पणजी : अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए जो ट्रस्ट बनाया जाएगा, उसे मंदिर में आदिवासी और निम्न जाति के लोगों की मूर्तियों की स्थापना के लिए जगह आवंटित करनी चाहिए, जिन्होंने भगवान राम की श्रीलंका यात्रा में मदद की थी. उक्त बातें गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक कार्यक्रम के दौरान कही.
दरअसल गोवा के वर्तमान राज्यपाल सत्यपाल मलिक दक्षिण गोवा के पोंडा में राजीव गांधी कला मंदिर में दूसरे जनजातीय छात्र सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे.
इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पूरा देश चाहता है कि अयोध्या में एक बड़ा राम मंदिर का निर्माण हो. लेकिन मुझे लगता है कि ऐसा कोई नहीं है जिसने उन लोगों के लिए जगह मांगी हो, जिन्होंने भगवान राम की यात्रा में मदद की थी.
मलिक ने कहा कि सभी आदिवासियों और निचली जातियों के लोगों से उन्हें मदद मिली. राम दरबार में केवट और शबरी (भगवान राम की मदद करने वाले) की मूर्तियों की मांग करने वाले की आवाज अभी तक नहीं सुनी.'
बकौल मलिक, 'जिस दिन यह विश्वास बन जाएगा मैं उन्हें पत्र लिखूंगा कि वे सच्चाई के पक्ष में उनके साथ लड़े लोगों की मूर्तियों को स्थापित करने का आग्रह करुंगा. यहीं सच्चे भारत की पहचान होगी.'
गोवा के राज्यपाल ने कहा कि वह किसी विवाद से डरते नहीं और आगे यह भी बताया कि अगर आदिवासी और छोटी जाति के लोगों की मूर्तियों के बिना मंदिर न 'पूर्ण और न ही भव्य' होगा, जिन्होंने भगवान राम को उनके प्रयासों में मदद की थी.
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जनजातीय छात्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए सत्यपाल मलिक ने छात्रों से अपनी पढ़ाई और खेल पर ध्यान केंद्रित करने और समाज की बेहतरी के लिए उच्च लक्ष्य रखने का आग्रह किया.
अपने भाषण के दौरान उन्होंने अपने सहयोगियों के अनुभवों को भी बताया जो हाशिए की पृष्ठभूमि से आए थे.
मलिक ने कहा कि छात्रों को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए.
उन्होंने कहा, 'आदिवासी और तथाकथित निम्न जाति के छात्रों को अपने इतिहास के बारे में जानना चाहिए, जिन्होंने भगवान राम की यात्रा में मदद की और उन्हें गर्व करना चाहिए.