जस्टिस एमएम शांतानागौदर के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उत्तर प्रदेश राज्य को सहायक शिक्षकों की भर्ती का निर्देश दिया है. सरकार को रिक्त छोड़े गए 37,339 पदों को छोड़कर बाकी सभी सहायक सीटों पर सहायक अध्यापकों के पदों को भरने का निर्देश मिला है.
कोर्ट ने सभी मामलों में राज्य नोटिस जारी किया और राज्य को 14 जुलाई तक जवाब मांगा है.
कोर्ट ने नोटिस में राज्य में कार्यरत शिक्षामित्रों और त्वरित चयन प्रक्रिया में शामिल शिक्षामित्रों की संख्या का आंकड़ा मांगा गया है.साथ ही कितने सिक्षामित्रों ने 45 प्रतिशत से अधिक अंक और रिजर्व कैटेगरी में आने वालों 40 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं और उनके रोलनंबर.
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जो लोग वर्तमान में सहायक अध्यापक के रूप में अपने पद संभाल रहे हैं, उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा, लेकिन राज्य तत्काल चयन द्वारा शेष पदों को भरने के लिए स्वतंत्रता पर है.
संबंधित उम्मीदवार एक सप्ताह के भीतर अपनी प्रतिक्रिया भी दर्ज कर सकते हैं.
21 मई को न्यायमूर्ति यूयू ललित की अगुवाई वाली पीठ ने 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के संबंध में एक राज्य प्रथमिक शिक्षा संघ की याचिका पर यूपी को नोटिस जारी किया था.
पढ़ें-अनूठा हाथी प्रेमी : अख्तर इमाम ने दो हाथियों के नाम लिख दी सारी संपत्ति
आज के आदेश को ध्यान में रखते हुए कहा गया कि राज्य सरकार पदों को भरने के लिए चयन के साथ आगे बढ़ रही है. न्यायालय द्वारा 21.5.2020 को अंतरिम आदेश पारित किया गया जिसके अनुसार राज्य सरकार द्वारा अपनाई जाने वाली चयन प्रक्रिया को अनुमति नहीं दी जाएगी.
यूपी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वह भर्ती प्रक्रिया पर रोक न लगाए लेकिन पीठ ने यह कहते हुए मना कर दिया कि सभी स्कूल बंद हैं और 14 जुलाई तक भर्ती होने पर कुछ नहीं होगा.