नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गत वर्ष 19 दिसंबर को लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा पर समाजवादी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया है कि इसमें बेगुनाह लोगों को यूपी सरकार फंसा रही है. इन घटनाओं के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोग हैं, जो पत्थरबाजी करते हैं और बाद में आम लोगों को फंसाया जाता है.
सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में यूपी पुलिस पर आरोप लगाया और कहा कि लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पुलिस द्वारा लोगों को निशाना बनाया गया, जिसमें सिर्फ फिरोजाबाद में ही सात लोगों को गोलियां मारी गई और वो भी सीधे-सीधे सीने पर.
उन्होंने कहा कि पुलिस को ऐसी स्थिति में किसी को यदि गोली भी मारनी थी तो वह कमर के नीचे मारी जानी चाहिए, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ.
नागरिकता कानून के दौरान प्रदर्शन में हुई हिंसा पर रामगोपाल ने आरएसएस पर आरोप लगाया और कहा कि वे ही लोग पत्थरबाजी करते हैं और पुलिस के जरिए लोगों को मरवाते हैं.
यह पूछे जाने पर कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक यूपी में सीएए हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का पैसा लगा है, सपा नेता ने कहा कि यह सब 'फ्रॉड' (धोखा) है और ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.
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उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति यदि वकालत करता है तो उसके लिए पैसे लेता है, दो साल पहले क्या सरकार या कपिल सिब्बल को पता था कि कोई सीएए लाने वाला है और आंदोलन होगा और इस पैसे का इस्तेमाल होगा.
रामगोपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब गुंडागर्दी चालू हो चुकी है और जैसे ही वक्त (चुनाव) आएगा, वैसे ही जनता इस सरकार को उखाड़ फेंकेगी.