नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने 2019 के राष्ट्रपति के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेग्युलेशन (बीईएफआर) में संशोधन किया गया था और असम को इनर लाइन परमिट (आईएलपी) देने से मना कर दिया गया था. लेकिन असम छात्र संघ द्वारा दायर की गई याचिका पर न्यायालय ने केंद्र से जवाब मांगा है.
ऑल ताई अहोम स्टूडेंट्स यूनियन और असम जाति तबाडी युवा चतरा परिषद ने 1873 में बीईएफआर के संशोधन के खिलाफ याचिका दर्ज की थी. याचिका में कहा गया है कि संशोधन राजनीति से प्रेरित था.
आईएलपी कुछ क्षेत्रों में प्रवेश को विनियमित करता है. नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम जैसे राज्यों में प्रवेश के लिए आईएलपी की जरूरत पड़ती है. यह मूल रूप से एक अनुमति है. छात्रों का मांग है कि पूरे राज्य में आईएलपी का क्रियान्वयन हो.