नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को असम नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला का तत्काल तबादला करने का आदेश दिया. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई एस ए बोबडे और नरमीन की पीठ ने यह आदेश जारी किया है.
हजेला का तबादला मध्यप्रदेश किया जाएगा. यह निर्देश तब आया है जब हजेला के जान की खतरे की सूचना सामने आ रही थी.
हजेला एनआरसी पर सुप्रीम कोर्ट समन्यवक के रूप और 2013 में किए गए समझौते में शामिल थे. उसके बाद वह प्रणाली में कानूनी जानकार के रुप में कार्य कर रहे थे.
प्रतीक हजेला के तबादले पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता उपमन्यु हजारिका ने ईटीवी भारत से कहा, 'प्रतीक हजेला अचानक तबादला आश्चर्यजनक है उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि कोर्ट सिर्फ उनके तबादले के लिए बैठी थी.'
उन्होंने आगे कहा, 'वैसे देखें तो एनआरसी की अन्तिम सूची आने के बाद ही उनका काम खत्म हो गया. अब उनकी जरूरत नहीं है. वहीं दूसरी ओर, एनआरसी में कुछ सुधार होने बाकी हैं, जैसे कुछ गलत नाम शामिल किए गए थे, उन्हे हटाया जाएगा, कुछ सही नामों को जोड़ा भी जाएगा.'
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उपमन्यु ने आगे कहा, 'मैंने जितना गौर किया उससे मुझे पता चला, हजेला रहेंगे तो एनआरसी में सुधार होना मुश्किल है. इसलिए उनका तबादला ठीक है. उनके जाने से बेहतर ढ़ंग से काम हो सकेगा. उन्होंने कभी भी गलतियों में सुधार नहीं किया. उन्होंने गलतियों के बारे में सूचना मिलने के बाद भी उसे सुधारने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया. ये अच्छा हुआ कि उन्हे बदला जा रहा है. चीजें अब सुचारु रूप से काम करेंगी और एनआरसी की सूची जो अब सामने आएगी वो बिना गलतियों के होगी.'
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गौरतलब है कि अगस्त 2019 को एनआरसी की अंतिम सूची जारी की गई. इसमें 3.01 करोड़ लोगों को शामिल किया गया था जबकि इस सूची में लगभग 19 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं है. एनआरसी सूची तैयार कराने में प्रतीक हजेला का अहम योगदान है.