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साई बाबा की जन्मस्थली पर क्यों उठा विवाद, जानें क्या है पूरा मामला

महाराष्ट्र सरकार द्वारा पथरी को तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने के निर्णय पर कोहराम मच गया है. भाजपा सांसद सुजय विखे पाटिल ने पूछा कि पथरी को साईं का जन्मस्थान बताने का मुद्दा नई सरकार के आने के बाद ही क्यों उठ खड़ा हुआ. समझें क्या है पूरा मामला...

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Published : Jan 18, 2020, 2:27 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 5:18 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले में स्थित पथरी को साई बाबा की जन्मस्थली बताने के बाद विवाद बढ़ गया है. इससे नाराज शिरडी के लोगों ने बंद का एलान कर दिया है.

क्या है पूरा मामला :

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
  • परभणी जिले में स्थित पथरी शिरडी से 275 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. महाराष्ट्र सरकार ने इसे साईं की जन्मभूमि बताया है.
  • वहीं, कुछ श्रद्धालुओं का भी मानना है कि साई का जन्म पथरी में हुआ था.
  • विवाद की शुरुआत तब हुई जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले में स्थित पथरी के विकास के लिए सौ करोड़ रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की.
  • अहमदनगर जिले में स्थित शिरडी में 19वीं शताब्दी में साई ने निवास किया था, जहां आज लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष दर्शन करने जाते हैं.
  • इस एलान के बाद शिरडी गांव के लोग नाराज हो गए. उनका कहना है कि पथरी के विकास से आपत्ति नहीं है. सीएम ठाकरे के बयान से आहत लोगों ने शिरडी बंद का एलान कर दिया है.
    इंफोग्राफिक
    इंफोग्राफिक

साईं के जन्म स्थल पर विवाद नहीं, सरकार ने बनाया मुद्दा
भाजपा सांसद सुजय विखे पाटिल ने पूछा कि पथरी को साई का जन्मस्थान बताने का मुद्दा नई सरकार के आने के बाद ही क्यों उठ खड़ा हुआ.इस बारे में पाटिल ने यह भी कहा था कि शिरडी के लोग इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई भी लड़ सकते हैं.

पाटिल ने कहा, 'साईं के जन्म स्थल पर कोई विवाद नहीं था. सरकार बदलने के बाद यह मुद्दा क्यों बन गया और नए साक्ष्य क्यों सामने आने लगे? कोई राजनीतिक नेता साईं का जन्म स्थल निर्धारित नहीं कर सकता.'

सुविधाएं देना सकारात्मक कदम
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि जन्मस्थल पर विवाद के कारण पथरी में श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं का विरोध नहीं होना चाहिए. चव्हाण ने पथरी को विकसित करने के सरकार के निर्णय का बचाव किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे ने पथरी में साई जन्मस्थान मंदिर को विकसित करने और वहां जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्रदान करने का सकारात्मक कदम उठाया है.

पथरी जन्म भूमि के पर्याप्त सबूत
राकांपा नेता दुर्रानी अब्दुल्लाह खान ने गुरुवार को दावा किया कि इसके पर्याप्त सबूत हैं कि साई का जन्म पथरी में हुआ था. खान ने आरोप लगाया कि शिरडी के निवासियों को डर है कि यदि पथरी प्रसिद्ध हो गया तो श्रद्धालुओं की भीड़ वहां चली जाएगी.

उन्होंने कहा, 'शिरडी साई की कर्मभूमि है जबकि पथरी उनकी जन्मभूमि है और दोनों स्थान का अपना महत्व है. देश और दुनिया के पर्यटक पथरी जाते हैं लेकिन वहां ढांचागत सुविधाओं का अभाव है. शिरडी के लोगों को धन की समस्या नहीं है. वह पथरी को साईं का जन्म स्थल मानने को तैयार नहीं हैं.'

साईं ट्रस्ट का शिरडी बंद
साईं संस्थान ट्रस्ट के बी वाकचर ने कहा, 'हमने अफवाहों के खिलाफ शिरडी को 19 जनवरी से बंद करने की घोषणा की है.' वाचाचर ने कहा, 'इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आज शाम ग्रामीणों की एक बैठक बुलाई जाएगी. शिरडी आने पर भक्तों को किसी तरह की कठिनाई नहीं होगी.'

मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले में स्थित पथरी को साई बाबा की जन्मस्थली बताने के बाद विवाद बढ़ गया है. इससे नाराज शिरडी के लोगों ने बंद का एलान कर दिया है.

क्या है पूरा मामला :

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
  • परभणी जिले में स्थित पथरी शिरडी से 275 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. महाराष्ट्र सरकार ने इसे साईं की जन्मभूमि बताया है.
  • वहीं, कुछ श्रद्धालुओं का भी मानना है कि साई का जन्म पथरी में हुआ था.
  • विवाद की शुरुआत तब हुई जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले में स्थित पथरी के विकास के लिए सौ करोड़ रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की.
  • अहमदनगर जिले में स्थित शिरडी में 19वीं शताब्दी में साई ने निवास किया था, जहां आज लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष दर्शन करने जाते हैं.
  • इस एलान के बाद शिरडी गांव के लोग नाराज हो गए. उनका कहना है कि पथरी के विकास से आपत्ति नहीं है. सीएम ठाकरे के बयान से आहत लोगों ने शिरडी बंद का एलान कर दिया है.
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साईं के जन्म स्थल पर विवाद नहीं, सरकार ने बनाया मुद्दा
भाजपा सांसद सुजय विखे पाटिल ने पूछा कि पथरी को साई का जन्मस्थान बताने का मुद्दा नई सरकार के आने के बाद ही क्यों उठ खड़ा हुआ.इस बारे में पाटिल ने यह भी कहा था कि शिरडी के लोग इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई भी लड़ सकते हैं.

पाटिल ने कहा, 'साईं के जन्म स्थल पर कोई विवाद नहीं था. सरकार बदलने के बाद यह मुद्दा क्यों बन गया और नए साक्ष्य क्यों सामने आने लगे? कोई राजनीतिक नेता साईं का जन्म स्थल निर्धारित नहीं कर सकता.'

सुविधाएं देना सकारात्मक कदम
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि जन्मस्थल पर विवाद के कारण पथरी में श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं का विरोध नहीं होना चाहिए. चव्हाण ने पथरी को विकसित करने के सरकार के निर्णय का बचाव किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे ने पथरी में साई जन्मस्थान मंदिर को विकसित करने और वहां जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्रदान करने का सकारात्मक कदम उठाया है.

पथरी जन्म भूमि के पर्याप्त सबूत
राकांपा नेता दुर्रानी अब्दुल्लाह खान ने गुरुवार को दावा किया कि इसके पर्याप्त सबूत हैं कि साई का जन्म पथरी में हुआ था. खान ने आरोप लगाया कि शिरडी के निवासियों को डर है कि यदि पथरी प्रसिद्ध हो गया तो श्रद्धालुओं की भीड़ वहां चली जाएगी.

उन्होंने कहा, 'शिरडी साई की कर्मभूमि है जबकि पथरी उनकी जन्मभूमि है और दोनों स्थान का अपना महत्व है. देश और दुनिया के पर्यटक पथरी जाते हैं लेकिन वहां ढांचागत सुविधाओं का अभाव है. शिरडी के लोगों को धन की समस्या नहीं है. वह पथरी को साईं का जन्म स्थल मानने को तैयार नहीं हैं.'

साईं ट्रस्ट का शिरडी बंद
साईं संस्थान ट्रस्ट के बी वाकचर ने कहा, 'हमने अफवाहों के खिलाफ शिरडी को 19 जनवरी से बंद करने की घोषणा की है.' वाचाचर ने कहा, 'इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आज शाम ग्रामीणों की एक बैठक बुलाई जाएगी. शिरडी आने पर भक्तों को किसी तरह की कठिनाई नहीं होगी.'

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Last Updated : Jan 18, 2020, 5:18 PM IST
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