नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोच्चि के तटीय क्षेत्र पर बने मरदु फ्लैट्स के मद्दे नजर एक अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कहा गया कि कोच्चि के तटीय क्षेत्र पर बने मरदु फ्लैट्स को केरल सरकार द्वारा दी गई समय सीमा के अनुसार 138 दिनों में गिरा दिया जाए.
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट की पीठ ने कोच्चि के तटीय जोन इलाकों में अवैध इमारतों के निर्माण में शामिल बिल्डरों और प्रमोटरों की संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया.
पीठ ने कहा कि सरकार अवैध रूप से इमारत बनाने वाले बिल्डरों और प्रमोटरों से अंतरिम मुआवजा राशि वसूल करने पर विचार कर सकती है.
अदालत ने फ्लैट में रहने वाले प्रभावित लोगों को चार सप्ताह के भीतर अंतरिम मुआवजे के तौर पर 25-25 लाख रुपए देने का ऐलान किया है.
25 लाख रुपए की रकम राज्य सरकार को चुकाने के आदेश दिए गए हैं. इसके साथ ही सेवानिवृत जजों की एक सदस्यीय समिति गठित की गई. गठित की गई ये समिति इमारत गिराने के काम पर निगरानी रखेगी और साथ ही मुआवजे का मूल्यांकन भी करेगी. इस समिति का नेतृत्व जस्टिस अरुण मिश्रा करेंगे.
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इसके साथ ही बिल्डर्स को भी नोटिस जारी कर दिया गया है. सभी बिल्डर्स को जांच में सही दस्तावेजों को दिखाने के भी आदेश दिए गए है और संपत्ति का ब्यौरा देने को भी कहा गया है.
बता दें, केरेला सरकार ने आज एक हलफनामा पेश कर कहा कि वह 138 दिनों में इस ढांचे को ध्वस्त कर देगी. 90 दिनों में यह इमारत को ध्वस्त कर देगा और बाकी बचे दिनों में मलबा साफ किया जाएगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को रखी गई है.