जयपुर. SC/ ST आरक्षण को बढ़ाने वाले 126 वें संशोधन कानून को राजस्थान विधानसभा में पास कर दिया गया है. शनिवार के दिन सदन में इस कानून को पक्ष और विपक्ष ने मिलकर एक स्वर में पास किया, लेकिन प्रस्ताव पास होने के बाद पक्ष और विपक्ष में जमकर जुबानी जंग देखने को मिली. विपक्ष ने सत्ता पक्ष की नीयत पर सवाल उठाए तो सत्तापक्ष ने विपक्ष को यह कहते हुए आईना दिखाने की कोशिश की कि आरक्षण की समीक्षा की बात करने वाले लोग कानून नहीं सिखाएं तो ज्यादा बेहतर है.
15वीं विधानसभा के चौथे सत्र के दूसरे दिन सबकी निगाहें राजस्थान विधानसभा पर थीं. इसकी वजह है कि लंबे समय बाद पक्ष और विपक्ष ने एक प्रस्ताव पर एक स्वर में सहमति जताई. दरअसल SC/ST आरक्षण को बढ़ाने वाले 126 वें संशोधन कानून के प्रस्ताव को राजस्थान की विधानसभा में रखा गया. जिसे पक्ष और विपक्ष ने एक स्वर में मंजूरी दी.
इस दौरान सदन में और सदन से बाहर पक्ष और विपक्ष में टकराव भी देखने को मिला. विपक्ष ने सत्ता पक्ष की नीयत पर सवाल उठाए. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि बहुत कम होता है कि किसी भी संशोधन कानून में राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हो जाते हैं और उसके बाद कोई राज्य उसके सहमति पत्र के प्रस्ताव को पास करता है. उन्होंने कहा कि जब 18 से 19 राज्यों ने राज्यों ने SC/ ST एक्ट में संशोधन के कानून को समर्थन दे दिया, उसके बाद आज राजस्थान की विधानसभा में कांग्रेस की सरकार ने इस प्रस्ताव को पास किया.
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कटारिया ने कहा कि SC/ ST एक्ट अगर पहले भी लाते तो भी हम पूर्ण रूप से समर्थन करते. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही भ्रम फैलाने की पहले भी कोशिश की थी कि बीजेपी उनका आरक्षण खत्म कर देगी. लेकिन पहले भी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय आरक्षण को 10 साल के लिए बढ़ाया गया और आज भी हम ने ही आरक्षण को 10 साल के लिए बढ़ाया है.
साथ ही कहा कि इसमें राजस्थान की सरकार से गलती हो गई कि इनके डिपार्टमेंट हैं. इन्हें समय पर जानकारी नहीं दी, जिससे जो समर्थन पत्र समय पर चला जाना चाहिए था वह नहीं गया. जिस तरह से 18 से 19 राज्यों का समर्थन पत्र आया, उसी तरह से राजस्थान का समर्थन पत्र समय पर नहीं गया. अगर समर्थन पत्र चला जाता तो राजस्थान के SC/ ST के लोगों को लगता है कि सरकार उनके बारे में भी चिंता करती है, लेकिन अब जिस तरीके से कानून बनने के बाद और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद इस कानून के समर्थन में पत्र जारी किया गया है, वह सिर्फ कांग्रेस सरकार अपनी झेंप मिटाने के लिए किया है. जो गलती उनसे हो गई उसे सुधारने की कोशिश की गई है.
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वहीं कांग्रेस विधायक और ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि जब भी कांग्रेस ने आरक्षण को 10 साल के लिए बढ़ाया, तब बीजेपी ने कांग्रेस पर SC/ ST तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आरक्षण की समीक्षा की बात कौन करता है. मोहन भागवत ने आरक्षण की समीक्षा की बात की थी, हमारी सरकार और कांग्रेस हमेशा से ही SC/ ST के लोगों के हितों को ध्यान में रखा है.