नई दिल्ली : शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. इस प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई. इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कौशल, जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई :-
कोर्ट ने शाहीन बाग मामले की सुनवाई की अगली तारीख 24 फरवरी तय की.
शीर्ष अदालत ने शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए एक वार्ताकार नियुक्त किया है.
कोर्ट के इस फैसले के मद्देनजर वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े के साथ वकील साधना रामचंद्रन को वार्ताकार के तौर पर नियुक्त किया गया है.
वहीं वजहत हबीबुल्लाह और चंद्रशेखर आजाद इस दौरान वार्ताकारों की मदद करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हर कोई सड़क पर उतरने लगेगा तो क्या होगा? साथ ही कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है.
2017 में सुप्रीम कोर्ट ने एक रिट जारी किया था, जिसमें विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस को दिशानिर्देश दिया गया था.
न्यायमूर्ति एसके कौल ने कहा कि समाज का एक वर्ग एक कानून का विरोध कर रहा है. उस कानून का न्यायालय में परीक्षण किया जा रहा है. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि लोगों को विरोध करने का अधिकार नहीं है, लेकिन सवाल यह है कि विरोध कहाँ करना है ?
न्यायमूर्ति कौल ने कहा ने कहा कि आज यह एक कानून है, जिससे लोगों को शिकायत है, कल यह एक और हो सकता है, लेकिन सवाल यह नहीं है कि सवाल यह है कि क्या सार्वजनिक क्षेत्र का इस्तेमाल विरोध के लिए किया जा सकता है?
कौल ने कहा कि कि प्रदर्शनकारियों को वास्तविक चिंता हो सकती है, लेकिन अगर हर कोई सड़कों को अवरुद्ध करना और सार्वजनिक क्षेत्रों में प्रवेश करना शुरू कर दें ... तो यह कहां समाप्त होगा? यह अराजकता पैदा कर सकता है.
वहां एक संभावना होगी जहां वह विरोध कर सकते हैं, लेकिन सड़कों और पूरी तरह से अवरुद्ध होने की आवश्यकता नहीं है?
आपको बता दें, इस मामले में शीर्ष अदालत ने केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस से जवाब तलब किया था. खबरों की मानें तो शाहीन बाग प्रदर्शन को लेकर आज केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस आज अपना जवाब दाखिल कर सकती है.
गौरतलब है कि रविवार को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के लिए जा रहे थे. इसके मद्देनजर वह पैदल मार्च निकालने के लिए एक साथ जमा हुए थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को बीच में ही रोक दिया और शाह से मुलाकात करने नहीं दी गई.
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