्ञानिक, जिन्होंने दिन-रात कठिन मेहनत कर यह करिश्माई सफलता पाई है. इसरो ने इस वैज्ञानिकों के अलग-अलग संस्थानों से बुलाया और उन्हें मिशन की अलग-अलग जिम्मेवारी सौंपी. उसके बाद आज चंद्रयान 2 मिशन इस मुकाम तक पहुंच सका है. आइए जानते हैं आखिर कौन हैं ये वैज्ञानिक और कैसी रहीं हैं इनकी भूमिकाएं.

मुथैया वनिथा
वह चंद्रयान 2 अभियान की निदेशक हैं.वह डेटा एक्सपर्ट हैं. इससे पहले वह कार्टोसैट-1, ओसिनसैट -2 और मेघा ट्रॉपिक्स टीम की सदस्य रह चुकी हैं. यूआर राव सैटेलाइट सेंटर की मुथैया एक मात्र महिला वैज्ञानिक हैं, जो किसी भी ग्रहीय...प्लानीटेरी मिशन में इतनी बड़ी भूमिका निभा रही हैं.

isro scientists  etv bharat
मुथैया वनिथा, इसरो वैज्ञानिक.

उन्होंने सैटेलाइट संचार पर कई किताबें लिखी हैं. वह डिजीटल सिग्नल प्रोसेसिंग की विशेषज्ञ हैं. 2006 में उन्हें एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ने उत्कृट महिला वैज्ञानिक का अवार्ड दिया था. विज्ञान की पत्रिका नेचर ने इस साल के पांच टॉप साइंटिस्टों में रखा है, जिन पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी.

रितु करिधल
रितु करिधल को चंद्रयान 2 को आर्बिट में स्थापित करने की मुख्य जिम्मेदारी दी गई थी. वह इसकी संयोजक हैं. रितु भी यूआर राव सैटेलाइट सेंटर से हैं. वह मार्स ऑर्बिटर मिशन 2013 की उप निदेशक (ऑपरेशन्स) रह चुकी हैं. उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से एयरोस्पेस में इंजीनियरिंग की डिग्री ली. इसरो ने उन्हें 2007 में यंग साइंटिस्ट का अवार्ड दिया था.

isro scientists  etv bharat
रितु करिधल, इसरो वैज्ञानिक.

के सिवन
कैलासवादिवु सिवन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष हैं. वह चंद्रमा पर चंद्रयान -2 मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं. सिवन ने 2006 में IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी प्राप्त की.

isro scientists  etv bharat
के सिवना, इसरो चीफ.
वह 1982 में इसरो में शामिल हुए और लगभग सभी रॉकेट कार्यक्रमों पर काम किया है. जनवरी 2018 में इसरो के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, वह विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक थे, जो रॉकेट विकसित करता है.क्रायोजेनिक इंजन, पीएसएलवी, जीएसएलवी और पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण वाहन (आरएलवी) कार्यक्रमों के विकास में उनके योगदान के लिए उन्हें इसरो के 'रॉकेट मैन' के रूप में जाना जाता है.22 जुलाई को उन्होंने और उनकी टीम ने श्रीहरिकोटा से मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया.

डॉ. एम अन्नादुरई
डॉ एम अन्नादुरई मिशन के परियोजना निदेशक हैं. वह बेंगलुरु में इसरो उपग्रह केंद्र के पूर्व निदेशक थे.

isro scientists  etv bharat
डॉ. एम अन्नादुरई, इसरो वैज्ञानिक.
अन्नादुराई 2013 में शुरू किए गए मंगल ऑर्बिटर मिशन "मंगलयान" के कार्यक्रम निदेशक भी थे.
isro scientists  etv bharat
चंद्रकांता कुमार, इसरो वैज्ञानिक.

एस. पांडियन
एस. पांडियन ने 30 जून को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक के रूप में पदभार संभाला.

एस राजराजन
मिशन के रवाना होने से पहले उन्हें वीएसएससी के तिरुवनंतपुरम में लॉन्च वाहन केंद्र से बुलाया गया था.

जयप्रकाश
लॉन्चर टीम का नेतृत्व विक्रम साराभाई स्पेस सेंट्रे के जयप्रकाश कर रहे हैं.

एस सोमनाथ
इन्होंने जीएसएलवी मार्क तीन लॉन्चर में मुख्य भूमिका निभाई है. वह भी वीएसएससी से आते हैं.

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एस सोमनाथ, इसरो वैज्ञानिक.

पी. कुन्हीकृष्णन
पी. कुन्हीकृष्णन, यूआरएससी के पास अंतरिक्ष यान और लैंडर कार्यों की कुंजी है.

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पी. कुन्हीकृष्णन, इसरो वैज्ञानिक.

वी.वी. श्रीनिवासन
श्रीनिवासन, जिनका ट्रैकिंग केंद्र ISTRAC बेंगलुरु में है, अंतरिक्ष यान के महत्वपूर्ण प्रक्षेपण के बाद के युद्धाभ्यास को संभालेंगे

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Last Updated : Sep 29, 2019, 5:36 PM IST
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