शिमला : सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने एक बार फिर रोहतांग दर्रे की बहाली के लिए कदम बढ़ा उठाया है. 15 नवंबर के बाद रोहतांग दर्रा आधिकारिक तौर पर बंद हो गया है और बीआरओ ने भी अपना सामान समेट लिया था, लेकिन दर्रे सहित लाहौल घाटी में फंसे वाहन निकालने के लिए यह पहल की गई है.
बताया जा रहा है बीआरओ अब रोहतांग दर्रे को मिलाने से 15 किलोमीटर ही दूर है. उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार शाम तक दर्रा बहाल हो सकता है और लाहौल में फंसे वाहनों को निकाला जा सकता है. बर्फबारी के बाद बीआरओ ने 13 नवंबर को रोहतांग दर्रा वाहनों के लिए खोल दिया था, लेकिन 15 को फिर से बर्फबारी से दर्रा बंद हो गया.
बता दें कि 14 नवंबर को टैंकर और ट्रक ईंधन, राशन लेकर लाहौल गए थे, जो बर्फबारी में फंस गए. उसी रात केलांग से आ रही पुलिस की बस भी रोहतांग में ही फंसी हुई है. बीआरओ अब चौथी बार रोहतांग बहाली करने जा रहा है. हालांकि सरकार ने लाहौल के लोगों की दिक्कत को देखते हुए बस सेवा रोहतांग सुरंग से शुरू कर दी है, लेकिन कई वाहन अभी भी लाहौल घाटी में फंसे हुए हैं.
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बीआरओ के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि लोगों की दिक्कत को देखते हुए रोहतांग दर्रे की बहाली का काम शुरू कर दिया है. उम्मीद है आज शाम तक रोहतांग दर्रा फिर से बहाल कर लिया जाएगा.