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सरकार को सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन पर अतिरिक्त समय मिला

उच्चतम न्यायालय ने सभी सेवारत शार्ट सर्विस कमीशन महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन देने के अपने फैसले के अनुपालन के लिए केंद्र को एक और माह का समय दिया है.

जल्द होगी सेना में महिलाओं की स्थायी पदों पर नियुक्ति
जल्द होगी सेना में महिलाओं की स्थायी पदों पर नियुक्ति
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Published : Jul 7, 2020, 2:18 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 4:11 PM IST

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन पर अपने फैसले में दिए गए सभी निर्देशों का पालन करने का केंद्र को निर्देश दिया है. गौरतलब है कि केंद्र ने कोविड-19 वैश्विक महामारी का हवाला देकर छह माह का समय मांगा था.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से कहा है कि वह सेना में योग्य महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के फैसले का पूरा अनुपालन सुनिश्चित करे, और साथ ही वह कमांड पोस्ट्स में भी उनके लिए प्रावधान करे.

न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपना फैसला लागू करने के लिए केंद्र को एक और महीने का वक्त दिया है. केन्द्र ने अपने आवेदन में दावा किया था कि शीर्ष अदालत के 17 फरवरी के फैसले का पर्याप्त अनुपालन सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने रक्षा मंत्रालय का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बालासुब्रह्मण्यम से कहा कि आदेश का पूरी तरह से अनुपालन किया जाना चाहिए, और अदालत के फैसले के बाद पर्याप्त अनुपालन' नाम की कोई चीज नहीं होती है.

महिला अधिकारियों का प्रतिनिधित्व कर रहीं वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी लेखी और मीनाक्षी अरोड़ा ने शीर्ष अदालत के समक्ष दलील दी कि सरकार फैसले को लटकाने का प्रयास कर रही है.

इससे पहले केंद्र ने कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन का हवाला देते हुए कोर्ट में कहा था कि कोर्ट उसे छह महीने की अतिरिक्त मोहलत दे, ताकि वह कमांड पोस्ट में उनके लिए प्रावधान भी बना सके.

एक आवेदन में, रक्षा मंत्रालय ने कहा, आवेदकों ने अदालत द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. हालांकि, कोरोना महामारी और आगामी लॉकडाउन के कारण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है.

दिल्ली उच्च न्यायालय में 11 महिला अधिकारियों द्वारा इस मामले पर मुकदमा किए जाने के 14 साल बाद यह फैसला आया था.

कहां से हुई शुरुआत

बता दें कि प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त, 2018 को की गई घोषणा के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए कदम उठाए. भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट सहित सभी शाखाएं अब महिला अधिकारियों के लिए खुली हैं.

भारतीय नौसेना में, अल्‍प सेवा कमीशन (एसएससी) के माध्यम से महिला अधिकारियों को शामिल करने के लिए, सभी गैर-समुद्रीय शाखाएं/संवर्ग/विशेषज्ञता में अवसर उपलब्‍ध कराए गए हैं.

किन जगहों पर मिलेगा स्थायी कमीशन

शिक्षा, कानून और नौसेना कंस्ट्रक्टर शाखा/संवर्ग के अलावा, महिला एसएससी अधिकारियों को पुरुष अधिकारियों के अनुसार, नौसेना आयुध शाखा में स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए पात्र बनाया गया है.

विगत 5 मार्च, 2019 को सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक भारतीय नौसेना के लिए तीन नए प्रशिक्षण जहाजों को शामिल करने के प्रस्‍ताव पर प्रक्रिया चल रही है. यह पुरुषों और महिला अधिकारियों दोनों के प्रशिक्षण के लिए अपेक्षित आधारभूत सुविधा प्रदान करेगा. प्रशिक्षण जहाजों के चलने के बाद भारतीय नौसेना सभी शाखाओं में महिलाओं को शामिल करना शुरू कर देगी.

10 शाखाओं में स्थायी कमीशन

महिला अधिकारियों को भारतीय सेना की उन सभी 10 शाखाओं में स्थायी कमीशन प्रदान किया जाएगा, जहां महिलाओं को लघु सेवा कमीशन (एसएससी) के लिए शामिल किया गया है. इसलिए, जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) और सेना शिक्षा कोर की मौजूदा दो शाखाओं के अलावा, अब स्‍थायी कमीशन को सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर और इंटेलिजेंस में महिला अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा.

सरकार के मुताबिक एसएससी महिला अधिकारी कमीशन सेवा के चार साल पूरा होने से पहले स्‍थायी कमीशन के लिए अपना विकल्प देंगी और वे स्‍थायी कमशीन मिलने और उनकी विशेषज्ञता के विकल्प का उपयोग करेंगी.

एसएससी महिला अधिकारियों के बारे में उपयुक्तता, योग्यता आदि के आधार पर स्‍थायी कमीशन के अनुदान के लिए विचार किया जाएगा और विभिन्न कर्मचारियों की नियुक्तियों में शामिल किया जाएगा.

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन पर अपने फैसले में दिए गए सभी निर्देशों का पालन करने का केंद्र को निर्देश दिया है. गौरतलब है कि केंद्र ने कोविड-19 वैश्विक महामारी का हवाला देकर छह माह का समय मांगा था.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से कहा है कि वह सेना में योग्य महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के फैसले का पूरा अनुपालन सुनिश्चित करे, और साथ ही वह कमांड पोस्ट्स में भी उनके लिए प्रावधान करे.

न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपना फैसला लागू करने के लिए केंद्र को एक और महीने का वक्त दिया है. केन्द्र ने अपने आवेदन में दावा किया था कि शीर्ष अदालत के 17 फरवरी के फैसले का पर्याप्त अनुपालन सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने रक्षा मंत्रालय का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बालासुब्रह्मण्यम से कहा कि आदेश का पूरी तरह से अनुपालन किया जाना चाहिए, और अदालत के फैसले के बाद पर्याप्त अनुपालन' नाम की कोई चीज नहीं होती है.

महिला अधिकारियों का प्रतिनिधित्व कर रहीं वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी लेखी और मीनाक्षी अरोड़ा ने शीर्ष अदालत के समक्ष दलील दी कि सरकार फैसले को लटकाने का प्रयास कर रही है.

इससे पहले केंद्र ने कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन का हवाला देते हुए कोर्ट में कहा था कि कोर्ट उसे छह महीने की अतिरिक्त मोहलत दे, ताकि वह कमांड पोस्ट में उनके लिए प्रावधान भी बना सके.

एक आवेदन में, रक्षा मंत्रालय ने कहा, आवेदकों ने अदालत द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. हालांकि, कोरोना महामारी और आगामी लॉकडाउन के कारण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है.

दिल्ली उच्च न्यायालय में 11 महिला अधिकारियों द्वारा इस मामले पर मुकदमा किए जाने के 14 साल बाद यह फैसला आया था.

कहां से हुई शुरुआत

बता दें कि प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त, 2018 को की गई घोषणा के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए कदम उठाए. भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट सहित सभी शाखाएं अब महिला अधिकारियों के लिए खुली हैं.

भारतीय नौसेना में, अल्‍प सेवा कमीशन (एसएससी) के माध्यम से महिला अधिकारियों को शामिल करने के लिए, सभी गैर-समुद्रीय शाखाएं/संवर्ग/विशेषज्ञता में अवसर उपलब्‍ध कराए गए हैं.

किन जगहों पर मिलेगा स्थायी कमीशन

शिक्षा, कानून और नौसेना कंस्ट्रक्टर शाखा/संवर्ग के अलावा, महिला एसएससी अधिकारियों को पुरुष अधिकारियों के अनुसार, नौसेना आयुध शाखा में स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए पात्र बनाया गया है.

विगत 5 मार्च, 2019 को सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक भारतीय नौसेना के लिए तीन नए प्रशिक्षण जहाजों को शामिल करने के प्रस्‍ताव पर प्रक्रिया चल रही है. यह पुरुषों और महिला अधिकारियों दोनों के प्रशिक्षण के लिए अपेक्षित आधारभूत सुविधा प्रदान करेगा. प्रशिक्षण जहाजों के चलने के बाद भारतीय नौसेना सभी शाखाओं में महिलाओं को शामिल करना शुरू कर देगी.

10 शाखाओं में स्थायी कमीशन

महिला अधिकारियों को भारतीय सेना की उन सभी 10 शाखाओं में स्थायी कमीशन प्रदान किया जाएगा, जहां महिलाओं को लघु सेवा कमीशन (एसएससी) के लिए शामिल किया गया है. इसलिए, जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) और सेना शिक्षा कोर की मौजूदा दो शाखाओं के अलावा, अब स्‍थायी कमीशन को सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर और इंटेलिजेंस में महिला अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा.

सरकार के मुताबिक एसएससी महिला अधिकारी कमीशन सेवा के चार साल पूरा होने से पहले स्‍थायी कमीशन के लिए अपना विकल्प देंगी और वे स्‍थायी कमशीन मिलने और उनकी विशेषज्ञता के विकल्प का उपयोग करेंगी.

एसएससी महिला अधिकारियों के बारे में उपयुक्तता, योग्यता आदि के आधार पर स्‍थायी कमीशन के अनुदान के लिए विचार किया जाएगा और विभिन्न कर्मचारियों की नियुक्तियों में शामिल किया जाएगा.

Last Updated : Jul 23, 2020, 4:11 PM IST
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