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एनआरसी से ट्रांसजेंडर वर्ग को बाहर रखने के मामले में कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने असम एनआरसी में दो हजार ट्रांसजेंडर वर्ग के लोगों को कथित रूप से शामिल नहीं करने के मामले में केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 27, 2020, 2:37 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 3:35 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने असम में अंतिम रूप से प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में करीब दो हजार ट्रांसजेंडर वर्ग के लोगों को कथित रूप से शामिल नहीं करने के मामले में सोमवार को केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा.

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने स्वाति बिधान बरुआ की जनहित याचिका पर केंद्र और असम सरकार को नोटिस जारी किए.

पढ़ें : नवादाः CAA, NRC और NPR के विरोध में वामदलों के बनाई मानव श्रृंखला

असम से पहले ट्रांसजेंडर न्यायाधीश बरुआ ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी की प्रक्रिया और इसके बाद सूची के अंतिम मसौदे के प्रकाशन के दौरान ट्रांसजेंडर वर्ग को अलग रखने के दृष्टांत बताते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने असम में अंतिम रूप से प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में करीब दो हजार ट्रांसजेंडर वर्ग के लोगों को कथित रूप से शामिल नहीं करने के मामले में सोमवार को केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा.

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने स्वाति बिधान बरुआ की जनहित याचिका पर केंद्र और असम सरकार को नोटिस जारी किए.

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असम से पहले ट्रांसजेंडर न्यायाधीश बरुआ ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी की प्रक्रिया और इसके बाद सूची के अंतिम मसौदे के प्रकाशन के दौरान ट्रांसजेंडर वर्ग को अलग रखने के दृष्टांत बताते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है.

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एनआरसी से ट्रांसजेन्डर वर्ग को बाहर रखने के आरोप पर न्यायालय ने केन्द्र, असम से मांगा जवाब



नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने असम में अंतिम रूप से प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में करीब दो हजार ट्रांसजेन्डर लोगों को कथित रूप से शामिल नहीं करने के मामले में सोमवार को केन्द्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा.



प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने स्वाति बिधान बरूआ की जनहित याचिका पर केन्द्र और असम सरकार को नोटिस जारी किये.



असम से पहले ट्रांसजेन्डर न्यायाधीश बरूआ ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी की प्रक्रिया और इसके बाद सूची के अंतिम मसौदे के प्रकाशन के दौरान ट्रांसजेन्डर वर्ग को अलग रखने के दृष्टांत बताते हुये उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है.


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Last Updated : Feb 28, 2020, 3:35 AM IST
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