हरिद्वार : गंगा की निर्मलता और अविरतला के लिए मातृ सदन में साध्वी पद्मावती का अनशन पिछले 15 दिसंबर से लगातार जारी है. बीती 30 जनवरी की रात जिला प्रशासन ने उनकी गिरती सेहत का हवाला देते हुए उन्हें जबरन अनशन से उठा लिया था, जिसके बाद उन्हें दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.
मातृ सदन ने सरकार से लेकर प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. मामले में साध्वी पद्मावती ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है.
पीएम को लिखे गये पत्र में साध्वी पद्मावती ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, हरिद्वार और देहरादून के सीएमओ और एक डॉक्टर को तत्काल हटाने की मांग की है. मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद का आरोप है कि इन सभी लोगों ने डॉक्टर के साथ मिलकर साध्वी पद्मावती की जान के साथ खिलवाड़ किया है.
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स्वामी शिवानंद का कहना है कि इन सब लोगों ने मिलकर साध्वी को मारने का षड्यंत्र रचा था. जो संभव नहीं हो सका. इसके बाद इन्होंने साध्वी पद्मावती को बदनाम करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इतना सब कुछ होने के बावजूद भी साध्वी ने अपना अनशन जारी रखा है.
बता दें कि गंगा के संरक्षण को लेकर अब तक कई संत अनशन पर बैठ चुके हैं और इस अनशन की वजह से वे मौत की नींद भी सो चुके हैं, लेकिन गंगा की हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है. अब मां गंगा की रक्षा के लिए बेटी पद्मावती अनशन पर बैठ गई है.
पद्मावती ने अनशन पर बैठने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा था. जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा था कि उन्होंने अब तक गंगा पर किए एक भी वादे को पूरा नहीं किया है. वहीं, पद्मावती ने 15 दिसम्बर से अनशन पर जाने की घोषणा की थी और वह इसी दिन से अनशन पर बैठी भी हैं.