नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने विवादास्पद नए कृषि कानूनों को लागू करने और सरकार एवं आंदोलनरत किसानों के बीच गतिरोध खत्म करने के लिए दाखिल याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है. शीर्ष न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति में एक सदस्य के तौर पर शामिल करने की मांग करने वाली एक कंपनी की याचिका पर केंद्र को मंगलवार को नोटिस जारी किया.
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना तथा न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने याचिका को इसी तरह की अन्य याचिकाओं के साथ संलग्न करते हुए कानून एवं न्याय मंत्रालय और कृषि मंत्रालय को नोटिस जारी किया है.
शीर्ष न्यायालय अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) की एक कंपनी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसके जरिए केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश को केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों को लागू करने के लिए फौरन निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
याचिका रामवे फूड्स लिमिटेड एवं अन्य ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि पूरे देश में करीब 2000 रोलर आटा मिल हैं. जो आटा, मैदा, सूजी और चोकर तैयार करते हैं. ये मिल कच्चे माल के तौर पर गेहूं का इस्तेमाल करने वाले बड़े उपभोक्ता हैं.
याचिका में कहा गया है कि चूंकि याचिकाकार्ता कृषि उपज के बड़े हितधारक हैं इसलिए वे न्यायालय द्वारा गठित समिति का एक सदस्य बनने के हकदार हैं. ताकि समिति के कोई रिपोर्ट सौंपने से पहले सुनवाई के दौरान उसकी शिकायतों पर उचित विचार किया जा सके.
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शीर्ष न्यायालय ने 12 जनवरी को नए कृषि कानूनों के क्रियान्यवयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.