ETV Bharat / bharat

इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब - उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक परिवहन और सरकारी वाहनों

याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने सार्वजनिक परिवहन और सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने की अपनी खुद की नीति का पालन करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए.

5741946_thumbnail_2x1_vehicle.JPG
प्रतिकात्मक तस्वीर
author img

By

Published : Jan 17, 2020, 2:52 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक परिवहन और सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने के लिए दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से जवाब मांगा.
याचिका में वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए सभी सार्वजनिक वाहनों और सरकारी वाहनों को धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने की केंद्र की नीति के क्रियान्वयन का अनुरोध किया गया है.

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की ओर से दायर यचिका का संज्ञान लेते हुए केंद्र को नोटिस जारी किया. सड़क परिवहन मंत्रालय को चार सप्ताह के अंदर नोटिस का जवाब देना है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने सार्वजनिक परिवहन और सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने की अपनी खुद की नीति का पालन करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए.

इस संगठन की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि यह योजना वायु प्रदूषण पर रोक लगाने और कार्बन उत्सर्जन को सीमित करने के लिए तैयार की गई थी. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों को ठीक से चार्ज करने के लिए बुनियादी सुविधाएं विकसित करने की आवश्यकता है.

पिछले वर्ष मार्च में शीर्ष अदालत ने केंद्र को यह बताने के लिये कहा था कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए उसने अब तक क्या-क्या कदम उठाए हैं.

पीठ ने इस याचिका को चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया है.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक परिवहन और सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने के लिए दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से जवाब मांगा.
याचिका में वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए सभी सार्वजनिक वाहनों और सरकारी वाहनों को धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने की केंद्र की नीति के क्रियान्वयन का अनुरोध किया गया है.

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की ओर से दायर यचिका का संज्ञान लेते हुए केंद्र को नोटिस जारी किया. सड़क परिवहन मंत्रालय को चार सप्ताह के अंदर नोटिस का जवाब देना है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने सार्वजनिक परिवहन और सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने की अपनी खुद की नीति का पालन करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए.

इस संगठन की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि यह योजना वायु प्रदूषण पर रोक लगाने और कार्बन उत्सर्जन को सीमित करने के लिए तैयार की गई थी. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों को ठीक से चार्ज करने के लिए बुनियादी सुविधाएं विकसित करने की आवश्यकता है.

पिछले वर्ष मार्च में शीर्ष अदालत ने केंद्र को यह बताने के लिये कहा था कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए उसने अब तक क्या-क्या कदम उठाए हैं.

पीठ ने इस याचिका को चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया है.

Intro:Body:Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.