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मोदी बायोपिक- SC ने फिल्म पर रोक लगाने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी की जिंदगी पर बनी फिल्म पर कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. आगे इस मामले पर फैसला चुनाव आयोग करेगा.

पीएम मोदी पर बनी बायोपिक
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Published : Apr 9, 2019, 3:52 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बनी बायोपिक के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट ने चुनाव आयोग के पास जाकर मामला रखने को कहा.
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिये दायर याचिका पर विचार नहीं कर रही है. क्योंकि इसे अभी सेन्सर बोर्ड का प्रमाण पत्र मिलना बाकी है.

न्यायालय ने कहा कि यदि यह फिल्म 11 अप्रैल को प्रदर्शित भी होती है, जैसा कांग्रेस कार्यकर्ता का दावा है, तो उसे राहत के लिये निर्वाचन आयोग के पास ही जाना होगा. यह याचिका कांग्रेस कार्यकर्ता अमन पंवार ने दायर की थी.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने याचिका खारिज करते हुये कहा, ‘‘हम, इसलिए, इसे विचार के योग्य नहीं समझते हैं.’’

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता इस बायोपिक की प्रति संलग्न करने में असमर्थ रहा है और दो मिनट के ट्रेलर वाली वीडियो क्लिपिंग यह आकलन करने के लिये पर्याप्त नहीं है कि इससे लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा.

पीठ ने कहा कि यदि फिल्म की वजह से आम चुनाव में भाजपा के पक्ष में झुकाव होता है, जैसा कि कांग्रेस कार्यकर्ता ने तर्क दिया है, तो भी इस बारे में शिकायत का विश्लेषण करना निर्वाचन आयोग का काम है.

पीठ ने याचिकाकर्ता के इस अनुरोध का भी संज्ञान लिया कि फिल्म का प्रदर्शन पहले चरण के मतदान के दिन 11 अप्रैल को नहीं होना चाहिए और कहा कि यह अनुरोध समय पूर्व है और इस पहलू पर भी निर्वाचन आयोग को गौर करना चाहिए.

इस मामले में सोमवार को प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इस फिल्म को अभी सेन्सर बोर्ड का प्रमाण पत्र भी नहीं मिला है. उन्होंने इस संबंध में चार अप्रैल को सेन्सर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी द्वारा पीटीआई को दिये गये एक बयान का जिक्र किया था. जोशी ने पीटीआई से कहा था कि फिल्म इस समय जांच और प्रमाणन की प्रक्रिया में है.

उन्होंने यह भी कहा था कि चूंकि फिल्म के प्रमाण से जुड़े अनेक सवाल हैं और वह एक साफ तस्वीर पेश करना चाहते हैं. फिल्म निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार ही जांच और प्रमाणन प्रक्रिया के दौर में है और इसे अभी प्रमाणित किया जाना है.

पढ़ें:पाकिस्तान से ऐसे निपटे कि वह भारत से दोबारा उलझने लायक ना बचे : उद्धव ठाकरे

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी का कहना था कि फिल्म निर्माता संदीप सिंह ने बयान दिया था कि 11 अप्रैल को फिल्म प्रदर्शित की जायेगी.

इस पर पीठ ने कहा था कि हो सकता है कि सेन्सर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिल जाने की उम्मीद में निर्माता ने इस बायोपिक को 11 अप्रैल को प्रदर्शित करने के बारे में बयान दिया हो.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बनी बायोपिक के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट ने चुनाव आयोग के पास जाकर मामला रखने को कहा.
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिये दायर याचिका पर विचार नहीं कर रही है. क्योंकि इसे अभी सेन्सर बोर्ड का प्रमाण पत्र मिलना बाकी है.

न्यायालय ने कहा कि यदि यह फिल्म 11 अप्रैल को प्रदर्शित भी होती है, जैसा कांग्रेस कार्यकर्ता का दावा है, तो उसे राहत के लिये निर्वाचन आयोग के पास ही जाना होगा. यह याचिका कांग्रेस कार्यकर्ता अमन पंवार ने दायर की थी.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने याचिका खारिज करते हुये कहा, ‘‘हम, इसलिए, इसे विचार के योग्य नहीं समझते हैं.’’

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता इस बायोपिक की प्रति संलग्न करने में असमर्थ रहा है और दो मिनट के ट्रेलर वाली वीडियो क्लिपिंग यह आकलन करने के लिये पर्याप्त नहीं है कि इससे लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा.

पीठ ने कहा कि यदि फिल्म की वजह से आम चुनाव में भाजपा के पक्ष में झुकाव होता है, जैसा कि कांग्रेस कार्यकर्ता ने तर्क दिया है, तो भी इस बारे में शिकायत का विश्लेषण करना निर्वाचन आयोग का काम है.

पीठ ने याचिकाकर्ता के इस अनुरोध का भी संज्ञान लिया कि फिल्म का प्रदर्शन पहले चरण के मतदान के दिन 11 अप्रैल को नहीं होना चाहिए और कहा कि यह अनुरोध समय पूर्व है और इस पहलू पर भी निर्वाचन आयोग को गौर करना चाहिए.

इस मामले में सोमवार को प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इस फिल्म को अभी सेन्सर बोर्ड का प्रमाण पत्र भी नहीं मिला है. उन्होंने इस संबंध में चार अप्रैल को सेन्सर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी द्वारा पीटीआई को दिये गये एक बयान का जिक्र किया था. जोशी ने पीटीआई से कहा था कि फिल्म इस समय जांच और प्रमाणन की प्रक्रिया में है.

उन्होंने यह भी कहा था कि चूंकि फिल्म के प्रमाण से जुड़े अनेक सवाल हैं और वह एक साफ तस्वीर पेश करना चाहते हैं. फिल्म निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार ही जांच और प्रमाणन प्रक्रिया के दौर में है और इसे अभी प्रमाणित किया जाना है.

पढ़ें:पाकिस्तान से ऐसे निपटे कि वह भारत से दोबारा उलझने लायक ना बचे : उद्धव ठाकरे

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी का कहना था कि फिल्म निर्माता संदीप सिंह ने बयान दिया था कि 11 अप्रैल को फिल्म प्रदर्शित की जायेगी.

इस पर पीठ ने कहा था कि हो सकता है कि सेन्सर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिल जाने की उम्मीद में निर्माता ने इस बायोपिक को 11 अप्रैल को प्रदर्शित करने के बारे में बयान दिया हो.

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सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी की जिंदगी पर बनी फिल्म पर कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. आगे इस मामले पर फैसला चुनाव आयोग करेगा. 





मोदी बायोपिक- SC ने फिल्म पर रोक लगाने से किया इनकार



नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बनी बायोपिक के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट ने चुनाव आयोग के पास जाकर मामला रखने को कहा. 

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिये दायर याचिका पर विचार नहीं कर रही है. क्योंकि इसे अभी सेन्सर बोर्ड का प्रमाण पत्र मिलना बाकी है.

न्यायालय ने कहा कि यदि यह फिल्म 11 अप्रैल को प्रदर्शित भी होती है, जैसा कांग्रेस कार्यकर्ता का दावा है, तो उसे राहत के लिये निर्वाचन आयोग के पास ही जाना होगा. यह याचिका कांग्रेस कार्यकर्ता अमन पंवार ने दायर की थी.



प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने याचिका खारिज करते हुये कहा, ‘‘हम, इसलिए, इसे विचार के योग्य नहीं समझते हैं.’’ 



पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता इस बायोपिक की प्रति संलग्न करने में असमर्थ रहा है और दो मिनट के ट्रेलर वाली वीडियो क्लिपिंग यह आकलन करने के लिये पर्याप्त नहीं है कि इससे लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा.



पीठ ने कहा कि यदि फिल्म की वजह से आम चुनाव में भाजपा के पक्ष में झुकाव होता है, जैसा कि कांग्रेस कार्यकर्ता ने तर्क दिया है, तो भी इस बारे में शिकायत का विश्लेषण करना निर्वाचन आयोग का काम है.



पीठ ने याचिकाकर्ता के इस अनुरोध का भी संज्ञान लिया कि फिल्म का प्रदर्शन पहले चरण के मतदान के दिन 11 अप्रैल को नहीं होना चाहिए और कहा कि यह अनुरोध समय पूर्व है और इस पहलू पर भी निर्वाचन आयोग को गौर करना चाहिए.



इस मामले में सोमवार को प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इस फिल्म को अभी सेन्सर बोर्ड का प्रमाण पत्र भी नहीं मिला है. उन्होंने इस संबंध में चार अप्रैल को सेन्सर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी द्वारा पीटीआई को दिये गये एक बयान का जिक्र किया था. जोशी ने पीटीआई से कहा था कि फिल्म इस समय जांच और प्रमाणन की प्रक्रिया में है.



उन्होंने यह भी कहा था कि चूंकि फिल्म के प्रमाण से जुड़े अनेक सवाल हैं और वह एक साफ तस्वीर पेश करना चाहते हैं. फिल्म निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार ही जांच और प्रमाणन प्रक्रिया के दौर में है और इसे अभी प्रमाणित किया जाना है.



याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी का कहना था कि फिल्म निर्माता संदीप सिंह ने बयान दिया था कि 11 अप्रैल को फिल्म प्रदर्शित की जायेगी.



इस पर पीठ ने कहा था कि हो सकता है कि सेन्सर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिल जाने की उम्मीद में निर्माता ने इस बायोपिक को 11 अप्रैल को प्रदर्शित करने के बारे में बयान दिया हो.

(इनपुट- भाषा) 

 


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