नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 14 साल पुराने एक मामले में सीबीआई को नोटिस जारी किया है. ये नोटिस मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के आय से अधिक संपत्ति मामले में जारी किया गया है. इसके लिए अदालत ने एजेंसी से दो हफ्तों के अंदर जवाब मांगा है.
मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायमूर्ति ने कहा कि प्रथमदृष्टया मुलायम और अखिलेश के खिलाफ मामला बनता है. बता दें, इस मामले के मूल याचिकाकर्ता राजनीतिक कार्यकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी हैं. विश्वनाथ ने इससे संबंधित एक अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी. उन्होंने मांग की है कि सीबीआई ने इस मामले में क्या कार्रवाई की, इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट या निचली अदालत में दाखिल की जाए.
यादव की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर चुका है कोर्ट
विश्वनाथ चतुर्वेदी ने कहा कि सीबीआई ने अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. 2012 में अदालत ने यादव की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी थी. हालांकि, डिंपल यादव की अर्जी को मंजूर कर कोर्ट ने उनके खिलाफ जांच को बंद कर दिया था.
ईटीवी भारत से चतुर्वेदी ने कहा...
इस संबंध में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने कहा कि पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की जानी चाहिए. आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव की वजह से कोई भी जांच की प्रक्रिया नहीं रूक सकती.
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गलत तरीके से खड़ी की 2.63 करोड़ की संपत्ति
राजनीतिक कार्यकर्ता चतुर्वेदी की याचिका के मुताबिक, आयकर रिटर्न और अन्य दस्तावेजों में यादव परिवार की गलत तरीके से खड़ी की गई संपत्ति की रकम लगभग 2.63 करोड़ रुपये आंकी गई. इसके लिए चतुर्वेदी ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत यादव परिवार के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की.
'यादव परिवार ने किया सत्ता का दुरुपयोग'
चतुर्वेदी ने वर्ष 2005 में याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि सीबीआई मुलायम सिंह यादव, अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल यादव, बेटे प्रतीक यादव के खिलाफ कार्रवाई करे. चतुर्वेदी का आरोप है कि यादव परिवार ने सत्ता का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है.
2007 में दिया था SC ने जांच का निर्देश
विश्वनाथ चतुर्वेदी की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एक मार्च 2007 को फैसला लेते हुए सीबीआई को जांच के निर्देश दिये थे. गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि अभी इस मामले की सुनवाई न कि जाए, बावजूद इसके कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया है.