नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस महामारी के बीच महाराष्ट्र स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एसडीएमए) को ऐतिहासिक नांदेड़ गुरुद्वारे में दशहरा जुलूस निकालने पर फैसला लेने के लिए कहा है.
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि नांदेड़ गुरुद्वारा जुलूस के संबंध में एसडीएमए को जमीनी स्थिति के आधार पर निर्णय करना होगा.
उच्चतम न्यायालय ने नांदेड़ गुरुद्वारा प्रबंधन से एसडीएमए के समक्ष कल तक प्रतिवेदन दाखिल करने के लिए कहा.
उच्चतम न्यायालय ने गुरुद्वारा प्रबंधन से कहा कि अगर वह महाराष्ट्र एसडीएमए के निर्णय से संतुष्ट नहीं होता है तो वह बम्बई उच्च न्यायालय में जाए.
इससे पहले, महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि कोविड-19 के बीच नांदेड़ गुरुद्वारे को परम्परा के मुताबिक दशहरा जुलूस निकालने की अनुमति देना 'व्यावहारिक रूप से सही विकल्प' नहीं है और राज्य सरकार ने वायरस का प्रसार रोकने के लिए धार्मिक उत्सवों के आयोजन को अनुमति नहीं देने का फैसला सोच-समझकर किया है.
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'नांदेड़ सिख गुरुद्वारा सचखंड श्री हजूर अबचलनगर साहिब बोर्ड' ने न्यायालय में याचिका दायर की है. याचिका में बोर्ड ने तीन सदियों से चली आ रही परम्परा 'दशहरा, दीपमाला और गुरता गद्दी' का आयोजन कुछ शर्तों के साथ करने देने की अनुमति मांगी थी.