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रद किए गए हवाई टिकटों के रिफंड पर केंद्र से सुप्रीम ने मांगा जवाब

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Published : Jun 13, 2020, 3:18 AM IST

एयरलाइन कंपनियों ने लॉकडाउन के दौरान हवाई यात्रा पर रोक लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने रद किए गए टिकटों का पैसा वापस करने के निर्देश देने की याचिका के जवाब में केंद्र को नोटिस जारी किया है.

sc seeks response from centre
केंद्र से SC ने प्रतिक्रिया मांगी

नई दिल्ली: जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने एक याचिका के जवाब में केंद्र को नोटिस जारी किया, जिसमें एयरलाइन कंपनियों को हवाई यात्रा पर रोक के कारण रद किए गए पूर्व लॉकडाउन के टिकटों के पैसे वापस करने के निर्देश दिए गए थे.

कोर्ट ने केंद्र और एयरलाइंस को तीन सप्ताह में चर्चा करने और जवाब देने के लिए कहा, जिसके बाद इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी.

न्यायाधीशों ने दो साल के जीवन के साथ एक क्रेडिट नोट का सुझाव दिया, जो यात्रियों को किसी भी मार्ग के लिए इसका उपयोग करने की अनुमति देगा.

स्पाइस जेट ने कोर्ट को बताया कि दुनिया में कहीं भी एयरलाइंस पूरी रकम वापस नहीं कर रही है और वे नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ इस मामले पर चर्चा कर ग्राहकों की चिंताओं का हल निकालना चाहते हैं.

पढ़ें- लॉकडाउन के दौरान पूरा वेतन देने के मामले में निजी कंपनियों को राहत

अधिवक्ता ने कहा, 'कोर्ट को यह भी बताया गया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण एयरलाइंस को वैश्विक स्तर पर 60 बिलियन डॉलर का झटका लगा है और उड़ान लागत का 49% तय हो गया है. एयरलाइंस को शून्य राजस्व प्राप्त हुआ है. क्रेडिट शेल के लिए पूछना एयरलाइंस को बर्बाद कर देगा. कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करे और तीन सप्ताह में कोर्ट को इस बारे में सूचित करे.

नई दिल्ली: जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने एक याचिका के जवाब में केंद्र को नोटिस जारी किया, जिसमें एयरलाइन कंपनियों को हवाई यात्रा पर रोक के कारण रद किए गए पूर्व लॉकडाउन के टिकटों के पैसे वापस करने के निर्देश दिए गए थे.

कोर्ट ने केंद्र और एयरलाइंस को तीन सप्ताह में चर्चा करने और जवाब देने के लिए कहा, जिसके बाद इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी.

न्यायाधीशों ने दो साल के जीवन के साथ एक क्रेडिट नोट का सुझाव दिया, जो यात्रियों को किसी भी मार्ग के लिए इसका उपयोग करने की अनुमति देगा.

स्पाइस जेट ने कोर्ट को बताया कि दुनिया में कहीं भी एयरलाइंस पूरी रकम वापस नहीं कर रही है और वे नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ इस मामले पर चर्चा कर ग्राहकों की चिंताओं का हल निकालना चाहते हैं.

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अधिवक्ता ने कहा, 'कोर्ट को यह भी बताया गया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण एयरलाइंस को वैश्विक स्तर पर 60 बिलियन डॉलर का झटका लगा है और उड़ान लागत का 49% तय हो गया है. एयरलाइंस को शून्य राजस्व प्राप्त हुआ है. क्रेडिट शेल के लिए पूछना एयरलाइंस को बर्बाद कर देगा. कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करे और तीन सप्ताह में कोर्ट को इस बारे में सूचित करे.

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