नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को नौकरियों में पदोन्नति और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए क्रीमी लेयर को आरक्षण के मांग करने वाली याचिका को स्थगित कर दिया.
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में, भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व वाली पीठ के सामने इस मामले का उल्लेख करते हुए इस मामले को एक बड़ी पीठ के पास भेजने की मांग की थी.
इससे पहले भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आ चुका है, जहां अदालत ने फैसला सुनाया था कि एससी और एससी की क्रीमी लेयर को आरक्षण का अधिकार नहीं होना चाहिए और इसका लाभ सबसे गरीब लोगों तक पहुंचना चाहिए.
2006 में शीर्ष अदालत ने नागराज मामले में फैसला सुनाया था कि क्रीमी लेयर को एससी एसटी आरक्षण से बाहर रखा जाना चाहिए. जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि आरक्षण का लाभ गरीब लोगों को मिले.
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2018 में भी अटॉर्नी जनरल ने इस मामले को एक बड़ी पीठ के पास भेजने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट इस पर सहमत नहीं हुई थी.