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किसान आंदोलन को बदनाम करने का षड़यंत्र रच रही सरकार: शिवसेना

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Published : Feb 5, 2021, 6:50 PM IST

शिवसेना ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि लाल किला का अपमान करने वाला अभी तक पकड़ा नहीं गया है, लेकिन अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करने वाले किसानों को देशद्रोही बना दिया.

sanjay raut attacks on center in rajya sabha
संजय राउत ने सरकार पर साधा निशाना

नई दिल्ली : शिवसेना ने शुक्रवार को दावा किया कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन सिर्फ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का नहीं, बल्कि पूरे देश का आंदोलन है. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रच रही है.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने यह कहते हुए भी सरकार पर निशाना साधा कि उससे सवाल पूछने या उसकी आलोचना करने वालों पर आज देशद्रोह का मुकदमा दायर कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि मोदी जी को प्रचंड बहुमत मिला है और हम इसका सम्मान करते हैं. बहुमत देश चलाने के लिए होता है. बहुमत अहंकार से नहीं चलता.

राज्य सभा में बोलते शिवसेना नेता संजय राउत

उन्होंने कहा कि निंदा करने वालों को आप बदनाम कर देते हैं, जैसे किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश चल रही है. यह देश की प्रतिष्ठा के लिए ठीक नहीं है, यह देश के किसानों के लिए और हम सब के लिए भी ठीक नहीं है. गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई हिंसा का उल्लेख करते हुए राउत ने कहा कि इस मामले का मुख्य आरोपी अभी तक पकड़ा नहीं गया है, जबकि 200 से अधिक किसानों को जेल में बंद कर देशद्रोह का मुकदमा दायर कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि लाल किले का अपमान करने वाला दीप सिद्धू कौन है? किसका आदमी है? इस बारे में क्यों नहीं बताया जाता? किसने उसे ताकत दी? अब तक वह पकड़ा नहीं गया, लेकिन 200 से ज्यादा किसान इस प्रकरण में बंद हैं और उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दायर कर दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि हक के लिए लड़ने वाले किसानों को इस सरकार ने देशद्रोही बना दिया है.

राउत ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान पूरे देश के किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ तीन राज्यों की लड़ाई नहीं है. पूरा देश उनके साथ है. उन्होंने कहा कि हमारे सिख भाई जब मुगलों के खिलाफ लड़े तो योद्धा कहलाए, अंग्रेजों से लड़े तो देशभक्त और कोरोना के समय लंगर लगाये तो देशप्रेमी हो गये, लेकिन वह जब अपने हक के लिए लड़े तो वह खालिस्तानी और देशद्रोही हो गये.

किसानों के आंदोलन स्थलों के इर्दगिर्द सुरक्षा कड़ी किए जाने और इसके मद्देनजर सड़कों पर किले और अवरोधक लगाने का उल्लेख करते राउत ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था यदि लद्दाख में सीमा पर की गई होती, तो चीन भारत के अंदर नहीं आता. शिवसेना नेता ने कहा कि आज देश में ऐसा माहौल हो गया है कि सच बोलने वालों को गद्दार और देशद्रोही कहकर पुकारा जाता है.

पढ़ें: राज्य सभा में बोले कृषि मंत्री, खून से खेती कांग्रेस कर सकती है भाजपा नहीं

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, कांग्रेस नेता शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई सहित कुछ पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मुकदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज जो सरकार से सवाल पूछता है उस पर देशद्रोह का मुकदमा ठोक दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कानून की किताब से आईपीसी की धाराएं खत्म करके, एक ही धारा कर दी गई है और वह है देशद्रोह की. घरेलू हिंसा के मामलों में भी देशद्रोह का मुकदमा ठोंक दिया जाता है.

नई दिल्ली : शिवसेना ने शुक्रवार को दावा किया कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन सिर्फ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का नहीं, बल्कि पूरे देश का आंदोलन है. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रच रही है.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने यह कहते हुए भी सरकार पर निशाना साधा कि उससे सवाल पूछने या उसकी आलोचना करने वालों पर आज देशद्रोह का मुकदमा दायर कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि मोदी जी को प्रचंड बहुमत मिला है और हम इसका सम्मान करते हैं. बहुमत देश चलाने के लिए होता है. बहुमत अहंकार से नहीं चलता.

राज्य सभा में बोलते शिवसेना नेता संजय राउत

उन्होंने कहा कि निंदा करने वालों को आप बदनाम कर देते हैं, जैसे किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश चल रही है. यह देश की प्रतिष्ठा के लिए ठीक नहीं है, यह देश के किसानों के लिए और हम सब के लिए भी ठीक नहीं है. गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई हिंसा का उल्लेख करते हुए राउत ने कहा कि इस मामले का मुख्य आरोपी अभी तक पकड़ा नहीं गया है, जबकि 200 से अधिक किसानों को जेल में बंद कर देशद्रोह का मुकदमा दायर कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि लाल किले का अपमान करने वाला दीप सिद्धू कौन है? किसका आदमी है? इस बारे में क्यों नहीं बताया जाता? किसने उसे ताकत दी? अब तक वह पकड़ा नहीं गया, लेकिन 200 से ज्यादा किसान इस प्रकरण में बंद हैं और उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दायर कर दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि हक के लिए लड़ने वाले किसानों को इस सरकार ने देशद्रोही बना दिया है.

राउत ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान पूरे देश के किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ तीन राज्यों की लड़ाई नहीं है. पूरा देश उनके साथ है. उन्होंने कहा कि हमारे सिख भाई जब मुगलों के खिलाफ लड़े तो योद्धा कहलाए, अंग्रेजों से लड़े तो देशभक्त और कोरोना के समय लंगर लगाये तो देशप्रेमी हो गये, लेकिन वह जब अपने हक के लिए लड़े तो वह खालिस्तानी और देशद्रोही हो गये.

किसानों के आंदोलन स्थलों के इर्दगिर्द सुरक्षा कड़ी किए जाने और इसके मद्देनजर सड़कों पर किले और अवरोधक लगाने का उल्लेख करते राउत ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था यदि लद्दाख में सीमा पर की गई होती, तो चीन भारत के अंदर नहीं आता. शिवसेना नेता ने कहा कि आज देश में ऐसा माहौल हो गया है कि सच बोलने वालों को गद्दार और देशद्रोही कहकर पुकारा जाता है.

पढ़ें: राज्य सभा में बोले कृषि मंत्री, खून से खेती कांग्रेस कर सकती है भाजपा नहीं

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, कांग्रेस नेता शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई सहित कुछ पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मुकदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज जो सरकार से सवाल पूछता है उस पर देशद्रोह का मुकदमा ठोक दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कानून की किताब से आईपीसी की धाराएं खत्म करके, एक ही धारा कर दी गई है और वह है देशद्रोह की. घरेलू हिंसा के मामलों में भी देशद्रोह का मुकदमा ठोंक दिया जाता है.

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