नई दिल्ली : भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया. इस शोकमय संदेश के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने उनसे जुड़ी कुछ खास बातें साझा की हैं. वह बताते हैं कि प्रणब मुखर्जी बहुत उदार और दयालु थे. वह भूल जाते थे कि वह भारत के राष्ट्रपति हैं. राजनीतिक मतभेद के बाद भी वह सभी को अपना बनाना उनकी प्रकृति में था.
मोहन भागवत ने बताया कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी के निधन से उनके चाहने वालों को गहरा दुख पहुंचा है. भागवत ने कहा, जब वह राष्ट्रपति थे तब मैं उनसे मिला था. पहली भेंट में ही उनके उदार और आत्मीय स्वाभाविक व्यवहार ने मुझे यह भुला दिया कि मैं भारत के राष्ट्रपित से बात कर रहा हूं. मुझे ऐसा लगा कि मैं अपने घर के बुजुर्ग से बात कर रहा हूं.'
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मोहन भागवत ने बताया कि जब विजयादशमी के मौक पर प्रणब मुखर्जी नागपुर में संघ के कार्यक्रम में शामिल होने आए थे तो उन्होंने अपना परिचय देते हुए कहा था कि 'मैं प्रणब मुखर्जी भारत का राष्ट्रपति रहा हूं'. इतना बोलकर वह बैठ गए. भागवत कहते हैं कि यह इतनी अप्रत्याशित बात थी. सभी लोग आवाक रह गए और सब लोग मन ही मन उनकी सादगी, मिलनसार के कायल हो गए. प्रणब दा इतना सबके साथ सामान्य होकर सबके साथ घुलने मिलने वाले थे, लेकिन वह बहुत बड़े अनुभवी व परिपक्व चिंतक भी थे, उनके पास जानकारी भी थी. इसलिए हम जैसे लोगों के वह मार्गदर्शक थे.