नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने विपक्षी दलों के 21 नेताओं से कहा कि वे लोकसभा और विधानसभा चुनावों में कम से कम 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों की गिनती के अनुरोध पर निर्वाचन आयोग के हलफनामे पर अपना जवाब एक सप्ताह के भीतर दाखिल करें.
आयोग ने अपने हलफनामे में कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र के वर्तमान नियम से सत्यापन का नमूना आकार और बढ़ाने से भरोसे के स्तर में बहुत मामूली बढोत्तरी होगी.
आयोग ने कहा कि हर संसदीय या विधानसभा क्षेत्र में औसतन 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्ची सत्यापन की विपक्षी नेताओं की मांग से मतगणना के लिए जरूरी समय में छह अतिरिक्त दिन लगेंगे.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू के नेतृत्व में विपक्षी दलों के नेताओं ने मांग की है कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रत्येक सीट से कम से कम 50 प्रतिशत ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों की जांच की जानी चाहिए.
सिंघवी ने कहा कि उन्हें तीन चार बिन्दुओं पर आयोग के हलफनामे पर जवाब सौंपना है.
आयोग ने हलफनामे में कहा कि कई विधानसभा क्षेत्रों में 400 से अधिक मतदान केन्द्र हैं जिनके लिये वीवीपैट पर्चियों की गणना पूरी करने में करीब आठ-नौ दिन की जरूरत होगी.
आयोग ने कहा कि बढ़ी हुयी वीवीपैट पर्चियों की गणना के लिये चुनाव अधिकारियों के व्यापक प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी और इसके लिये चुनाव कार्य में तैनात अधिकारियों की संख्या में भी वृद्धि करने की जरूरत पड़ेगी.
निर्वाचन आयोग ने इस समय विधानसभा चुनाव के लिये एक निर्वाचन क्षेत्र से एक मतदान केन्द्र और लोकसभा चुनाव के मामले में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक-एक मतदान केन्द्र की वीवीपैट पर्चियों की गणना की प्रणाली अपनायी है.
आयोग ने अपने हलफनामे में कहा है कि विपक्ष के नेता वीवीपैट पर्चियों की गिनती के मौजूदा तरीके को बदलने का कोई ठोस कारण नहीं बता सके हैं.
फिलहाल प्रत्येक सीट के एक मतदान केन्द्र पर वीवीपैट पर्चियों की क्रम रहित (रैंडम) गिनती की जाती है.