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बेगूसराय में 30 लाख लोगों पर सिर्फ 62 डॉक्टर, केंद्रीय मंत्री हैं सांसद गिरिराज सिंह

डॉक्टरों की कमी के कारण बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. बेगूसराय जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है. जिले के सिविल सर्जन भी मानते हैं कि डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को 24 घंटे सुविधा देना काफी मुश्किल हो रहा है. इस कारण स्वास्थ्य केंद्रों पर हंगामे जैसे हालात उत्पन्न हो जाते हैं. जानें कैसी है जमीनी हकीकत

बिहार अस्पताल का फोटो
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Published : Jun 28, 2019, 9:02 PM IST

बेगूसराय: हाल ही में नीति आयोग ने हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट जारी की है. इसमें 21 राज्यों की सूची में बिहार 20वें नंबर पर है. बेगूसराय जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की घोर कमी है. इस कारण यहां के सदर अस्पताल से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक के स्वास्थ्य केंद्रों पर अराजकता की स्थिति बनी हुई है. जिले में कई ऐसे प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य केंद्र हैं, जो केवल एक ही डॉक्टर के सहारे चलते हैं. जबकि 18 प्रखंडों में मात्र 4 महिला डॉक्टर हैं.

बिहार के अस्पतालों का हाल

62 डॉक्टरों के भरोसे 30 लाख लोग
दरअसल, यहां 30 लाख लोगों के स्वास्थ्य का जिम्मा 62 डॉक्टरों के कंधे पर है. जिले में डॉक्टरों के कुल 142 पद स्वीकृत हैं, जिसमें मात्र 62 डॉक्टर कार्यरत हैं. जबकि 80 डॉक्टर के पद अभी भी खाली हैं. यहां की आधी आबादी महिलाओं की है. इनके देख-रेख के लिए महज चार महिला डॉक्टर कार्यरत हैं.

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बेगूसराय में डॉक्टरों की उपलब्धता का विवरण

मरीजों को होती है दिक्कत
डॉक्टरों की कमी के कारण जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है. जिले के सिविल सर्जन भी मानते हैं कि डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को 24 घंटे सुविधा देना काफी मुश्किल हो रहा है. इस कारण स्वास्थ्य केंद्रों पर हंगामे जैसे हालात उत्पन्न हो जाते हैं.

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बिहार के अस्पतालों का हाल

महिला रोगियों को हो रही परेशानी
इस बाबत सिविल सर्जन बृजनंदन शर्मा ने बताया कि जिले में डॉक्टरों की घोर कमी है. इस कारण मरीजों को सेवा देना मुमकिन नहीं हो पा रहा है. महिला डॉक्टरों के अभाव के कारण महिला रोगियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. सिविल सर्जन ने बताया कि डॉक्टरों की कमी के कारण कई बार विभाग और सरकार को पत्र लिखा गया है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही डॉक्टरों की कमी को पूरा कर लिया जाएगा.

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बिहार के अस्पतालों का हाल

डॉक्टरों की उपलब्धता:

डॉक्टरों के कुल पद कार्यरत रिक्त

महिला डॉक्टर

142 62 80 4

सदर अस्पताल में डॉक्टरों की उपलब्धता

पैथोलॉजिस्ट रक्त चर्म रोग विशेषज्ञ ईएनटी विशेषज्ञ
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प्रमुख बिंदु:

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बिहार के अस्पतालों का हाल
  • जिले की आबादी 30 लाख
  • 18 प्रखंड और 5 शहरी निकाय मिलाकर कुल 26 स्वास्थ्य केन्द्र
  • प्रमुख आईएसओ मान्यता प्राप्त सदर अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पद 28
  • कार्यरत डॉक्टर मात्र 13

बेगूसराय: हाल ही में नीति आयोग ने हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट जारी की है. इसमें 21 राज्यों की सूची में बिहार 20वें नंबर पर है. बेगूसराय जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की घोर कमी है. इस कारण यहां के सदर अस्पताल से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक के स्वास्थ्य केंद्रों पर अराजकता की स्थिति बनी हुई है. जिले में कई ऐसे प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य केंद्र हैं, जो केवल एक ही डॉक्टर के सहारे चलते हैं. जबकि 18 प्रखंडों में मात्र 4 महिला डॉक्टर हैं.

बिहार के अस्पतालों का हाल

62 डॉक्टरों के भरोसे 30 लाख लोग
दरअसल, यहां 30 लाख लोगों के स्वास्थ्य का जिम्मा 62 डॉक्टरों के कंधे पर है. जिले में डॉक्टरों के कुल 142 पद स्वीकृत हैं, जिसमें मात्र 62 डॉक्टर कार्यरत हैं. जबकि 80 डॉक्टर के पद अभी भी खाली हैं. यहां की आधी आबादी महिलाओं की है. इनके देख-रेख के लिए महज चार महिला डॉक्टर कार्यरत हैं.

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बेगूसराय में डॉक्टरों की उपलब्धता का विवरण

मरीजों को होती है दिक्कत
डॉक्टरों की कमी के कारण जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है. जिले के सिविल सर्जन भी मानते हैं कि डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को 24 घंटे सुविधा देना काफी मुश्किल हो रहा है. इस कारण स्वास्थ्य केंद्रों पर हंगामे जैसे हालात उत्पन्न हो जाते हैं.

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बिहार के अस्पतालों का हाल

महिला रोगियों को हो रही परेशानी
इस बाबत सिविल सर्जन बृजनंदन शर्मा ने बताया कि जिले में डॉक्टरों की घोर कमी है. इस कारण मरीजों को सेवा देना मुमकिन नहीं हो पा रहा है. महिला डॉक्टरों के अभाव के कारण महिला रोगियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. सिविल सर्जन ने बताया कि डॉक्टरों की कमी के कारण कई बार विभाग और सरकार को पत्र लिखा गया है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही डॉक्टरों की कमी को पूरा कर लिया जाएगा.

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बिहार के अस्पतालों का हाल

डॉक्टरों की उपलब्धता:

डॉक्टरों के कुल पद कार्यरत रिक्त

महिला डॉक्टर

142 62 80 4

सदर अस्पताल में डॉक्टरों की उपलब्धता

पैथोलॉजिस्ट रक्त चर्म रोग विशेषज्ञ ईएनटी विशेषज्ञ
0 0 0

प्रमुख बिंदु:

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बिहार के अस्पतालों का हाल
  • जिले की आबादी 30 लाख
  • 18 प्रखंड और 5 शहरी निकाय मिलाकर कुल 26 स्वास्थ्य केन्द्र
  • प्रमुख आईएसओ मान्यता प्राप्त सदर अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पद 28
  • कार्यरत डॉक्टर मात्र 13
Intro:एंकर-बेगूसराय जिले की तीस लाख की बड़ी आबादी के स्वास्थ्य सुविधाओं का जिम्मा मात्र 62 डॉक्टरो के बूते है।जिले में डॉक्टरों के 142 पद स्वीकृत हैं इसके विरुद्ध मात्र 62 डॉक्टर कार्यरत हैं जबकि 80 डॉक्टर के पदस्थापना की प्रतीक्षा अभी भी है।आधी आबादी महिलाओँ की है जिसके लिए मात्र चार महिला डॉक्टर पदस्थापित हैं।डॉक्टरों की कमी के कारण जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है।खास बात ये है कि जिले के सिविल सर्जन भी मानते हैं कि डॉक्टरों की घोर कमी है जिस वजह से 24×7 सुविधा देना काफी मुश्किल हो रहा हैं।


Body:voजिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की घोर कमी है जिस वजह से सदर अस्पताल से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक के स्वास्थ्य केंद्रों पर अराजकता की स्थिति बनी हुई है ।कई ऐसे प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां मात्र एक एमबीबीएस के सहारे स्वास्थ्य विभाग 24 * 7 स्वास्थ्य सुविधा का दावा करता है। वहीं जिले के अट्ठारह प्रखंडों में मात्र चार महिला चिकित्सक है इससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि किस कदर महिलाओं के साथ-साथ आम लोगों को परेशानी होती है। गौरतलब हो कि बेगूसराय जिले की आबादी 30 लाख के आसपास है। स्वास्थ्य कर्मियों का टोटा झेल रहे विभाग के अधिकारी और कर्मी स्वयं भी काफी परेशानी झेल रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों के अभाव के कारण स्वास्थ्य केंद्रों पर हंगामे जैसे हालात पैदा हो जाते हैं ,इस वजह से विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस बाबत सिविल सर्जन बेगूसराय बृजनंदन शर्मा बताते हैं यह बात सच है कि जिले में डॉक्टरों की घोर कमी है जिस वजह से 24 * 7 कि सेवा देना मुमकिन नहीं हो पा रहा है। महिला चिकित्सकों के अभाव के कारण महिला रोगियों को हो रही परेशानी के बारे में सिविल सर्जन बृजनंदन शर्मा ने बताया कि निश्चित तौर पर महिलाओं को भी परेशानी हो रही है। महिला चिकित्सकों से लेकर पुरुष चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए विभाग और सरकार को कई बार पत्र लिखा गया है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही डॉक्टरों की कमी को पूरा कर लिया जाएगा लेकिन जब तक बेगूसराय में डॉक्टर नहीं आ जाते हैं तब तक निश्चित तौर पर स्वास्थ्य विभाग के लिए लोगों को स्वास्थ्य सेवा देना बड़ी चुनौती है ।
बाइट -वृजनंदन शर्मा,सिविल सर्जन बेगूसराय
PTC Aashish

प्रमुख बिंदु
1-जिले की आबादी 30 लाख
2-जिले में कुल अठारह प्रखंड और पांच शहरी निकाय मिलाकर कुल -26 स्वास्थ्य केन्द्र कार्यरत हैं।
3-जिले में डॉक्टरों के स्वीकृत पद-142
4-कार्यरत डॉक्टर-मात्र 62
5-जिले में डॉक्टरों के रिक्त पद-80
6-जिले के प्रमुख आईएसओ मान्यता प्राप्त सदर अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पद-28
कार्यरत मात्र-13
7-जिले की आधी आबादी यानी महिलाओं की 14 लाख आबादी के खिलाफ महिला डॉक्टरों की संख्या-मात्र 4
8-जिले के ग्रामीण इलाकों में कार्यरत ज्यादातर उपस्वास्थ्य केंद्र बन्द ही रहते हैं।
9-जिले पांच ऐसे स्वस्थकेन्द्र जिसकी बिल्डिंग को भवन निर्माण विभाग ने रिटायर्ड घोषित कर दिया है बाबजूद इसके अब भी कार्यरत।
10-सदर अस्पताल में डॉक्टरों की उपलब्धता
पैथोलॉजिस्ट रक्त-शून्य
चर्म रोग विशेषज्ञ-शून्य
ई एन टी विशेषज्ञ-शून्य
अन्य रोगों के लिए स्वीकृति के विरुद्ध आधे से भी कम डॉक्टर है कार्यरत।


Conclusion:fvo-बहरहाल जो भी हो इतना तय है कि आबादी के अनुरूप डॉक्टरों और चिकित्सको की घोर कमी भविष्य में जिले में कभी भी बड़े हादसे और हंगामे का कारण बन सकता है।
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