नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्ति सैनिकों के हक में फैसला सुनाया है. सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा है कि वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के तहत लंबित राशि का भुगतान तीन सप्ताह के भीतर किया जाए. सुप्रीम कोर्ट 27 सितंबर को दोबारा इस मामले पर सुनवाई करेगा.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच वरिष्ठ सेवानिवृत्ति सैनिकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें ओआरपीओ के तहत बढ़ी हुई पेंशन राशि जारी करने की मांग की गई है.
सोमवार को पीठ ने यह भी कहा कि सरकार ने पहले ही 10,700 करोड़ रुपये का वितरण किया है और यह नहीं कहा जा सकता है कि सरकार ने कुछ भी नहीं किया है.
पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई सुनवाई में, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को पूर्व सैनिकों की शिकायतों के निवारण पर एक विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए समय दिया है. भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन (IESM) और अन्य की याचिका पर अंतिम सुनवाई 29 सितंबर को होगी.
पूर्व सैनिकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजैफा अहमदी ने कहा कि एक मई, 2019 को शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद अभी भी पूर्व सैनिकों की शिकायतों का निवारण नहीं किया गया है और ओआरओपी के भुगतान के लिए मूल निर्णय को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया.
केंद्र ने कहा कि शिकायतों पर विचार करने के बाद, ओआरओपी को लागू करने के कार्यकारी निर्णय के अनुसरण में 10,795.4 करोड़ रुपये की राशि का वितरण किया गया है.
सॉलिसिटर जनरल ने मांग की कि एक व्यापक हलफनामा दाखिल करने के लिए उन्हें और समय की आवश्यकता होगी. अदाल ने कहा कि यह प्रक्रिया आज से तीन सप्ताह की अवधि के भीतर पूरी की जाएगी.
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने केंद्र को पूर्व सैनिकों की मांगों पर विचार करने और उनकी शिकायतों का निवारण करने को कहा था.